Kolkata Rape And Murder Case : कोलकाता रेप-मर्डर के बाद बढ़ी CPA की मांग, जानें क्या है CPA?
Kolkata Rape And Murder Case : क्या है CPA? कोलकाता में हुए रेप-मर्डर मामले के बाद क्यों उठ रही है इसकी मांग पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टर्स ने भी पीएम को चिट्ठी लिखकर की है।
Kolkata Rape And Murder Case: जानिए क्या है सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट
9 अगस्त को पश्चिम बंगाल के कोलकता में आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में हुए में ट्रेनी डॉक्टर के कथित गैंगरेप और हत्या के बाद से देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहा है, पीड़िता को न्याय दिलाने और दोषियों को फांसी देने की मांग के साथ, कोलकाता सहित पूरे देश के डॉक्टरों का गुस्सा सड़कों पर उमड़ रहा है। इस दौरान दिल्ली के मेडिकल छात्रों ने सरकार से केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) को लागू करने की अपील की है।
किसे होगा CPA का फायदा
कलकत्ता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला जूनियर डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या के मामले के बाद, मेडिकल छात्रों ने केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम (सीपीए) को लागू करने की मांग की है। यह अधिनियम डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्यकर्मियों और अस्पतालों को हिंसा से बचाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस कानून के तहत दोषियों की बिना वारंट गिरफ्तारी, 5 लाख तक का जुर्माना और 5 साल की सजा का प्रावधान है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सीपीए लागू हो जाता है, तो डॉक्टरों के खिलाफ हिंसा गैर-जमानती अपराध बन जाएगा। फिलहाल, देश के 19 राज्यों में चिकित्सा कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए कानून मौजूद हैं। हालांकि, 2022 में तैयार किए गए केंद्रीय सुरक्षा अधिनियम को अभी तक संसद में पास नहीं किया गया है।
पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों पीएम को लिखी चिट्ठी
महिला डॉक्टर के साथ हुई इस घिनौनी वारदात पर नराजगी जताते हुए 70 से ज्यादा पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख कर डॉक्टरों ने अस्पतालों और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों को मजबूत करने और वर्तमान कानूनों को कड़ाई से लागू करने की अपील की गई है। साथ ही सभी पद्म पुरस्कार विजेता डॉक्टरों ने इस मामले पर प्रधानमंत्री से ‘व्यक्तिगत हस्तक्षेप’ का अनुरोध भी किया है , अपने पत्र में सभी डॉक्टरों ने पीड़ित परिवार का साथ देने की बात कही हैं , उन्होंने कहा कि इस तरह के अपराध चिकित्सकों की सेवा की नींव को हिला देते हैं ।
टास्क फोर्स के गठन का एलान
इस मामले पर अब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई। डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद अस्पताल में कुछ अज्ञात लोगों के समूह द्वारा अस्पाल मे तोड़फोड कर हमला करने की कोशिश की थी जिसपर अब शीर्ष अदालत ने स्वत:संज्ञान लिया है । मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई में बेंच में न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे। बेंच ने इस मामले में पीड़िता की पहचान के उजागर होने पर चिंता जताई और केस की पुलिस जांच से लेकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष की भूमिका पर सवाल उठाए। कोर्ट ने एक आठ सदस्यीय टास्क फोर्स गठित करने का आदेश दिया, जिसमें एम्स के निदेशक डॉ. एम श्रीनिवासन और अन्य चिकित्सकों को शामिल किया गया है।
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