Start-up Marketing Strategy: स्टार्ट अप ग्रो करने में बेस्ट हैं ये 10 मार्केटिंग स्ट्रेटजी
नये स्टार्ट अप या कंपनी को ग्रो करने के लिए मार्केटिंग की बहुत जरूरत पड़ती है। डिजिटल मीडिया के द्वारा स्टार्ट अप की मार्केटिंग के सही तरीकों के बारे में जाना जा सकता है।
Start-up Marketing Strategy: जानिए दिए गए तरीकों से, कैसे करें स्टार्ट अप मार्केटिंग में ग्रो
किसी नये स्टार्ट अप को ग्रो कराने वाली 10 मार्केटिंग स्ट्रेटजी
सोशल मीडिया मार्केटिंग
हम कोई भी स्टार्ट अप कर रहे हों तो उसके प्रचार-प्रसार में सोशल मीडिया प्लेटफार्म बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। आज ज्यादातर लोग सोशल मीडिया से जुड़ी हुई नजर आ सकते हैं। हम सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफार्म पर रहें, वहां हम बहुत आसानी से तरह तरह की कंपनियों से जुड़ी एड देख पाते हैं। यह सब अपने स्टार्ट अप को ग्रोथ करने या कराने का एक तरीका बन चुका है।
सोशल मीडिया पर सबसे बड़ी बात यह है कि यहां कंपनी और कस्टमर्स एक साथ जुड़ सकते हैं और बिजनेस एवं प्रोडेक्ट्स से संबंधित आइडियाज भी शेयर कर सकते हैं। आज जमाना डिजिटल युग का है। सोशल मीडिया प्लेटफार्म के रूप में इंस्टाग्राम यूथ के बीच में तेजी से पॉपुलर हुआ है। यहां अच्छी तादाद में युवा वर्ग एक्टिव रहता है। वहीं फेसबुक (मेटा) का आकर्षण भी जस का तस है। यहां से अपने स्टार्ट अप ग्रो कराया जा सकता है। सोशल मीडिया आपके स्टार्ट अप के ग्रोथ में सपोर्ट करती है।
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सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ( SEO) के द्वारा
डिजिटल युग के टाइम में किसी भी बिजनेस या स्टार्ट अप को कंपटीशन में बनाए रखने के लिए एसईओ यानि सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन का बड़ा रोल होता है। जिन लोगों ने अपनी स्टार्ट अप को शुरू किया है, पूरी संभावना है कि उनमें से अधिकतम लोगों का खुद के स्टार्ट अप का वेबसाइट भी होगा। इस वेबसाइट को बनाने से लेकर इसको एक्टिव रहने तक में मेहनत और पैसा दोनों लगता है। इसी को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन कहते हैं। आप चाहते हैं कि लोग आपके कंपनी और प्रोडेक्ट्स को सर्च करें तो वो इसे आसान कीवर्ड के साथ देख पाएं। इस प्रकार धीरे-धीरे कंपनी डेवलप होने लगती है।
ब्लॉग और कंटेंट के द्वारा
किसी भी कंपनी या उसके प्रोडेक्ट को विकसित करने में कंटेंट का बहुत बड़ा योगदान होता है। अपने और ब्लॉग पर कंपनी और प्रोडेक्ट से संबंधित रेगुलर आर्टिकल या ब्रांड से संबंधित कंटेंट को पब्लिश करते रहने से यह एक डिजिटल लाइब्रेरी बन जाती है। यहां कोई भी पर्सन या कस्टमर्स आसानी से आपके कंपनी और ब्रांड के बारे में अपडेट ले सकता है। इस प्रकार आपके स्टार्ट अप की रीच और ग्रोथ में विकास होता है।
