लाइफस्टाइल

प्यार में अंधे नही, समझदार बने

प्यार में अंधे नही, समझदार बने


लोग अक्सर प्यार में अंधे हो जाते है। प्यार के नाम पर ऐसी बाते करते है कि मन करता है उन्हें एक थप्पड़ मार कर बोला जाए, ‘तू पगला गया है।‘ प्यार को तो ऐसे लिया जाता की वो मज़ाक हो। उसकी और उसके अस्तित्व की भी धज्जियां उड़ा दी गई। इस प्यार में अंधे ऐसे हुए की सब कुछ देखते हुए भी, सब अनदेखा कर देते है।

अब लैला-मजनू, हीर-रांझा की मिसाल इसलिए दी जाती है क्योंकि उन्होंने प्यार को समझा था और उसका मज़ाक उड़ाने की बजाए उसके एहसास और पवित्रता का मान रखा था। उनका प्यार खोखले वादो और तोहफों पर नही टिका था। उनके प्यार की नींव थी भरोसा, अपनापन और साझेदारी।

प्यार में अंधे नही, समझदार बने
प्यार की पट्टी ना बाँधे

आज कल की युवा पीढ़ी प्यार को एक खेल समझती है। अगर एक खेल नहीं जीता तो दूसरा सही। एक रिश्ता खत्म होते ही वो एक नया रिश्ता बना लेते है। और फिर वही घिसी पिटी बाते शहद में डुबो कर सुना देते है। आजकल प्यार और रिश्तों की कीमत इतनी गिर गयी है कि हर दूसरे उसे हासिल कर लेता है।

प्यार में अँधा होना, कुए में कूदने के बराबर है। एक तरह से आप अपने आप को दूसरे व्यक्ति को सौंप देते है और वो भी प्यार के नाम पर। जब आप खुद अधूरा महसूस करे, सब कुछ होते हुए भी ये लगे की कुछ नहीं है तब समझ जाना की आप प्यार की नहीं पर धोके में जी रहे है।

Have a news story, an interesting write-up or simply a suggestion? Write to us at
info@oneworldnews.in

Back to top button