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14 साल की उम्र में इस बच्चे ने जीता “विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप”

कौन है आर.प्रागनानंदा?


उम्र तो अब सिर्फ बताने के लिए ही रह गयी है। बड़े तो देश का नाम रोशन कर ही रहे थे लेकिन अब बच्चे भी अपनी काबिलयत से देश का नाम रोशन कर रहे है। जी हाँ, एक बच्चा ऐसा है जिसने अपने तेज़ दिमाग और काबिलयत से पूरे देश को गर्व महसूस कराया और नाम रोशन किया है।

14 साल के आर. प्रागनानंदा ने विश्व युवा शतरंज चैंपियनशिप में अंडर-18 ओपन वर्ग का गोल्ड मेडल जीत कर बड़ी उपलब्धि हासिल की है। इसके साथ ही उसने सभी देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है। ग्रैंडमास्टर प्रागनानंदा ने 11वां और अंतिम राउंड जर्मनी के वालेंटिन बकल्स के खिलाफ़ खेला, जिसे जीत कर वो 9 अंक के साथ शीर्ष पर पहुंच गया।

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जाने आर.प्रागनानंदा के जीवन से जुड़ी कुछ उपलब्धियां

आर.प्रागनानंदा चेन्नई के रहने वाले है। आर.प्रागनानंदा को छोटे से ही चैस खेलना का शौक रहा यही वजह है की उन्होंने इसकी कोचिंग ली और इसे खेलना सीखा। आज 14 की उम्र में आर. प्रागनानंदा चैस खेल में ग्रैंड मास्टर बन गए । प्रागनानंदा दस साल की उम्र में 2016 में अंतरराष्ट्रीय मास्टर बने थे। आपको बता दें की चैस चैंपियनशिप प्रतियोगिता मुंबई में हुई थी, जो कि हिंदुस्तान के लिए काफ़ी अच्छी रही. इस प्रतियोगिता में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 7 मेडल जीत कर देश का नाम रौशन किया जिनमे एक आर.प्रागनानंदा भी है।

आर.प्रागनानंदा ने इस प्रतियोगिता में गोल्ड मैडल के इलावा भारत के लिए 6 मैडल और भी जीते है जिनमे 3 मैडल सिल्वर है और 3 मैडल ब्रोंज है। गोल्ड मैडल जीतने के बाद आर.प्रागनानंदा भावुक हुए और एक इंटरव्यू में कहा की मैंने अंडर-18 वर्ग में खेलने का विकल्प चुना, ख़िताब जीतना अच्छा महसूस कराता है। वही इस जीत से आर.प्रागनानंदा के माता पिता और उनके कोच बेहद खुश है। उनके कोच ने कहा की ‘यह शानदार उपलब्धि है । मुझे गर्व है कि मेरा एक शिष्य इस उपलब्धि को हासिल करने में सफल रहा।’

आर.प्रागनानंदा जीत चुके है कई चैंपियनशिप

आपको बता दें की 2013 में आर.प्रागनानंदा ने अंडर 18 चैंपियन और 2015 में अंडर-10 के विजेता भी रह चुके हैं। प्रागनानंदा विश्व के दूसरे सबसे युवा ग्रैंडमास्टर हैं.

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