Abdul Kalam: डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जयंती 2025, ‘मिसाइल मैन’ से ‘पीपुल्स प्रेसिडेंट’ तक का सफर
Abdul Kalam, हर साल 15 अक्टूबर का दिन भारत के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन जन्म हुआ था देश के सबसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों में से एक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) का।
Abdul Kalam : अब्दुल कलाम जयंती 2025, भारत के युवा वैज्ञानिकों के लिए एक प्रेरणास्रोत दिवस
Abdul Kalam, हर साल 15 अक्टूबर का दिन भारत के लिए बेहद खास होता है, क्योंकि इस दिन जन्म हुआ था देश के सबसे प्रेरणादायक व्यक्तित्वों में से एक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम (Dr. A.P.J. Abdul Kalam) का। उन्हें भारत का “मिसाइल मैन” और “पीपल्स प्रेसिडेंट” कहा जाता है। वर्ष 2025 में डॉ. कलाम की 94वीं जयंती मनाई जाएगी। यह दिन केवल उनके जीवन का उत्सव नहीं, बल्कि ज्ञान, विनम्रता और देशभक्ति की भावना का प्रतीक है।
एक महान वैज्ञानिक और सच्चे देशभक्त
डॉ. अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को रामेश्वरम, तमिलनाडु में एक साधारण मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता जैनुलाब्दीन एक नाव चालक थे और माता आशियम्मा गृहिणी थीं। गरीबी के बावजूद कलाम बचपन से ही मेहनती, जिज्ञासु और सीखने के इच्छुक थे। वे सुबह अखबार बाँटते थे ताकि अपनी पढ़ाई का खर्च उठा सकें। लेकिन उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें देश का महान वैज्ञानिक और राष्ट्रपति बना दिया।
शिक्षा और प्रारंभिक जीवन
डॉ. कलाम ने अपनी शुरुआती शिक्षा रामनाथपुरम श्वार्ट्ज स्कूल से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सेंट जोसेफ कॉलेज, तिरुचिरापल्ली से फिजिक्स में ग्रेजुएशन किया। इसके बाद वे मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT) में एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने गए। पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने यह सपना देखा कि एक दिन वे भारतीय वायुसेना में पायलट बनेंगे, लेकिन वे इसमें चयनित नहीं हो सके। हालाँकि, उन्होंने हार नहीं मानी और विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने का निश्चय किया।
वैज्ञानिक जीवन और भारत के “मिसाइल मैन”
डॉ. कलाम ने अपने करियर की शुरुआत DRDO (Defence Research and Development Organisation) से की। बाद में वे ISRO (Indian Space Research Organisation) से जुड़े, जहाँ उन्होंने भारत के पहले सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SLV-III) को सफलतापूर्वक विकसित किया, जिसने रोहिणी उपग्रह को अंतरिक्ष में भेजा।
उनके नेतृत्व में भारत ने कई मिसाइल प्रोजेक्ट्स पूरे किए, जैसे –
- अग्नि
- पृथ्वी
- आकाश
- नाग
- त्रिशूल
इन्हीं कारणों से उन्हें “मिसाइल मैन ऑफ इंडिया” कहा गया। वर्ष 1998 में पोखरण परमाणु परीक्षण (Pokhran-II) में भी उनका अहम योगदान रहा, जिससे भारत एक परमाणु शक्ति संपन्न देश बना।
राष्ट्रपति के रूप में सेवा
डॉ. अब्दुल कलाम को वर्ष 2002 में भारत का 11वां राष्ट्रपति चुना गया। उनका कार्यकाल 2002 से 2007 तक रहा। वे ऐसे राष्ट्रपति थे जिन्हें हर वर्ग के लोग — बच्चे, विद्यार्थी, शिक्षक और आम नागरिक — बेहद प्यार करते थे।
एक शिक्षक के रूप में पहचान
राष्ट्रपति पद से निवृत्त होने के बाद भी डॉ. कलाम ने खुद को “टीचर” कहा। वे विश्वविद्यालयों, स्कूलों और संस्थानों में जाकर बच्चों को प्रेरित करते रहे। उनका मानना था “मैं राष्ट्रपति नहीं बनना चाहता था, मैं तो सिर्फ एक शिक्षक बनना चाहता था।” 27 जुलाई 2015 को जब वे आईआईएम शिलांग में एक व्याख्यान दे रहे थे, तभी मंच पर ही उन्हें हृदयाघात (Heart Attack) हुआ और वहीं उन्होंने अंतिम सांस ली। यह दर्शाता है कि वे अंतिम समय तक भी शिक्षा और युवाओं के बीच सक्रिय थे।
डॉ. कलाम की प्रमुख किताबें
डॉ. अब्दुल कलाम ने कई प्रेरणादायक पुस्तकें लिखीं, जिनमें उन्होंने अपने अनुभव और जीवन दर्शन साझा किया।
उनकी कुछ प्रसिद्ध किताबें हैं –
- Wings of Fire (अग्नि की उड़ान) – उनकी आत्मकथा।
- Ignited Minds (प्रज्वलित मन) – युवाओं के लिए प्रेरणादायक पुस्तक।
- India 2020 – भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का विजन।
- My Journey – उनके जीवन के अनुभवों का संग्रह।
इन किताबों ने लाखों युवाओं को बड़ा सोचने, सपने देखने और देश के विकास में योगदान देने की प्रेरणा दी।
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पुरस्कार और सम्मान
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को उनकी उपलब्धियों और योगदान के लिए कई सम्मान मिले, जिनमें प्रमुख हैं –
- पद्म भूषण (1981)
- पद्म विभूषण (1990)
- भारत रत्न (1997) – देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान।
इन पुरस्कारों ने उन्हें न केवल भारत, बल्कि पूरी दुनिया में एक आदर्श व्यक्तित्व के रूप में स्थापित किया।
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डॉ. कलाम का विज़न – “भारत 2020”
डॉ. कलाम ने एक सपना देखा था वर्ष 2020 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने का। उनका मानना था कि देश तभी आगे बढ़ सकता है जब उसके युवा शिक्षा, विज्ञान और नैतिकता में अग्रणी हों। उन्होंने कहा था “अगर आप देश को बदलना चाहते हैं, तो पहले खुद को बदलना होगा।” उनका विज़न आज भी हर युवा को प्रेरित करता है कि वह देश के लिए कुछ बड़ा करने का सपना देखे। डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का जीवन यह साबित करता है कि सच्ची महानता कभी जन्म या धन से नहीं, बल्कि मेहनत, ईमानदारी और विनम्रता से मिलती है। उन्होंने एक साधारण परिवार से निकलकर न सिर्फ भारत का नाम रोशन किया, बल्कि पूरी दुनिया में सपनों की शक्ति का उदाहरण बन गए।
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