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Hindu Temple in UAE: 27 एकड़ में बना यूएई का पहला हिंदू मंदिर, सात शिखर का ये हैं रहस्य, जानें क्या है खासियत…

Hindu Temple in UAE: बीएपीएस मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर बनाया गया है। इस मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। मंदिर को बनाने में करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है।

Hindu Temple in UAE: अबू धाबी में हिंदू मंदिर के लिए हर धर्म के लोगों ने कुछ न कुछ किया डोनेट, एक क्लिक में जानें सब कुछ

पीएम मोदी दो दिन के दौरे पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की राजधानी अबूधाबी में थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान यूएई के पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन किया। बीएपीएस मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर बनाया गया है। इस मंदिर के निर्माण में करीब 700 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। मंदिर को बनाने में करीब 18 लाख ईंटों का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर की भव्यता को और बढ़ाने के लिए इसमें संगमरमर का प्रयोग किया गया है।

आपको बता दें कि इस मंदिर में संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरातों का प्रतिनिधित्व करने वाले सात शिखर हैं। ऊंटों की नक्काशी की गयी है और यूएई की राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी उकेरा गया है। मंदिर में मूर्तियों की प्राण-प्रतिष्ठा बुधवार सुबह शुरू हुई। प्रधानमंत्री मोदी शाम को भव्य मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए।

अबू धाबी का ये पहला हिंदू मंदिर

अबू धाबी का यह पहला हिंदू मंदिर सह-अस्तित्व के विचार का प्रतिनिधित्व करता है। क्योंकि इस हिंदू मंदिर के लिए एक मुस्लिम राजा ने जमीन दान की है। इस मंदिर का मुख्य वास्तुकार एक कैथोलिक ईसाई रहा है, जबकि प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख है। वहीं, फाउंडेशनल डिजाइनर एक बौद्ध है। जिस कंपनी ने इस मंदिर को बनाया है, वह कंस्ट्रक्शन कंपनी एक पारसी समूह का है।

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27 एकड़ जमीन में फैला है मंदिर

इस मंदिर का डायरेक्टर जैन धर्म से ताल्लुकात रखता है। इस तरह से इस हिंदू मंदिर में हर धर्म के लोगों के प्रतिनिधित्व की झलक दिखती है। दरअसल, अबू धाबी का यह बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण हिन्दू मंदिर यानी बीएपीएस हिन्दू मंदिर 27 एकड़ जमीन में फैला है। इस हिंदू मंदिर के लिए यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद जायद अल नाहयान ने 27 एकड़ की जमीन दान में दी थी।

700 करोड़ की लागत से हुआ निर्माण

यह मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल राहबा के पास 27 एकड़ क्षेत्र में बना है, जो करीब 700 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है। मंदिर में 402 खंभे हैं। 25,000 पत्थर के टुकड़ों का उपयोग किया गया है। मंदिर तक जाने वाले रास्ते के चारों ओर 96 घंटियां और गौमुख स्थापित किए गए हैं। मंदिर में नैनो टाइल्स का इस्तेमाल किया गया है, जो गर्मी में भी पर्यटकों के लिए चलने में आरामदायक होगी।

मुस्लिम राजा ने हिंदू मंदिर के लिए दान की भूमि

मंदिर में किसी भी प्रकार की लौह सामग्री का उपयोग नहीं किया गया है। मंदिर में गोलाकार, षटकोणीय जैसे विभिन्न प्रकार के खंभे बनाए गए हैं। एक मुस्लिम राजा ने एक हिंदू मंदिर के लिए भूमि दान की। इस मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट कैथोलिक ईसाई, प्रोजेक्ट मैनेजर एक सिख, फाउंडेशनल डिजाइनर एक बौद्ध, कंस्ट्रक्शन कंपनी एक पारसी ग्रुप है और डायरेक्टर जैन धर्म से ताल्लुक रखते हैं।

