Shiv Sena EC Verdict: शिव सेना के सिंबल को लेकर चुनाव आयोग का बड़ा फैसला, मातोश्री में चल रही बैठक
Shiv Sena EC Verdict: उद्धव ठाकरे के हांथ से क्यों निकल गए पार्टी के निशान, जानिए पूरा मामला
- चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान एकनाथ शिंदे गुट को सौंप दिया है।
- शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है।
Shiv Sena EC Verdict महाराष्ट्र में EC के फैसले के बाद सियासी भूचाल आ गया है। चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान एकनाथ शिंदे को सौंप दिया है। इसके बाद सूबे की राजनीति गरमा गई है। एकनाथ शिंदे ने इसे बालासाहेब की विचारधारा की जीत बताया है, साथ ही ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल पिक्चर भी बदल ली है। वहीं, उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार की दादागिरी चल रही है, लोकतंत्र ख़त्म हो गया है।
आपको बताए चुनाव आयोग ने शिवसेना का नाम और पार्टी का निशान तीर-कमान एकनाथ शिंदे गुट को सौंप दिया है। इसके बाद महाराष्ट्र में सियासी भूचाल आ गया है। एकनाथ शिंदे ने इसे जहां लोकतंत्र और लाखों शिवसैनिक कार्यकर्ताओं की जीत बताया है, तो वहीं उद्धव गुट ने कहा कि ये लोकतंत्र की हत्या है। इतना ही नहीं, बालासाहेब ने कभी ऐसा नहीं कहा था कि किसी की गुलामी की जाए। लेकिन दूसरी पार्टियों के नेता चुराना और उनका सिंबल चुराने से चुनाव में जीत नहीं मिलेगी।
गौरतलब है कि शिवसेना के नाम और चुनाव चिह्न पर केंद्रीय चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार ने उद्धव ठाकरे को चुनाव आयोग का फैसला मानने की सलाह दी है। पवार ने इसकी वजह भी बताई है।
वहीं पवार ने कहा कि यह चुनाव आयोग का फैसला है। एक बार फैसला हो गया, तो इस पर बहस नहीं हो सकती। इसे स्वीकार कीजिए और नया चिह्न लीजिए। इसका बहुत ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि लोग नया सिंबल स्वीकार कर लेंगे। बस कुछ दिनों तक इस पर चर्चा होगी।
I'd like to say that they want the face of Balasahev Thackeray, they want the election symbol but not the family of Shiv Sena. PM Narendra Modi needs the mask of Balasaheb Thackeray to come to Maharashtra. People of the state know which face is real & which isn't:Uddhav Thackeray pic.twitter.com/UXP51HSF2M
— ANI (@ANI) February 18, 2023
आपको बता दें चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद उद्धव ठाकरे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उद्धव ठाकरे ने कहा कि सरकार की दादागिरी चल रही है। लोकतंत्र ख़त्म हो गया है। सरकार ने इस लड़ाई में सरकार ने पूरा सिस्टम उतार दिया था। उन्होंने कहा कि जब तक सुप्रीम कोर्ट कोई निर्णय नहीं लेता, तब तक इलेक्शन कमीशन कोई फैसला ना दे, लेकिन उन्होंने मेरी बातों को नजर अंदाज कर दिया और फैसला दे दिया।
गौरतलब है कि उद्धव ठाकरे के हाथ से उनके पिता की बनाई पार्टी शिवसेना के साथ धनुष बाण का चुनाव चिह्न भी निकल चुका है। चुनाव आयोग ने अपने बहुप्रतीक्षित फैसले में एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना करार दिया है। शिवसेना के नाम और निशान की जंग में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट की जीत हुई है।
आपको बता दें चुनाव आयोग के फैसले के बाद शनिवार को उद्धव ठाकरे ने अपने गुट के विधायक और सांसदों के साथ मातोश्री में बड़ी बैठक की। बैठक में उद्धव गुट की नेता प्रियंका चतुर्वेदी, मनीषा कायंदे शामिल हुए। वहीं उनके साथ ही ठाकरे समर्थक मातोश्री के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं। इलेक्शन कमीशन के फैसले को लेकर शुक्रवार को उद्धव ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लाल किले से लोकतंत्र के अंत की घोषणा करनी चाहिए।
उद्धव ठाकरे ने मातोश्री के बाहर अपने समर्थकों को संबोधित कर भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिह्न चोरी हो गया। इसी के साथ उन्होंने समर्थकों से जनता के बीच जाने को कहा।
Thieves were given the holy 'bow & arrow', similarly the 'torch' (mashaal) can be taken away. I challenge them – if they're men, come in front us even with the stolen 'bow & arrow', we'll contest election with the 'torch'. This is our test, the battle has begun: Uddhav Thackeray pic.twitter.com/7jocQAEQ1d
— ANI (@ANI) February 18, 2023
वहीं समर्थकों से भावुक अपील के साथ उन्होंने एकनाथ शिंदे गुट को खुली चुनौती भी दी। उद्धव ठाकरे ने कहा कि महाशिवरात्रि से एक दिन पहले हमारा धनुष बाण चोरी हो गया है। उन्होंने नाम लिए बिना एकनाथ शिंदे को चुनौती दी कि इसके साथ चुनाव लड़ो। उन्होंने इस दौरान अपने नए चुनाव चिह्न का भी संकेत दिया और कहा कि अब हम मशाल के साथ आएंगे।