काम की बात

Amit Shah on Adani: अडानी पर अमित शाह ने तोड़ी चुप्पी, कहा डरती नहीं बीजेपी

Amit Shah on Adani: अमित शाह ने कहा, भाजपा के लिए छिपाने या डरने के लिए कुछ भी नहीं


Highlight
.  अमित शाह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। इसलिए इस पर टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा।
. राहुल गांधी ने कहा केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ कर रही है। 

Hindenburg-Adani Row: हिंडनबर्ग-अडाणी विवाद पर गृहमंत्री अमित शाह ने पहली बार बयान दिया है। उन्होंने मंगलवार को ANI पॉडकास्ट पर दिए इंटरव्यू में कहा कि इस पर कोई कमेंट करना सही नहीं होगा। क्योंकि मामला सुप्रीम कोर्ट में है। लेकिन इतना जरूर कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने जैसी कोई बात नहीं है और न ही डरने की जरूरत है।

गौरतलब है कि समाचार एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। इसलिए इस पर टिप्पणी करना मेरे लिए उचित नहीं होगा। लेकिन भाजपा के लिए छिपाने या डरने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। एक मंत्री के रूप में मेरे लिए इस पर बोलना सही नहीं है। लेकिन इसमें भाजपा के लिए छिपाने या इससे डरने के लिए कुछ भी नहीं है।

Read more- Raid On Adani: हिमाचल प्रदेश में अडानी ग्रुप पर रेड, टैक्स के हेर-फेर का आरोप

आपको बता दें हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद राहुल गांधी समेत विपक्ष ने BJP पर अडाणी का बचाव करने के आरोप लगाए हैं। इसे लेकर संसद से सड़क तक प्रदर्शन भी किया है। हाल ही में संसद के बजट सत्र के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी अदाणी मुद्दे पर सरकार पर जोरदार हमला बोला था। उन्होंने इसको लेकर पीएम मोदी पर कई आरोप भी लगाए थे।

उन्होंने ने कहा केंद्र सरकार जांच एजेंसियों का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ कर रही है। इन आरोपों पर अमित शाह ने कहा- वे कोर्ट क्यों नहीं जाते? जब पेगासस का मुद्दा उठाया गया था तो मैंने कहा था कि सबूत के साथ कोर्ट जाओ। लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। वे 2002 से मोदी के पीछे हैं। हजारों साजिशों के बावजूद सच सामने आता है। लेकिन हर बार, मोदी जी मजबूत और अधिक लोकप्रिय बनकर सामने आते हैं।

बता दें कि हिंडनबर्ग-अडानी विवाद और अन्य विपक्षी दलों द्वारा सरकार के खिलाफ पक्षपात के आरोप लगाने के साथ एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया है। विपक्षी पार्टियों ने संसद के बजट सत्र के दौरान संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। उन्होंने अडानी समूह में एलआईसी और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश पर सवाल उठाए हैं। हालांकि, सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों और नियामक निकायों के आरोपों को खारिज कर दिया है। इसके साथ ही सरकार ने मानदंडों का पालन करने के बारे में बयान भी जारी किया है।

आपको बता दें लोकसभा में राहुल गांधी के अडानी समूह से संबंधित हालिया भाषण के बारे में पूछे जाने पर अमित शाह ने कहा, ‘यह कांग्रेस नेता या उनके स्क्रिप्ट राइटर्स को तय करना है कि वह क्या भाषण देना चाहते हैं। अमित शाह ने राहुल गांधी के बीजेपी के खिलाफ घोर पूंजीवाद के आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए अमित शाह ने कहा, ‘कोई सवाल ही नहीं है।

Read more- Adani FPO Cancel: अडानी एंटरप्राइजेज के FPO हुए रद्द, जानिए क्या है पुरा मामला

कोई भी आज तक भाजपा के खिलाफ इस तरह के आरोप नहीं लगा सका है। उनके काल में एजेंसियां चाहे वह सीएजी हों या सीबीआई उन्होंने भ्रष्टाचार का संज्ञान लेते हुए मामले दर्ज किए थे। 12 लाख करोड़ रुपये के घोटाले हुए थे।’

वहीं अडानी के मामले पर मचे बवाल पर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कुछ दिन पहले कहा था कि भारत की स्थिति किसी भी तरह से प्रभावित नहीं हुई है। उन्होंने कहा था कि नियामक अपना काम करेंगे। रिजर्व बैंक ने अपना बयान जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि पहले भी FPO वापस लिए गए हैं।

वहीं मार्केट रेगुलेटर सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड अडानी समूह के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर की जांच के बारे में अपडेट देने के लिए 15 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात करेगा।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

Back to top button