मंदिर में बनाए गए हैं सात शिखर

मंदिर में सात शिखर बनाए गए हैं इन पर भगवान राम, भगवान शिव, भगवान जगन्नाथ, भगवान कृष्ण, भगवान स्वामीनारायण, तिरूपति बालाजी और भगवान अयप्पा की मूर्तियां हैं। सात शिखर संयुक्त अरब अमीरात के सात अमीरात का प्रतिनिधित्व करते हैं। मंदिर में रामायण और महाभारत सहित भारत की 15 कहानियों के अलावा माया, एजटेक, मिस्र, अरबी, यूरोपीय, चीनी और अफ्रीकी सभ्यताओं की कहानियों को भी दर्शाया गया है।

108 फुट ऊंचा है ये मंदिर

मंदिर में ‘शांति का गुंबद’ और ‘सौहार्द का गुंबद’ भी बनाया गया है। कुल 108 फुट ऊंचा यह मंदिर क्षेत्र में विविध समुदायों के सांस्कृतिक एकीकरण का मार्ग प्रशस्त करेगा। मेजबान देश को समान प्रतिनिधित्व देने के लिए भारतीय पौराणिक कथाओं में हाथी, ऊंट और शेर जैसे महत्वपूर्ण स्थान रखने वाले जानवरों के साथ-साथ यूएई के राष्ट्रीय पक्षी बाज को भी मंदिर के डिजाइन में शामिल किया गया है।

अबू मुरीखा में स्थित है मंदिर

प्रतिष्ठित पत्थर का मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद राजमार्ग पर अल रहबा के पास अबू मुरीखा में स्थित है। मंदिर संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की ओर से डोनेट की गई जमीन पर बनाया गया है। 2015 में उन्होंने संयुक्त अरब अमीरात में पहले मंदिर के निर्माण के लिए 13.5 एकड़ जमीन दान की थी और साल 2019 में, उन्होंने अतिरिक्त 13.5 एकड़ जमीन गिफ्ट की।

2019 दिसंबर में शुरू हुआ था निर्माण

BAPS हिंदू मंदिर की नींव अप्रैल 2019 में रखी गई थी और इसका निर्माण उसी साल दिसंबर में शुरू हुआ था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मंदिर के निर्माण की लागत करीब 400 मिलियन संयुक्त अरब अमीरात दिरहम है। मंदिर अधिकारियों के अनुसार, शिल्प और स्थापत्य शास्त्रों एवं हिंदू ग्रंथों में उल्लेखित निर्माण की प्राचीन शैली के अनुसार भव्य मंदिर बनाया गया है। संयुक्त अरब अमीरात में अत्यधिक तापमान के बावजूद श्रद्धालुओं को गर्मी में भी इन टाइल पर चलने में दिक्कत नहीं होगी।

भूकंप का पता लगा लेगा मंदिर

बीएपीएस के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने कहा, ‘यहां वास्तुशिल्प पद्धतियों को वैज्ञानिक तकनीकों के साथ जोड़ा गया है। तापमान, दबाव और गति (भूकंपीय गतिविधि) को मापने के लिए मंदिर के हर स्तर पर 300 से अधिक उच्च तकनीक वाले सेंसर लगाए गए हैं। सेंसर अनुसंधान के लिए लाइव डेटा प्रदान करेंगे। यदि क्षेत्र में कोई भूकंप आता है तो मंदिर इसका पता लगा लेगा और हम अध्ययन कर सकेंगे।’

राजस्थान में तराशा गया चूना पत्थर

मंदिर के निर्माण प्रबंधक मधुसूदन पटेल ने कहा, ‘हमने परंपरागत सौंदर्य वाली पत्थर संरचनाओं और आधुनिक समय के शिल्प को मिलाते हुए तापमान रोधी सूक्ष्म टाइल्स और कांच के भारी पैनलों का इस्तेमाल किया है। अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर का निर्माण नागर शैली में किया गया है। इसी तरह अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण किया गया है। मंदिर में स्वंयसेवक उमेश राजा के अनुसार, 20 हजार टन से अधिक चूना पत्थर के टुकड़ों को राजस्थान में तराशा गया और 700 कंटेनर में अबू धाबी लाया गया।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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