INS Ranvir Explosion: आंतरिक कंपार्ट्मेंट में हुये विसफोट से हुआ हादसा, क्या आप जानते है 2007 से 2017 तक हो चुके है 62 बड़े हादसे?
INS Ranvir Explosion: आईएनएस रणवीर पर करीब 340 नाविक और अधिकारी थे सवार, टला बड़ा हादसा! कौन है जिम्मेदार?
Highlights:
- INS Ranvir Explosion; 3 Navy Personnel Martyred, 11 Injured: जहाज को कोई बड़ी क्षति नहीं हुई।
- आईएनएस रणवीर की क्या है विशेषता?
- भारतीय नौसेना के कुछ दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाए।
INS Ranvir Explosion: आईएनएस रणवीर के आंतरिक कंपार्टमेंट में मंगलवार को हुए विस्फोट में भारतीय नौसेना के तीन जवानों की मौत हो गई और अब तक 11 के घायल होने की खबर आई है। घटना मुंबई के नेवल डॉकयार्ड में हुई थी। घायल जवानों का इलाज मुंबई के नौसैनिक अस्पताल में चल रहा है। सभी की हालत स्थिर बताई जा रही है।
Adm R Hari Kumar #CNS & all personnel of #IndianNavy extend heartfelt condolences to the families of Krishan Kumar MCPO I, Surinder Kumar MCPO II & AK Singh MCPO II, who succumbed to injuries in the unfortunate incident onboard INS Ranvir.
We stand by you in this difficult times. pic.twitter.com/yDp1rjTGoq— SpokespersonNavy (@indiannavy) January 19, 2022
भारतीय नौसेना ने जानकारी देते हुये कहा, “एडमिरल आर हरि कुमार और भारतीय नौसेना के सभी जवानो ने कृष्ण कुमार MCPO I, सुरिंदर कुमार MCPO II और ए के सिंह MCPO II के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और आश्वासन दिया की इस मुश्किल घड़ी में हम आपके साथ खड़े हैं।”
घटना के वक्त आईएनएस रणवीर पर करीब 340 नाविक और अधिकारी तैनात थे।आईएनएस रणवीर पूर्वी नौसेना कमान के एक क्रॉस-कोस्ट ऑपरेशन पर तैनात था और जल्द ही बेस पोर्ट पर लौटने वाला था। जहाज के चालक दल ने विस्फोट के बाद जहाज को नियंत्रण में कर लिया जिससे कोई जहाज को कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। भारतीय नौसेना के अधिकारियों की ओर से घटना की जांच के लिए एक बोर्ड ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।
आईएनएस रणवीर की विशेषता
पांच राजपूत श्रेणी के विध्वंसकों में से चौथा, आईएनएस रणवीर को 28 अक्टूबर 1986 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। आईएनएस रणवीर सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों के साथ-साथ विमान भेदी तोपों, मिसाइल रोधी बंदूकों, पनडुब्बी रोधी रॉकेट लांचरों और टॉरपीडो से लैस है।
भारतीय नौसेना और दुर्घटनाए
भारतीय नौसेना ने 2007 और 2017 के बीच 62 दुर्घटनाएं देखीं और 177 अधिकारियों को घटनाओं की जांच के दौरान दोषी पाया गया था।
इन दुर्घटनाओं के पीछे अनुमानित कारणों में से एक यह है की पुराने जहाजों का सही तरीके से रखरखाव न होना और दूसरा मानवीय त्रुटि है जिन्हे पिछले कुछ दुर्घटनाओं में साफ देखा भी गया है। हालांकि, नौसेना के टिप्पणीकारों का यह भी तर्क है कि भारत की 150 से अधिक जहाजों की बड़ी नौसेना में हर साल समुद्र में विभिन्न तकनीकी और मौसम में खराबी के कारण, कुछ घटनाएं अपरिहार्य हैं।
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आगे इस लेख में हम भारतीय नौसेना में हुई दुर्घटनाओं के बारे में चर्चा करेंगे :-
- वर्ष 2010 में, आईएनएस मुंबई (D62) पर तीन चालक दल के लोग तुरंत शहीद हो गए थे, सुरक्षा अभ्यास सही तरीके से पालन नहीं किये जाने के कारण एक AK-630 क्लोज-इन हथियार प्रणाली बंद हो गई थी जिस कारण यह दुर्भाग्यपूर्ण हादसा हुआ।
- जनवरी 2011 में आईएनएस विंध्यगिरी (F42), नीलगिरी श्रेणी का युद्धपोत, सन रॉक लाइट हाउस के पास साइप्रस के झंडे वाले व्यापारी जहाज एमवी नोर्डलेक से टकराने के बाद पलट गया, जिसके बाद जहाज के इंजन और बॉयलर रूम में भीषण आग लग गई। आग लगते ही समय रहते ही सवार सभी लोगों को जहाज से निकाल लिया गया और कोई जनहानि नहीं हुई। आईएनएस विंध्यगिरी को बाद में सेवामुक्त कर दिया गया था।
- 2013 के दिसंबर महीने में पूर्वी नौसेना कमान के तहत पांडिचेरी श्रेणी के माइनस्वीपर आईएनएस कोंकण (M72) में मरम्मत के दौरान विशाखापत्तनम में नौसेना डॉकयार्ड में आग लग गई। आग बुझाने से पहले जहाज का अंदरूनी हिस्सा बुरी तरह जल कर तबाह हो चुका था। इस हादसे में भी सौभाग्यपूर्ण किसी के जनहानि की ख़बर नहीं आई थी।
- 3 फरवरी 2014 को, आईएनएस ऐरावत (L 24), एक शार्दुल वर्ग का उभयचर युद्धपोत, विशाखापत्तनम में अपने घरेलू बेस पर लौटते समय, दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे इसके प्रोपेलर को मामूली नुकसान हुआ। इस घटना के बाद, इसके कमांडिंग ऑफिसर, कैप्टन जे पी एस विर्क को बोर्ड ऑफ इन्क्वायरी ने उनको कमान से मुक्त कर दिया था।
- पिछले साल अक्टूबर में, भारतीय नौसेना के विध्वंसक आईएनएस रणविजय में आग लगने से चार लोग घायल हो गए थे। यह घटना तब हुई जब आईएनएस रणविजय विशाखापत्तनम नेवल हार्बर में डॉक किया गया था।
Conclusion: बीते मंगलवार को आईएनएस रणवीर में हुए विस्फोट से भारतीय नौसेना के तीन जवानो के शहीद होने की दुखद ख़बर नौसेना के हवाले से आई है। इस लेख को लिखते हुए रिसर्च के दौरान हमे पता चला की 2007 से 2017 के बीच नौसेना में 62 दुर्घटनाएं देखीं गयी जिसमे जांच के दौरान 177 अधिकारियों को दोषी पाया गया, जिनहे टाला जा सकता था।
इस लेख के माध्यम से हमने आप तक नौसेना के कुछ दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाओं को सांझा किया है। एसे ही ताज़ा समाचार को विस्तार से जानने के लिए बने रहिए Oneworldnews के साथ।