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Farmers Day: किसान दिवस 2025, अन्नदाता के परिश्रम को सलाम

Farmers Day, भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारे समाज की आत्मा भी हैं।

Farmers Day : किसान दिवस 2025, मेहनतकश किसानों के नाम समर्पित एक दिन

Farmers Day, भारत जैसे कृषि प्रधान देश में किसान न केवल अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं, बल्कि वे हमारे समाज की आत्मा भी हैं। हर साल किसान दिवस (Farmers Day) देशभर में किसानों के योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि खेतों में पसीना बहाने वाला किसान ही हमारे थाल में अनाज भरता है।

किसान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को पूरे भारत में मनाया जाता है। यह दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के रूप में मनाया जाता है, जिन्होंने किसानों के कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। वे एक सच्चे किसान नेता थे, जिन्होंने भारतीय कृषि सुधारों और किसानों के अधिकारों के लिए कई नीतियां बनाईं। उनकी नीतियों का ही परिणाम था कि किसान समाज को राजनीतिक और सामाजिक सम्मान मिलने लगा। इस दिन उनके योगदान को याद करते हुए देशभर में किसान सभाएं, कृषि मेले, और जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

चौधरी चरण सिंह: किसानों के मसीहा

चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसंबर 1902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। वे स्वयं एक किसान परिवार से थे और बचपन से ही किसानों की कठिनाइयों को करीब से देखा। प्रधानमंत्री बनने से पहले उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहते हुए भूमि सुधार कानून (Land Reform Act) लागू किया, जिससे किसानों को अपने खेतों पर मालिकाना हक मिला। उन्होंने जमींदारी प्रथा खत्म करने और कृषि क्षेत्र में न्याय सुनिश्चित करने की दिशा में अहम भूमिका निभाई।

किसान दिवस का उद्देश्य

किसान दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है –

  1. किसानों की मेहनत, संघर्ष और योगदान के प्रति समाज में सम्मान की भावना पैदा करना।
  2. कृषि क्षेत्र में सुधार और नई तकनीकों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
  3. युवा पीढ़ी को खेती-बाड़ी के महत्व से जोड़ना।
  4. सरकारों को किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रेरित करना।

यह दिन उन सभी अन्नदाताओं को याद करने का अवसर है, जिनकी मेहनत से भारत आत्मनिर्भर बन सका है।

भारत में किसानों की भूमिका

भारत की लगभग 60 प्रतिशत आबादी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि पर निर्भर है। किसान केवल अनाज नहीं उगाते, बल्कि हमारे समाज की जीवनशैली को दिशा देते हैं। वे हमारे लिए अन्न, फल, सब्जियां, दूध और कई अन्य आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराते हैं। कृषि भारत की जीडीपी में एक अहम योगदान देती है और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।

किसानों की चुनौतियाँ

हालांकि किसान देश के अन्नदाता हैं, लेकिन उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है —

  1. कम उत्पादन मूल्य: मेहनत के बावजूद किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य नहीं मिल पाता।
  2. मौसम पर निर्भरता: बारिश या सूखे के कारण फसलें बर्बाद हो जाती हैं।
  3. कर्ज का बोझ: खेती के खर्च बढ़ने से कई किसान कर्ज में डूब जाते हैं।
  4. तकनीकी जानकारी की कमी: आधुनिक खेती की जानकारी न होने से उत्पादन घटता है।
  5. बिचौलियों का शोषण: किसानों को मंडियों में उनके उत्पाद का सही दाम नहीं मिल पाता।

इन समस्याओं के समाधान के लिए सरकार और समाज दोनों को मिलकर प्रयास करना चाहिए।

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सरकार द्वारा किए गए प्रयास

किसानों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं शुरू की हैं, जैसे —

  • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
  • मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना
  • किसान क्रेडिट कार्ड योजना (KCC)
  • ई-नाम (e-NAM) प्लेटफॉर्म – जिससे किसान अपने उत्पाद को ऑनलाइन बेच सकते हैं।

इन योजनाओं का उद्देश्य किसानों की आय बढ़ाना, जोखिम कम करना और कृषि को आधुनिक बनाना है।

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किसान दिवस का महत्व

किसान दिवस सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि एक आभार प्रकट करने का दिन है। यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि हमारे जीवन का हर अंश – चाहे भोजन हो या वस्त्र – किसान के परिश्रम से जुड़ा है। स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण इलाकों में इस दिन किसान मेले, सेमिनार, और कृषि तकनीक प्रदर्शनियाँ आयोजित की जाती हैं ताकि युवा पीढ़ी खेती से जुड़ी नवीनतम तकनीकों और अवसरों के बारे में जान सके। यदि किसान खुश हैं, तो देश खुश है। हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी किसान अपने हक से वंचित न रहे, और हर खेत में हरियाली की मुस्कान खिलती रहे। किसान दिवस हमें यह सिखाता है कि विकास की असली जड़ खेतों में है, और किसान उसका सच्चा संरक्षक। आइए, इस दिन हम सब अन्नदाताओं को नमन करें और उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करें।

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