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आप भी बना रहे हैं मल्टीग्रेन आटे के रोटी पराठे, क्‍या हैं फायदे-नुकसान : Multigrain Atta

मल्टीग्रेन आटे में गेहूं, चना, जौ के अलावा कई प्रकार के मिलेट्स शामिल होते हैं इसके अलावा इस आटे की रोटियां फाइबर से भरपूर होती हैं लेकिन कई बार यह फायदे के बजाय नुकसान भी कर सकती हैं।

रोजाना मल्टीग्रेन आटे की रोटी खाने से हो सकते हैं नुकसान, जानें कैसे करें इसका इस्तेमाल : Multigrain Atta

मल्टीग्रेन आटे में गेहूं, चना, जौ के अलावा कई प्रकार के मिलेट्स शामिल होते हैं इसके अलावा इस आटे की रोटियां फाइबर से भरपूर होती हैं लेकिन कई बार यह फायदे के बजाय नुकसान भी कर सकती हैं।

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मल्टीग्रेन आटे की रोटियां –

आमतौर पर हमारे घरों में रोजाना गेहूं की रोटियां ही बनाई जाती हैं लेकिन सेहत को लेकर सावधानी बरत रहे लोग अब न केवल मिलेट्स को अपने भोजन में शामिल कर रहे हैं बल्कि गेहूं के बजाय मल्टीग्रेन आटे की रोटियां खाना पसंद करने लगे हैं। अब तो यह एक ट्रेंड सा बन गया है और बाजार में भी कई तरह का मल्टीग्रेन आटा आसानी से मिल जाता है, जिसमें बाजरा, रागी, जौ, चना, गेहूं, ज्वार, कोदो, कुट्टू आदि शामिल होता है। लेकिन सबसे जरूरी बात तो ये है कि  क्या हम रोजाना मल्टीग्रेन आटे की बनी रोटियां खा सकते हैं या नही। इसके अलावा ये है कि क्या इतने अनाजों को मिलाकर बना आटा फायदेमंद है या नहीं क्या इससे कुछ नुकसान भी हो सकता है आज इसके बारे मे जानते है –

 

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मल्टीग्रेन आटा की रोटी रोजाना नहीं खा सकते है –

मल्टीग्रेन आटे की रोटियां रोजाना खाना सही नहीं होता है। इसमें कई ऐसे सीड्स या ग्रेन्स होते हैं, उन्हें कई बीमारियों में अवॉइड किया जाता है। सभी अनाजों में भरपूर फाइबर होता है, इसके अलावा रागी में कैल्शियम, ज्वार में फॉस्‍फोरस, गेहूं में कार्बोहाइड्रेट, चना में प्रोटीन और जिंक, बाजरा में आयरन ज्यादा होता है। अगर इन सभी को मिलाकर एक साथ खा लिया जाए तो ये मिक्‍स होकर हमारे डाइजेशन में दिक्कत पहुंचा सकती हैं और इसकी वजह से पेट संबंधी कई परेशानी भी हो सकती है। वैसे भी वहीं सभी का पर्याप्त गुण भी नहीं मिल पाता है, इसलिए इनकी मात्रा भी तय होनी चाहिए कि रोजाना कौन सा अनाज कितना खाना सही होता है।

थायराइड और डायबिटीज में बरतें सावधानी –

कुछ ऐसे भी अनाज होते  हैं जो थायराइड के मरीजों को नहीं दिया जा सकता है। खासतौर पर छोटे मिलेट्स जैसे बाजरा, कोदो, रागी आदि को थायराइड के मरीजों को खाने के लिए मना किया जाता है,और जबकि डायबिटीज के मरीजों के लिए मल्टीग्रेन खाना फायदेमंद साबित होता है लेकिन उसमें गेहूं का आटा शामिल नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें मिलेट्स और कुट्टू का आटा खाना फायदेमंद होता है। हालांकि बीमारी के अनुसार किसी न्यूट्रिशनिस्ट से विशेष रूप से सलाह भी लेना जरूरी होता है।

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