Getout Ravi: तमिलनाडु के राज्यपाल ने भाषण दौरान किया वॉकआउट
Getout Ravi: राज्यपाल ने क्यों किया वॉकआउट जानें क्या है पूरा मामला ?
Highlight
- तमिलनाडु में तमिझगम विवाद के बीच मंगलवार को पश्चिमी चेन्नई में ‘गेट आउट रवि’ वाले पोस्टर देखे गए।
- राज्यपाल ने राज्य सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था
- हालांकि बीजेपी ये ट्रेंड चला रही है कि राज्य ( तमिलनाडु) में अनुच्छेद 356 लगें।
Getout Ravi: तमिलनाडु विधानसभा में सोमवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान जमकर हंगामा हो गया। राज्यपाल आरएन रवि ने विधानसभा में कहा कि राज्य का नाम तमिलनाडु के बजाय तमिझगम करना ज्यादा बेहतर होगा। रवि ने जैसे ही तमिल में अपना भाषण शुरू किया। विधायकों ने तमिलनाडु वाझगवे (तमिलनाडु अमर रहे) और एंगल नाडु तमिलनाडु (हमारी भूमि है) के नारे लगाने शुरू हो गए। इस पर सरकार में काबिज सहयोगी कांग्रेस और विदुथलाई चिरुथिगाल काची के सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बाद राज्यपाल स्पीच बीच में छोड़कर सदन से बाहर चले गए।
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके और राज्यपाल आरएन रवि के बीच विवाद गहरा गया है। यह पूरा विवाद अभिभाषण को लेकर शुरू हुआ। दरअसल, राज्यपाल ने विधानसभा में सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था। इस पूरे अभिभाषण के बाद सीएम स्टालिन ने कुछ अंशों को अनदेखा करने पर रोष व्यक्त किया। इस पूरे हंगामे के बीच राज्यपाल ने विधानसभा से वॉकआउट कर लिया।
दरअसल, राज्यपाल ने राज्य सरकार की तरफ से तैयार किए गए अभिभाषण के कुछ हिस्सों को छोड़ दिया था, जिसमें धर्मनिरपेक्षता, तमिलनाडु को शांति का स्वर्ग बताया गया था, बीआर आंबेडकर, के कामराज, सीएन अन्नादुरई और करुणानिधि जैसे नेताओं का उल्लेख किया था। उन्होंने ‘द्रविड़ियन मॉडल’ को लेकर बताई गई बातों को भी नहीं पढ़ा जिसे सत्तारूढ़ डीएमके बढ़ावा देती है।
सत्तारूढ़ द्रमुक और उसके सहयोगी दलों कांग्रेस और विदुथलाई चिरुथिगाल काची (वीसीके) के सदस्यों ने विधानसभा से वॉकआउट करने से पहले राज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। डीएमके और सहयोगी दलों ने राज्यपाल के रुख का विरोध किया और उन पर भाजपा की वैचारिक स्थिति का समर्थन करने का आरोप लगाया। विधायकों ने कहा, ‘यह नागालैंड नहीं, यह गर्वित तमिलनाडु है।’
तमिलनाडु में तमिझगम विवाद के बीच मंगलवार को पश्चिमी चेन्नई में ‘गेट आउट रवि’ वाले पोस्टर देखे गए। बता दें कि सोमवार को विधानसभा की कार्रवाई के दौरान राज्यपाल आरएन रवि ने सुझाव दिया था कि प्रदेश का नाम तमिलनाडु के बजाय तमिझगम अधिक उपयुक्त नाम होगा। राज्यपाल के इस सुझाव के बाद विवाद खड़ा हो गया। आज ‘#Getout Ravi’ शब्दों वाले कई पोस्टर तमिलनाडु के पश्चिम चेन्नई में वल्लुवर कोट्टम और अन्ना सलाई क्षेत्रों में देखे गए।
'Tamizhagam' row: 'Get out Ravi' posters spotted in West Chennai
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— ANI Digital (@ani_digital) January 10, 2023
हालांकि बीजेपी ये ट्रेंड चला रही है कि राज्य ( तमिलनाडु) में अनुच्छेद 356 लगें। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 356 के अनुसार, भारत के राष्ट्रपति को राष्ट्र के किसी भी राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने और राज्य सरकार को निलंबित करने का अधिकार है।
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दरअसल, विधानसभा सत्र के दौरान सोमवार को राज्यपाल आरएन रवि ने अपना अभिभाषण दिया। इसके बाद सीएम एमके स्टालिन ने खेद जताया कि राज्यपाल के अभिभाषण से कुछ अंशों को बाहर कर दिया गया। जिन्हें राज्य सरकार द्वारा जोड़ा गया था। इसके बाद स्टालिन ने एक प्रस्ताव पास कर राज्यपाल द्वारा दिए गए अभिभाषण को छोड़कर राज्य सरकार के मूल भाषण को रिकॉर्ड पर लेने का प्रस्ताव पास किया।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री व डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने मंगलवार को विधायकों से अपील की कि वे राज्यपाल आरएन रवि के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां न करें। साथ ही उन्होंने विधायकों को राज्यपाल के खिलाफ पोस्टर लगाने से भी मना किया है। राज्यपाल की टिप्पणी पर मचे बवाल के बीच ट्विटर पर ‘#Getout Ravi’ टॉप ट्रेंड कर रहा है।