Cold Super Moon: आज दिखेगा 2025 का आखिरी कोल्ड सुपर मून, आसमान में होगा अद्भुत नजारा
Cold Super Moon, दिसंबर 2025 खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए बेहद खास साबित हो रहा है। इस महीने कई दुर्लभ खगोलीय घटनाएँ दिखाई दे रही हैं,
Cold Super Moon : साल का अंतिम ‘कोल्ड सुपर मून’ आज रात, जानें समय और खास बातें
Cold Super Moon, दिसंबर 2025 खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए बेहद खास साबित हो रहा है। इस महीने कई दुर्लभ खगोलीय घटनाएँ दिखाई दे रही हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण है साल का अंतिम सुपरमून। गुरुवार की रात आसमान में यह अद्भुत दृश्य देखने को मिलेगा। यह सुपरमून 2025 के चार लगातार सुपरमून की श्रृंखला में तीसरा है, जबकि चौथा और अंतिम सुपरमून जनवरी 2026 में दिखाई देगा।
कब और कैसे दिखेगा सुपरमून?
गुरुवार को जैसे ही सूर्य अस्त होगा, पूर्व दिशा में चंद्रमा की चमकीली झलक दिखाई देने लगेगी। रात बढ़ने के साथ चंद्रमा ऊपर उठता जाएगा और करीब आधी रात को अपनी सर्वाधिक ऊंचाई पर नजर आएगा। सुबह सूर्योदय के साथ ही यह पश्चिम दिशा की ओर धीरे-धीरे क्षितिज में ओझल हो जाएगा। यह पूर्णिमा 2025 की अंतिम पूर्णिमा भी है, इसलिए खगोल विज्ञान के लिहाज़ से इसका महत्व और बढ़ जाता है।
क्यों कहा जाता है इसे ‘कोल्ड सुपरमून’?
जवाहर तारामंडल की खगोल विज्ञानी सुरूर फ़ातिमा के अनुसार, दिसंबर की ठंड और उत्तरी गोलार्ध में सर्दियों के आगमन के कारण इस सुपरमून को “कोल्ड सुपरमून” कहा जाता है। इस समय पृथ्वी का उत्तरी ध्रुव सूर्य से सबसे अधिक दूर होता है, जिसके कारण यहाँ सबसे छोटे दिन और सबसे लंबी रात होती है। इसी वजह से इस पूर्णिमा को लॉन्ग नाइट मून भी कहा जाता है।
कितना बड़ा और चमकीला दिखेगा चंद्रमा?
यह सुपरमून सामान्य दिनों की तुलना में:
- 10% बड़ा दिखाई देगा
- लगभग 30% अधिक चमकीला होगा
- अपनी कक्षा में पृथ्वी के सबसे निकट लगभग 3,57,000 किलोमीटर की दूरी पर होगा
धरती के करीब होने की वजह से चंद्रमा का रंग थोड़ा नारंगी भी दिखाई दे सकता है, जो इसे और आकर्षक बनाता है।
इसके अन्य नाम भी प्रचलित हैं, जैसे:
- लॉन्ग नाइट मून
- मून बिफोर यूल (क्रिसमस से पहले का चंद्रमा)
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दिसंबर की खगोलीय गतिविधियाँ – क्यों है यह महीना खास?
सिर्फ सुपरमून ही नहीं, बल्कि दिसंबर का महीना अन्य खगोलीय दृश्यों से भी भरपूर रहेगा। कई ग्रह और तारे चंद्रमा के आसपास दिखाई देंगे, जिससे रात का आसमान और भी मनमोहक दिखेगा।
7 दिसंबर – चंद्रमा और बृहस्पति का संगम
इस दिन चंद्रमा आकाश के सबसे चमकीले ग्रहों में से एक बृहस्पति के बिल्कुल पास दिखाई देगा।
18 दिसंबर – चंद्रमा के पास नजर आएगा बुध ग्रह
बुध ग्रह आमतौर पर दिखाई देना मुश्किल होता है, लेकिन इस दिन वह चंद्रमा के साथ आकाश में साफ दिखाई देगा।
19 दिसंबर – शुक्र ग्रह का नजदीकी दृश्य
शुक्र ग्रह, जिसे हम “शाम का तारा” भी कहते हैं, चंद्रमा के ठीक पास चमकता दिखेगा।
27 दिसंबर – चंद्रमा और शनि ग्रह का दुर्लभ मिलन
इस दिन शनि और चंद्रमा का सुंदर संयोजन रात के आसमान को और खास बना देगा।
21 दिसंबर – साल की सबसे लंबी रात
दिसंबर का सबसे बड़ा खगोलीय आकर्षण है वर्ष की सबसे लंबी रात, जो 21 दिसंबर को होती है।
इसे विंटर सोल्सटिस कहा जाता है। इस दिन:
- उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबी रात
- और सबसे छोटा दिन
होता है।
सूर्य इस समय आकाश में अपने सबसे निचले बिंदु पर होता है।
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से सूर्य इस दौरान भुजंगधारी राशि से होकर गुजरता है और 19 दिसंबर को धनु राशि में प्रवेश करता है।
दिसंबर सोल्सटिस का विज्ञान
पृथ्वी अपनी धुरी पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई है।
इसी झुकाव की वजह से पृथ्वी के अलग-अलग हिस्सों में मौसम बदलते रहते हैं।
दिसंबर के समय:
- उत्तरी ध्रुव सूर्य से सबसे दूर झुका होता है
- इस कारण दिन छोटे और रातें लंबी हो जाती हैं
- सूर्य की किरणें सीधी न पड़ने से ठंड बढ़ जाती है
खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए सुनहरा मौका
साल का यह आखिरी सुपरमून बेहद खास है क्योंकि इसके बाद अगला सुपरमून जनवरी 2026 में देखने को मिलेगा।
जो लोग तारों, ग्रहों और चंद्रमा में रुचि रखते हैं, उनके लिए:
- बिना बादलों की रात
- खुले आसमान
- कैमरा या दूरबीन
सब मिलकर इस दृश्य को
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