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Eating fruit or drinking juice: जूस या फल? पैरेंट्स की सबसे बड़ी दुविधा का एक्सपर्ट ने दिया जवाब

Eating fruit or drinking juice, बच्चों के हेल्थ और न्यूट्रिशन को लेकर पैरेंट्स हमेशा चिंतित रहते हैं। खासकर जब बात आती है फलों और जूस की, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि बच्चों को पूरा फल खाना चाहिए या उसका जूस पिलाना अधिक फायदेमंद है।

Eating fruit or drinking juice : पूरा फल या फ्रूट जूस, बच्चों के लिए कौन सा विकल्प है सही? यहाँ जानें सच्चाई

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Eating fruit or drinking juice, बच्चों के हेल्थ और न्यूट्रिशन को लेकर पैरेंट्स हमेशा चिंतित रहते हैं। खासकर जब बात आती है फलों और जूस की, तो अक्सर यह सवाल उठता है कि बच्चों को पूरा फल खाना चाहिए या उसका जूस पिलाना अधिक फायदेमंद है। कई माता-पिता सोचते हैं कि जूस पीना आसान होता है और बच्चे इसे जल्दी से पी लेते हैं, जबकि कुछ लोग मानते हैं कि पूरा फल ज्यादा पोषण देता है। तो आखिर सच क्या है? आइए एक्सपर्ट की राय के साथ विस्तार में समझते हैं कि बच्चों के लिए क्या बेहतर है—Eating Fruit या Drinking Juice?

1. पूरा फल क्यों है ज़्यादा फायदेमंद?

डॉक्टर्स और न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, बच्चों को हमेशा पूरा फल खाना ज्यादा हेल्दी माना जाता है। इसका कारण है कि फलों में मौजूद फाइबर, मिनरल्स और विटामिन उनकी ग्रोथ में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

(1) फाइबर से भरपूर

फलों में पर्याप्त मात्रा में डाइटरी फाइबर होता है, जो—

  • पाचन को बेहतर बनाता है
  • कब्ज से बचाता है
  • पेट को लंबे समय तक भरा रखता है

जबकि जूस में फाइबर बहुत कम या लगभग न के बराबर होता है।

(2) प्राकृतिक शुगर भी बैलेंस रहती है

पूरे फल में शुगर प्राकृतिक और धीरे-धीरे रिलीज होती है। इससे

  • ब्लड शुगर लेवल अचानक नहीं बढ़ता
  • एनर्जी लंबे समय तक मिलती है

जूस पीने पर शुगर तेजी से बढ़ जाती है, जिससे मोटापा और डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

(3) चबाने का फायदा

फल चबाने से

  • लार का उत्पादन बढ़ता है
  • पाचन बेहतर होता है
  • जबड़े मजबूत होते हैं

बच्चों के ओरल डेवलपमेंट के लिए यह बहुत जरूरी है।

2. क्या फ्रूट जूस भी हेल्दी हो सकता है?

फ्रूट जूस पूरी तरह खराब नहीं है। लेकिन यह तभी फायदेमंद है जब वह 100% फ्रेश और घर पर बना हुआ हो। पैक्ड जूस में

  • एडेड शुगर
  • प्रिजर्वेटिव
  • आर्टिफिशियल फ्लेवर
  • हाई कैलोरी

होती हैं, जो बच्चों के लिए नुकसानदायक हैं।

फ्रूट जूस के सीमित फायदे

  • विटामिन C और कुछ एंटीऑक्सीडेंट मिल जाते हैं
  • छोटे बच्चों के लिए पीना आसान होता है
  • डिहाइड्रेशन से बचाता है

परंतु इसे रोज या ज्यादा मात्रा में देना सही नहीं है।

3. क्यों जूस बच्चों के लिए कम सुरक्षित विकल्प माना जाता है?

एक्सपर्ट्स के अनुसार, बच्चों को अगर regularly जूस दिया जाए तो इसके ये नुकसान हो सकते हैं—

(1) मोटापे का बढ़ता जोखिम

जूस में मौजूद शुगर तेजी से शरीर में एब्ज़ॉर्ब होती है, जिससे—

  • belly fat बढ़ता है
  • मोटापे का खतरा बढ़ जाता है

(2) दांतों में सड़न

जूस में शुगर और एसिडिटी दोनों ज्यादा होती है, जिससे—

  • cavities होने का खतरा
  • दांत कमजोर होना

ज्यादा समय तक सिपर से जूस पीना बच्चों के दांतों को नुकसान पहुंचाता है।

(3) ब्लड शुगर पर असर

जूस ब्लड शुगर लेवल को तेजी से बढ़ाता है। छोटे बच्चों के लिए यह खतरे का कारण बन सकता है, खासकर अगर उन्हें पहले से कोई हेल्थ इश्यू हो।

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4. बच्चों को फल और जूस कैसे दें? (Expert Recommendations)

अमेरिकन अकादमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (AAP) और भारतीय बाल रोग अकादमी के अनुसार—

6 महीने से कम उम्र :

  • जूस बिल्कुल नहीं
  • केवल मां का दूध या फॉर्मूला

6 महीने – 1 साल :

  • फल की प्यूरी बेहतर
  • जूस अभी भी avoid करें

1–3 साल के बच्चे :

  • रोजाना एक छोटा फल जरूर दें
  • जूस अगर देना ही है तो सिर्फ 120 ml (½ कप), वह भी घर का बना और बिना चीनी

4–7 साल के बच्चे :

  • दिन में 1–2 फल खाने को दें
  • जूस 150–180 ml से ज्यादा न दें

7 साल से ऊपर के बच्चे :

  • रोजाना 2–3 अलग-अलग तरह के फल दें
  • जूस सिर्फ वीकली एक-दो बार

5. किस परिस्थिति में जूस देना सही है?

कुछ स्थितियों में जूस देना फायदेमंद भी हो सकता है—

● अगर बच्चा बहुत कम खाता है

जूस विटामिन और मिनरल की कमी पूरी कर सकता है।

● डिहाइड्रेशन या बीमारी में

संतरा या मुसम्मी का फ्रेस जूस फायदा देता है।

● बच्चे को फल बिल्कुल पसंद न हों

तब थोड़ी मात्रा में diluted जूस दिया जा सकता है।

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6. बच्चों के लिए कौन सा जूस बेस्ट माना जाता है?

अगर जूस देना अनिवार्य हो, तो ये सबसे हेल्दी विकल्प हैं—

  • ताजा संतरे का जूस
  • अनार का जूस
  • मौसमी का जूस
  • सेब का जूस (बिना चीनी)
  • गाजर का जूस
  • नारियल पानी भी एक अच्छा विकल्प है (हालांकि जूस नहीं)

ध्यान दें: पैक्ड जूस बिल्कुल न दें।

एक्सपर्ट्स की राय साफ है पूरे फल में फाइबर, विटामिन और मिनरल्स संतुलित मात्रा में होते हैं। ये बच्चों की इम्यूनिटी, पाचन, ग्रोथ और एनर्जी लेवल को बेहतर बनाते हैं।जूस कभी-कभार दिया जा सकता है, वह भी कम मात्रा में और बिना चीनी वाला।बेहतर यही है कि बच्चे रोजाना 1–3 पूरे फल अपनी डाइट में जरूर शामिल करें।

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