Bengal Elections 2021: चुनाव प्रचार के दम पर क्या बीजेपी लोकसभा की तरह विधानसभा चुनाव में भी पार कर पाएंगी दहाई के आंकडे को…
Bengal Elections 2021: ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार की नीतियों का जमकर विरोध किया है…
Bengal Elections 2021: अब मात्र दो दिन के बाद ही पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की 30 सीटों के लिए मतदान किया जाना है। इन मतों के बाद ही पश्चिम बंगाल के अगली पार्टी और मुख्यमंत्री का निर्धारण होगा। चुनाव से पहले सभी राजनीतिक पार्टियों ने अपने-अपने स्तर पर चुनाव प्रचार कर दिया है। हर कोई अपने आप को सर्वोपरि दिखाने की कोशिश में है। बंगाल में मुख्य रुप से लड़ाई भाजपा और तृणमूल के बीच है। लेकिन वहीं दूसरी ओर संयुक्त मोर्चा के गठबंधन ने युवा चेहरों को सीट देकर इन दोनों पार्टियों के लिए एक मुसीबत खड़ी कर दी है। अब देखना है केंद्र और राज्य सरकार की लड़ाई में किसकी जीत होती है।
ममता की चोट का प्रचार
प्रदेश की मुख्यमंत्री और तृणमूल सुप्रीमो ममता बनर्जी कई मुद्दों पर खुलकर केंद्र सरकार का विरोध कर चुकी है। वहीं दूसरी केंद्र सरकार के कई मंत्री भी यह आरोप लगा चुके हैं कि दीदी केंद्र की योजनाओं को बंगाल में लागू नहीं होने देती है। जिसका सीधा असर जनता पर पड़ रहा है। अब जब प्रदेश में चुनाव होने जा रहे है तो इसके लिए जगह-जगह चुनाव प्रचार हो रहा है। जिसमें आरोप प्रत्यारोपों की झडियां लग रही है। नंदीग्राम में चुनाव प्रचार से लौटते वक्त ममता बनर्जी के पैर पर चोट लग गई थी। जिसके बारे में उनका कहना था कि तीन चार लोगों ने उन पर हमला किया। जिसके कारण उनके पैर पर चोट लग गई है। इस हमले के लिए सीधे तौर न सही लेकिन बीजेपी को जिम्मेदार बताया जा रहा था। वही दसूरी ओर बीजेपी के नेता और बंगाल पार्टी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इसकी निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश में तृणमूल अपनी जमीन से खिसक रही है। जिसके लिए वह ऐसे हंथकंडो का इस्तेमाल कर रही है। इस घटना की सीबीआई जांच होनी चाहिए। वहीं दूसरी ओर चुनाव आयोग ने इस घटना की जांच करते हुए कहा कि यह एक हादसा था।
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पुरुलिया मे प्रधानमंत्री और योगी की रैली
पीएम मोदी ने बंगाल चुनाव के लिए अपनी रैली की शंखनाद पुरुलिया से किया। इस दौरान उन्होंने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। रैली ने दौरान पीएम मोदी ने कहा कि मां-माटी-मानुष की बात करने वाली ममता दीदी को दलित, आदिवासियों के प्रति कोई ममत नहीं है। अगर उनकी प्रति कुछ संवेदना होती तो वह ऐसा नहीं करती। दीदी की सरकार ने माओवादियों की एक नई नस्ल पैदा कर दिया है। जो टीएमसी के माध्यम से गरीबों का पैसा लूटती है। पीएम लोगों के उत्साह को देखते हुए कहते हैं कि जनता का उत्साह बता रहा है कि इस पर टीएमसी की पराजय तय है। इस बार बंगाल के चुनाव में सिंडिकेट वालों की पराजय होगी। बंगाल में कट मनी वाले, तोलाबाजों की भी पराजय होगी। वहीं दूसरी बीजेपी के फायर ब्रिग्रेड नेता और यूपी के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने भी पहले चरण के चुनाव के लिए पुरुलिया में चुनाव प्रचार किया। जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैं कृष्ण और राम की धरती से आया हूं। उन्होंने बंगाल की तारीफ करते हुए कहा कि बंगाल ने देश को राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत दोनों दिया है। लेकिन अब यहां से टीएससी की गुंडगर्दी नहीं चलेगी। दो मई के बाद राज्य से टीएमसी की विदाई निश्चित है। दो मई के बाद टीएमसी के गुंडं को चुन-चुनकर सजा दिलाई जाएगी। बंगाल में अब अराजकता का वक्त खत्म हो रहा है और बीजेपी की सरकार आते ही अराजकता को रफा-दफा कर दिया जाएगा। बंगाल में अब अराजकता का वक्त खत्म हो रहा है। जनता को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने अपनी रैली की शुरु आत इसलिए यहां से की है क्योंकि लोकसभा चुनाव के दौरान मेरे हेलिकॉप्टर को पुरुलिया में उतरने नहीं दिया गया था। मेरा हेलिकॉप्टर झारखंड में उतरा था और वहां से मैं रोड़ के रास्ते यहां आया था। जिसके कारण मैंने इसे ही चुनाव प्रचार के लिए चुना है।
आंकड़ों का खेल
आंकड़ों की बात करें तो साल 2016 में हुए चुनाव में तृणमूल को 211 सीटें मिली थी। जबकि 294 सीटों में मात्र 3 सीटों पर ही बीजेपी जीत हासिल कर पाई थी। ऐसे में बीजेपी के लिए उस वक्त यह लड़ाई बहुत कड़ी थी। लेकिन साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी में अपने आप को मजबूत करते हुए 42 सीटों में 18 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीं दूसरी ओर तृणमूल 22 सीटों पर ही कब्जा जमा पाई है। साल 2019 में जिन सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी। उनमें हिंदी भाषी सीटों की संख्या भी अच्छी खासी है। लेकिन विधानसभा चुनाव के दौरान हिंदी बेल्ट की सीटों में हिंदी प्रत्याशियों को सीट से मरहूम रखा गया है। जिसका असर चुनाव में देखने को मिल सकता है। दो मई को आने वाले फैसले पर बीजेपी का प्रचार कितना असर कर पाता है यह अभी देखना बाकी है।
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