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Delhi Mayor Election: आप-बीजेपी के संग्राम में, सीएम आवास का हुआ घेराव

Delhi Mayor Election: जानें क्या है? आप और बीजेपी के बीच चल रहे विवाद की मुख्य वजह


  • Highlight
  • मुख्यमंत्री आवास पर जमा हुए 2,000 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दिल्ली पुलिस को वाटर कैनन का      इस्तेमाल करना पड़ा।
  • जब तक अब मेयर का चुनाव हो नहीं जाता निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार ही एमसीडी का संचालन करेंगे।
  • दिल्ली नगर निगम के लिए एलजी वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं।

Delhi Mayor Election: राजधानी दिल्ली में मेयर चुनाव के दिन आम आदमी पार्टी और भारतीय जनताा पार्टी के बीच हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। दोनों पार्टियों के नेता इस मुद्दे पर एक बार फिर सड़कों पर हैं। बीजेपी ने जहां सीएम केजरीवाल के घर के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया है। वहीं कहा गया है, पार्टी के तमाम प्रवक्ता और संगठन महामंत्री के नेतृत्व में आगे बढ़ेगें और सीएम आवास के बाहर विरोध के स्वर बुलंद किए जाएंगे। तो वहीं आप ने बीजेपी मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। पार्टी के तमाम कार्यकर्ता और नेता बैनर और पोस्टर के साथ मुख्यालय के बाहर नारेबाजी कर रहे हैं।

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बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री आवास पर जमा हुए 2,000 से अधिक बीजेपी कार्यकर्ताओं पर दिल्ली पुलिस को वाटर कैनन का इस्तेमाल करना पड़ा। यह विरोध-प्रदर्शन दिल्ली के लिए नए महापौर का चुनाव करने के लिए हो रहा है। दिल्ली से बीजेपी के सांसद परवेश वर्मा ने कहा कि हमारा विरोध तब तक जारी रहेगा, जब तक सीएम केजरीवाल उपद्रवी नगर पार्षदों को निलंबित नहीं करते। बीजेपी सांसद ने कहा- हमारी महिला नगर पार्षदों के साथ मारपीट करने की उनकी हिम्मत कैसे हुई। इतिहास में ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। हम एलजी से उपद्रवी पार्षदों को निलंबित करने के लिए अनुरोध करते हैं।

आपको बता दें कि दिल्ली नगर निगम में विवाद की मुख्य वजह उप राज्यपाल की ओर से मनोनीत पार्षद, पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और हज कमेटी के गठन से दिल्ली की राजनीति पर पड़ने वाला प्रभाव भी है। ये तीन बिंदु ही दिल्ली नगर निगम के विवाद की मुख्य वजह है।

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गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम के लिए एलजी वीके सक्सेना ने 10 पार्षद मनोनीत किए हैं। उप राज्यपाल द्वारा मनोनीत पार्षदों को एल्डरमैन कहा जाता है। इस पर आम आदमी पार्टी का आरोप है कि एलजी ने चुनी हुई सरकार को बाईपास कर बीजेपी के कार्यकतार्ओं को एल्डरमैन बना दिया है। उपराज्यपाल आम आदमी पार्टी की ओर से लगाए गए इस आरोप को सिरे से खारिज कर चुके हैं।

आम आदमी पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि संविधान का आर्टिकल 243R कहता है कि मनोनीत पार्षद ऐसे एक्सपर्ट होने चाहिए जिन्हें नगरपालिका प्रशासन की जानकारी होनी चाहिए। जिन 10 लोगों को चुना गया है कि उन्हें संबंधित विषय की बेहद कम जानकारी है और वो सभी भाजपा के नेता हैं। वहीं आप विधायक ने यह भी दावा किया कि एमसीडी के इंटरनल चुनाव के लिए एलजी द्वारा प्रोटम स्पीकर का चयन नियमों के खिलाफ है। आम आदमी पार्टी के इन आरोपों के बाद भाजपा ने भी पलटवार किया है।

आपको बता दें जब तक अब मेयर का चुनाव हो नहीं जाता निगम के विशेष अधिकारी अश्वनी कुमार ही एमसीडी का संचालन करेंगे। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक स्थायी समिति और सदन से जुड़ीं सभी फाइलें उन्हीं के पास भेजी जाएंगी। एमसीडी के एकीकरण के बाद अश्वनी कुमार जिस प्रकार से एमसीडी को चला रहे हैं, वह आगे भी इसी तरह से इसे चलाते रहेंगे। निगम की सारी सेवाएं निर्बाध तरीके से नागरिकों तक पहुंचती रहेंगी।

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