Bhagat Singh Jayanti 2024: आज पूरा देश मना रहा शहीद भगत सिंह की 117 वीं जयंती, जानिए उनसे जुड़े कुछ दमदार तथ्य
शहीद भगत सिंह की 28 सितंबर को 117 वीं जयंती मनाई जा रही है। उनका जन्म 1907 में बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ी और 23 मार्च 1931 को शहीद हो गए। उनके प्रेरक नारे 'इंकलाब जिंदाबाद', आज भी देशभक्ति की भावना जगाते हैं।
Bhagat Singh Jayanti 2024: जानिए भगत सिंह की गिरफ्तारी-शहादत और उनके दमदार बोल…
Bhagat Singh Jayanti 2024: भगत सिंह का जन्म 28 सितंबर 1907 को पंजाब के लायलपुर जिले में हुआ था। उनके पिता किशन सिंह संधू एक क्रांतिकारी थे और उनके परिवार की जड़ें राजस्थान में थीं। भगत सिंह ने अपनी शिक्षा लाहौर में प्राप्त की और जल्द ही वे क्रांतिकारी गतिविधियों में शामिल हो गए। भगत सिंह ने अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के लिए हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन (एचआरए) नामक संगठन की स्थापना की। उन्होंने अपने साथियों के साथ मिलकर कई क्रांतिकारी गतिविधियों में भाग लिया, जिनमें लाहौर के पुलिस अधीक्षक जॉन पी सैंडर्स की हत्या और दिल्ली केंद्रीय विधानसभा में बम विस्फोट शामिल थे।
खून से सनी मिट्टी को घर लाए
जलियांवाला बाग कांड का उनपर खासा गहरा प्रभाव पड़ा। दरअसल अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक शांतिपूर्ण सभा में जनरल डायर ने गोली चलवा दी थी, जिसमें सैंकड़ों लोग मारे गए थे। इस घटना से सारा देश हिल गया था। उस समय बाहर वर्षीय भगत सिंह भी अमृतसर पहुंचे थे। उन्होंने देखा कि जलियांवाला बाग की मिट्टी खून से लाल हो गई है। उस समय भगत सिंह के कोमल मन में अंग्रेजों के लिए खासा आक्रोश था और मृतकों के लिए खासा दर्द, जहां ये घटना हुई थी वहां की मिट्टी खून से लथपथ हो गई थी। ऐसे में भगत सिंह ने खून से सनी थोड़ी मिट्टी को अपनी बोतल में भरा और घर ले आए।
भगत सिंह की गिरफ्तारी और शहादत
भगत सिंह की गिरफ्तारी 1928 में हुई थी और उन्हें मुकदमे के बाद फांसी की सजा सुनाई गई थी। 23 मार्च 1931 को भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को लाहौर जेल में फांसी दी गई थी। भगत सिंह की शहादत ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को नई दिशा दी और उन्हें शहीद-ए-आजम के रूप में याद किया जाता है। उनकी विरासत आज भी प्रेरणा का स्रोत है और उनकी जयंती पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
भगत सिंह के दमदार बोल
1. “इंकलाब जिंदाबाद: भगत सिंह की विरासत जीवित रखें”
2. “मैं नास्तिक हूँ, लेकिन देश के लिए मरने को तैयार हूँ”
3. “जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के दम पर तो सिर्फ जीवित रहते हैं”
4. “देश की आजादी के लिए बलिदान देना मेरा कर्तव्य है”
5. “मैं भगत सिंह हूँ, और मैं अपने देश के लिए लड़ूँगा”
6. “क्रांति की आग जलाए रखना हमारा उद्देश्य है”
7. “आजादी की लड़ाई में हमारा नारा है – इंकलाब जिंदाबाद”
8. “मेरा रंग दे बसंती चोला, मेरा रंग दे वतन के वास्ते”
9. “देश के लिए जीना और मरना मेरा धर्म है”
10. “भगत सिंह की आवाज़: आजादी की लड़ाई जारी रहेगी”
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