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Ganesh Jayanti 2024: कब है गणेश जयंती, कैसे करें पूजा? जानें शुभ मुहूर्त… इन मंत्रों से करें गणपति जी को प्रसन्न

Ganesh Jayanti 2024: माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को माघी गणेश चतुर्थी कहा जाता है और मान्यता है कि माघी चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। दक्षिण भारत में इस दिन को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

Ganesh Jayanti 2024: गणेश जयंती पर बप्पा को लगाएं मोदक का भोग, पूरी होगी मनोकामना

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देवता का स्थान दिया गया है। प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। इस दिन भगवान गणेश की पूजा होती है और व्रत रखने का भी विधान है। माघ माह के शुक्ल पक्ष में आने वाली चतुर्थी तिथि को माघी गणेश चतुर्थी कहा जाता है और मान्यता है कि माघी चतुर्थी के दिन ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था। दक्षिण भारत में इस दिन को बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

मान्यता है इस दिन गौरी पुत्र गणेश जी की पूजा करने से शिक्षा प्राप्ति, बुद्धि दोष, करियर में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती है। जानें इस साल माघ विनायक चतुर्थी, गणेश जयंती 2024 की डेट, पूजा मुहूर्त और महत्व.

माघ विनायक चतुर्थी 2024 डेट

माघ विनायक चतुर्थी 13 फरवरी 2024 को है। इसी दिन गणेश जयंती मनाई जाएगी। कुंभ संक्रांति भी इसी दिन है। माघ शुक्ल गणेश जयंती को मुख्यतः महाराष्ट्र व कोंकण के तटीय क्षेत्रों में मनाया जाता है। भारत के अन्य क्षेत्रों में भाद्रपद माह में आने वाली चतुर्थी को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

माघ विनायक चतुर्थी 2024 मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, माघ शुक्ल चतुर्थी तिथि 12 फरवरी 2024 को शाम 05.44 पर शुरू होगी और समापन 13 फरवरी 2024 को दोपहर 02.41 पर होगा।

  • मध्याह्न गणेश पूजा मुहूर्त – सुबह 11:29 – दोपहर 01:42
  • अवधि – 02 घण्टे 14 मिनट्स
  • वर्जित चन्द्रदर्शन का समय – सुबह 09:18 – रात 10:04

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माघ विनायक चतुर्थी

गणेश जी बुद्धि और शुभता के देव हैं। इनकी कृपा से जीवन में शुभता आती है। व्यक्ति को विघ्न-बाधाओं से मुक्ति प्राप्त होती है। गणपति जी की पूजा से मां लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है क्योंकि बप्पा देवी लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं। गणेश जयंती पर बप्पा को प्रसन्न करने के लिए गणेश चालीसा और गणपति स्तोत्र का पाठ करें। इस दिन आप गणेश मंदिर जाकर उन्हें गुड़ का भोग लगाएं। ऐसा करने से गणपति के साथ माता लक्ष्मी भी प्रसन्न होंगी।

पूजा के समय इन मंत्राें का करें जाप

अगर आप भी भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो विनायक चतुर्थी के दिन पूजा के दौरान गणपति बप्पा की पूजा करें। साथ ही विशेष मंत्रों का जाप करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान गणेश प्रसन्न होंगे और उनकी कृपा प्राप्त होगी। साथ ही पूजा सफल होगी। भगवान गणेश के मंत्र इस प्रकार हैं-

भगवान गणेश के मंत्र

  • ऊं वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ ।
    निर्विघ्नं कुरू में देव, सर्व कार्येषु सर्वदा॥

गणेश गायत्री मंत्र

  • ऊं एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
    ऊं महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥
    ऊं गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्॥

