काम की बात

जाने विशाल मेगामार्ट की शुरुआती कहानी, कैसे एक फोटोकॉपी की दुकान से 1000 करोड़ की कंपनी बनाई

जाने कौन है विशाल मेगामार्ट के फाउंडर राम चन्द्र अग्रवाल


ये  बात तो हम सभी लोग जानते हैं कि सफलता पाने के लिए जितनी जरूरी मेहनत होती है उतना ही जरूरी धैर्य और दृढ़ संकल्प भी होता है। आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति की कहानी बताने जा रहे है जिन्होंने अपनी शुरुआत तो ज़ीरो से की थी लेकिन आज वो एक विशाल साम्राज्य का निर्माण कर चुके है। जी हां आज हम बात कर रहे है विशाल मेगामार्ट के फाउंडर राम चन्द्र अग्रवाल की। एक गरीब परिवार में जन्मे राम चन्द्र अग्रवाल ने अपनी शुरुआत एक फोटोकॉपी की दुकान से की थी लेकिन आज के समय पर उनकी गिनती भारत के तमाम बड़े व्यापारियों में की जाती है।आपको बता दे कि उन्हें अपने जीवन बहुत सारी दिक्कतों का सामना भी करना पड़ा था लेकिन उसके बाद भी उन्होंने कभी हार नहीं मानी और अपनी सफलता से सबको चौंका दिया। तो चलिए विस्तार से जानते है उनकी सफर के बारे में।

राम चन्द्र अग्रवाल ने कर्ज लेकर खोली फोटोकॉपी की दुकान

आपको बता दे कि विशाल मेगामार्ट के फाउंडर राम चन्द्र अग्रवाल बचपन में पोलियो के शिकार हो गए थे जिसके कारण उनकी चलने फिरने की क्षमता समाप्त हो गई थी। लेकिन उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और किसी तरह ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की। उसके बाद उन्होंने किसी से पैसे उधार ले कर अपने लिए फोटोकॉपी की दुकान खोली। लेकिन उसके एक साल बाद उन्होंने अपना कारोबार शुरू करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने कोलकाता के लाल बाज़ार में एक कपड़े बेचने की दुकान खोल ली। 15 साल तक ये दुकान चलाने के बाद उन्होंने इसे बंद कर बड़े स्तर पर एक खुदरा व्यापार शुरू करने की योजना बनाई।

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जाने कैसे शुरुआत हुई विशाल मेगामार्ट की

आपको बता दे कि साल 2001 में राम चन्द्र अग्रवाल ने कोलकाता छोड़ दिया और दिल्ली आकर शिफ्ट हो गए। दिल्ली आकर उन्होंने विशाल रिटेल के नाम से एक खुदरा व्यापार शुरू किया। उसके बाद उन्होंने साल 2002 में दिल्ली में ‘विशाल मेगामार्ट के रूप में पहली हाइपरमार्केट कंपनी बनाई। यहां से धीरे धीरे उनका करोबार फैलता गया और यह कई शहरों तक पहुंच गया। साल 2007 में शेयर बाजार में तेजी के दौरान विशाल रिटेल की लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए राम चन्द्र अग्रवाल ने बैंक से भारी मात्रा में उधार लेकर आउटलेट्स खोलने की सोची।

विशाल रिटेल को करोड़ों का नुकसान

आपको बता दे कि साल 2008 में शेयर बाजारों में आई भारी गिरावट के कारण विशाल रिटेल को 750 करोड़ का नुकसान हुआ। इस समय स्थिति इतनी खराब हो गई कि राम चन्द्र अग्रवाल को विशाल रिटेल को बेचना पड़ा। इस लिए साल 2011 में राम चन्द्र अग्रवाल ने विशाल रिटेल को श्रीराम ग्रुप के हाथों सौप दिया। लेकिन इसके बाद भी राम चन्द्र अग्रवाल ने हार नहीं मानी और V2 रिटेल के नाम से एक बार फिर खुदरा व्यापार कि शुरूआत की। आज के समय पर हमारे देश में V2 रिटेल काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। अभी हमारे देश में 32 शहरों में V2 अपना आउटलेट्स खोल चुकी है।

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