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Chanakya Niti: शत्रुओं को परास्त करना है तो आपके काम आएंगी चाणक्य की ये नीति, जीवन में सफलता भी दिलांएगी ये जरूरी बातें
लाइफस्टाइल

Chanakya Niti: शत्रुओं को परास्त करना है तो आपके काम आएंगी चाणक्य की ये नीति, जीवन में सफलता भी दिलांएगी ये जरूरी बातें

Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे। आचार्य चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था। जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं।

Chanakya Niti: ये हैं सफलता दिलाने वाली आचार्य चाणक्य की कुछ महत्वपूर्ण नीतियां, जीवन में जरूर उतार लें

आचार्य चाणक्य एक महान शिक्षक होने के साथ-साथ अर्थशास्त्र, राजनीति शास्त्र और कूटनीति शास्त्र जैसे कई विषयों के विशेषज्ञ थे। आचार्य चाणक्य ने आर्थिक संकट, वैवाहिक जीवन, नौकरीपेशा, व्यापार, मित्रता और दुश्मनी आदि पर बहुत ही गहराई से अध्ययन किया था। जो मनुष्य को सबसे अधिक प्रभावित करते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार, जो व्यक्ति जीवन में सफलता को प्राप्त करता है, उसके तमाम ज्ञात और अज्ञात शत्रु होते हैं। कई बार ये लोग आपको असफल बनाने के लिए आपकाे नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन ऐसे लोगों से कभी डरना नहीं चाहिए। इन्हें प्रेरक मानना चाहिए और सजग रहते हुए अपना बचाव करना चाहिए और आगे बढ़ते रहना चाहिए।

सफलता दिलाने वाली आचार्य चाणक्य की कुछ महत्वपूर्ण नीतियां Chanakya Niti

विश्वास करना

“एक विश्वासी व्यक्ति कभी निष्फल नहीं होता।” चाणक्य ने विश्वास को बहुत महत्वपूर्ण माना था और इसे सफलता की कुंजी बताया है।

उत्साही रहना

“उत्साही व्यक्ति कभी हार नहीं मानता।” चाणक्य ने उत्साह को सफलता का महत्वपूर्ण अंग बताया है।

नीति और योग्यता Chanakya Niti

“नीति से बड़ा कोई धन की वस्तु नहीं है।” चाणक्य का मानना था कि समझदारी, नीति और योग्यता ही व्यक्ति को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचा सकती है।

कठोर योग्यता

“वही योग्य होता है जो कठोरता से प्राप्त होता है।” चाणक्य ने ये महत्वपूर्ण बात समझाई कि सफलता के लिए कठोर प्रयास और योग्यता अत्यंत आवश्यक होती है।

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असली पूंजी Chanakya Niti

“इंसान की असली पूंजी उसकी विद्या है।” विद्या या ज्ञान को दूसरा कोई भी व्यक्ति न तो चुरा सकता है और न ही लूट सकता है।

सदैव आंख और कान खुले रखें

“जीवन में सिर्फ वही सफल होता है जो हर पल अपने आंख और कान खुले रखता है।” किसी को अच्छे से जाने पहचाने बिना उस पर आंख बंद कर भरोसा नहीं करना चाहिए।

शत्रुओं पर रखें नजर Chanakya Niti

“अपने शत्रुओं को कभी अपनी नजरों से ज्यादा दूर ना करें।” चाणक्य ने शत्रुओं को अपने करीब रखने की सलाह इसलिए दी थी क्योंकि उनके अनुसार, शत्रु को अच्छी तरह से जानने और समझने की जरूरत होती है। जब हम अपने शत्रुओं के करीब रहते हैं, हमें उनकी स्थिति, उनके इरादे और उनकी सोच की अधिक जानकारी मिल सकती है। साथ ही उनकी योजना का भी पता चल सकता है, जिससे उसे समय रहते विफल किया जा सकता है।

ये रहीं दुश्मन को हराने की नीतियां Chanakya Niti

आचार्य चाणक्य ने अपनी कुशल बुद्धि और कमाल की रणनीति के आगे बड़े से बड़ा दुश्मन भी घुटने टेकने को मजबूर हो जाता था। चाणक्य कहते थे कि शत्रु दो तरह के होते हैं। एक जिन्हें हम देख सकते हैं और दूसरे वह जो अदृश्य होते हैं और छिपकर वार करते हैं। जैसे बीमारियां। शत्रु को हराना है तो चाणक्य की कुछ बातों को जीवन में उतार लें।

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शत्रु की कुंडली खंगालें Chanakya Niti

चाणक्य ने बताया है कि दुश्मन के व्यवहार को समझकर उस पर वार करना चाहिए। अर्थात अगर शत्रु आपसे अधिक ताकतवर है तो उसके अनुकूल आचरण कर उसे परास्त किया जा सकता है। वहीं दुश्मन कमजोर है या छल करने वाल स्वभाव है तो उसके विपरीत बर्ताव करें। यदि दुश्मन आपकी तरह ही बलवान है तो आप उसे अपनी नीतियों में फंसाइए ताकि वह बाहर न निकल सके। शत्रु को मात देनी है तो उसकी कुंडली खंगाल लें अर्थात उसके बारे में हर एक बात की जानकारी रखें। शत्रु सदैव आपकी लापरवाही का लाभ उठाने का प्रयास करता है इसलिए हमेशा सर्तक रहना चाहिए।

शांति से काम लें Chanakya Niti

चाणक्य कहते हैं कि बदले की भावना में व्यक्ति इतना डूब जाता है कि क्रोध पर काबू नहीं कर पाता और ऐसे में खुद का नुकसान कर बैठता है। आपकी इसी कमजोरी का शत्रु फायदा उठाता है। उदाहरण देते हुए चाणक्य ने बताया कि जैसे लकड़ी में लगी आग उसे पूरी तरह खाक कर देती है, ठीक उसी तरह इंसान के अंदर धधक रही क्रोध की आग बुद्धि को खाक कर देती है। गुस्से में व्यक्ति के सोचने-समझने की शक्ति जीरो हो जाती है। दुश्मन इसी का लाभ उठाता है।

जगजाहिर न करें प्लानिंग Chanakya Niti

अगर दुश्मन के आगे अपनी हार नजर भी आ रही हो तो शत्रु को उसकी भनक तक न लगने दें। धैर्य से काम लें। मन शांत रखेंगे तो दुश्मन को चारों खाने चित करने की शक्ति विकसित होगी। जब दुश्मन को परास्त करना हो तो अपनी रणनीति को जग जाहिर न करें। ऐसे समय में व्यक्ति को अपनी योजनाओं को लेकर गंभीर रहना चाहिए। शत्रु की हर चाल पर नजर रखें और अपने आगे की प्लानिंग खुद तैयार करें। मदद के लिए उन्हीं को साथ रखें जो आपके सच्चे साथी हों। हर किसी को अपनी योजना के बारे में बता दिया तो शत्रु तक ये बात पहुंचने में देर नहीं लगेगी।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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