गणेश बीज मंत्र

  • ऊं गं गणपतये नमो नमः।

धन प्राप्ति मंत्र

  • ऊं नमो गणपतये कुबेर येकद्रिको फट् स्वाहा।

तंत्र मंत्र

  • ऊं ग्लौम गौरी पुत्र, वक्रतुंड, गणपति गुरू गणेश।

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सिद्धि प्राप्ति हेतु मंत्र

  • श्री वक्रतुण्ड महाकाय सूर्य कोटी समप्रभा निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्व-कार्येशु सर्वदा॥

विघ्न नाशक मंत्र

  • गणपतिर्विघ्नराजो लम्बतुण्डो गजाननः। द्वैमातुरश्च हेरम्ब एकदन्तो गणाधिपः ॥
    विनायकश्चारुकर्णः पशुपालो भवात्मजः । द्वादशैतानि नामानि प्रातरुत्थाय यः पठेत्‌ ॥
    विश्वं तस्य भवेद्वश्यं न च विघ्नं भवेत्‌ क्वचित्‌।

नौकरी प्राप्ति के लिए मंत्र

  • ऊं श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा।

गणेश मंत्र स्तोत्र

  • शृणु पुत्र महाभाग योगशान्तिप्रदायकम् । येन त्वं सर्वयोगज्ञो ब्रह्मभूतो भविष्यसि ॥
    चित्तं पञ्चविधं प्रोक्तं क्षिप्तं मूढं महामते । विक्षिप्तं च तथैकाग्रं निरोधं भूमिसज्ञकम् ॥
    तत्र प्रकाशकर्ताऽसौ चिन्तामणिहृदि स्थितः । साक्षाद्योगेश योगेज्ञैर्लभ्यते भूमिनाशनात् ॥
    चित्तरूपा स्वयंबुद्धिश्चित्तभ्रान्तिकरी मता । सिद्धिर्माया गणेशस्य मायाखेलक उच्यते ॥
    अतो गणेशमन्त्रेण गणेशं भज पुत्रक । तेन त्वं ब्रह्मभूतस्तं शन्तियोगमवापस्यसि ॥
    इत्युक्त्वा गणराजस्य ददौ मन्त्रं तथारुणिः । एकाक्षरं स्वपुत्राय ध्यनादिभ्यः सुसंयुतम् ॥
    तेन तं साधयति स्म गणेशं सर्वसिद्धिदम् । क्रमेण शान्तिमापन्नो योगिवन्द्योऽभवत्ततः ॥

गणेश जयंती पूजा विधि

  • सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हों और साफ कपड़े पहनें।
  • अब सूर्य निकलने पर जल चढ़ाएं और व्रत का संकल्प लें।
  • घर के मंदिर की सफाई करें और पूजन सामग्री को एकत्रित करके रखें।
  • पूजा सामग्री में पुष्‍प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि शामिल करें।
  • भगवान श्रीगणेश को शुद्ध स्‍थान से चुनी हुई दुर्वा को धोकर चढ़ाएं।
  • श्रीगणेश को देशी घी में बने मोदक का प्रसाद चढ़ाएं।
  • श्रीगणेश के साथ ही भगवान शिव व पार्वती, नंदी, कार्तिकेय सहित पूरे शिव परिवार की पूजा विधि विधान से करें।
  • श्री गणेश को अपने निवास स्‍थान में श्री लक्ष्‍मी जी सहित रहने के लिए निमंत्रित करें।
  • घी का दीपक और धूप जलाकर गणेश मंत्र, गणेश चालीसा या गणेश स्तोत्र या गणेश चतुर्थी व्रत कथा का पाठ करें।
  • पूजा के अंत में विधिवत आरती करके भूल चूक के लिए माफी मांगें।

कोई भी विघ्न हो ताे करें गणेश जी की पूजा

ऐसा कहा जाता है कि इस दिन भगवान गणेश को मोदक और लाल रंग का चोला अर्पित करना चाहिए। इससे मनचाही इच्छा पूर्ण होती है। साथ ही ज्ञान और कला में वृद्धि होती है। जो जातक लगातार किसी समस्या से परेशान हैं उन्हें विघ्नहर्ता की पूजा अवश्य करनी चाहिए।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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