विडियो के द्वारा डेवलपमेंट
विडियो एक ऐसा कंटेंट होता है जो अच्छी तरह से बन जाए तो उस कंटेंट को इग्नोर करना मुश्किल होता है। इस मामले में यूट्यूब अव्वल दिखता है। यहां दुनियाभर से इंटरनेट यूजर्स हर दिन ढ़ेरों विडियो देखते हैं। यूट्यूब के प्रभाव को देखते हुए हम अपने स्टार्ट अप के ग्रोथ के लिए सिर्फ वेबसाइट या ब्लॉग के राइटिंग के भरोसे नहीं रह सकते हैं। हम सिर्फ कंटेंट राइटिंग के भरोसे अपने कस्टमर्स को हर चीज नहीं समझा सकते हैं। ऐसे में विडियो की भाषा और समझ, किसी वेबसाइट की राइटिंग कंटेंट की अपेक्षा कस्टमर्स को इजिली समझ में आ सकती है। विडियो अपने स्टार्ट अप को ग्रो कराने का अच्छा माध्यम है।
इंफ्लुएंसर्स के द्वारा स्टार्ट अप में ग्रोथ
इंटरनेट पर ऐसे ढ़ेर सारे सक्सेसफुल पर्सनॉलिटिज और इंफ्लुएंसर्स मिल जाएंगे जिनके पास बड़ी संख्या में ऑडियंस और एक्टिव फॉलोवर्स हैं। ये लोग रेगुलर बेसिस पर अपने कंटेंट ब्लॉग पोस्ट्स, विडियोज, पोडकॉस्ट्स आदि कंटेंट्स पोस्ट करते रहते हैं। उनके फॉलोवर्स उनके कंटेंट को एंजॉय भी करते हैं। ऐसे में आपके स्टार्ट अप के लिए इंफ्लुएंसर्स की हेल्प फायदेमंद हो सकता है।
मोबाइल एक्सपीरिएंस से सपोर्ट
आज मोबाइल और इंटरनेट की जोड़ी ने बहुत सारी सुविधाएं दी हैं। एक अच्छी मोबाइल पर दुनियाभर से यूजर्स सर्च करते हैं, कंटेंट पढ़ते हैं और कई सारी चीजों की शॉपिंग भी करते हैं। यदि आप मोबाइल की सुविधा का भरपूर लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, इसका मतलब है कि आप अपने ऑडियंस तक अपनी रीच बनाने में पीछे रह गये हैं। इसलिए यदि आपकी वेबसाइट की डिजाइन और फंक्शन बहुत बड़ी नहीं है तो यह कस्टमर्स के लिए आसान हो जाता है कि वो मोबाइल पर ही आपके कंटेंट से जुड़ सके। इसीलिए आपके वेबसाइट की ऑप्टिमाइजेशन मोबाइल फ्रेंडली होनी चाहिए ताकि यूजर्स को जुड़ने में आसानी हो।
रेफरल्स के सपोर्ट से स्टार्ट में ग्रोथ
यह सही बात है कि यदि आपका स्टार्ट अप नया है तो इसके क्लायंट या कस्टमर्स बेस अभी लिमिट ही होगी। यह भी सच है कि आपका एक संतुष्ट कस्टमर्स भी आपका सबसे बड़ा ब्रांड अम्बेसडर हो सकता है। यदि आपके नॉलेज में ऐसे कस्टमर्स आते हैं तो उन्हें पहचानकर सम्मानित करने से आपके ब्रांड और कंपनी महत्व बढ़ जाती है। आप एक रेफरल प्रोग्राम भी कर सकते हैं जहां ऐसे कस्टमर्स (जो अपने फ्रेंड सर्किल में भी आपके ब्रांड का प्रचार करते हैं) को सम्मानित कर सकते हैं। यह उनके दोस्तों और असोशिएट से ‘वर्ड टू माउथ’ मार्केटिंग कर अपने स्टार्ट अप को ग्रो करने का बेस्ट तरीका हो सकता है।
कंज्यूमर्स को फ्री में गिफ्ट्स देकर
आपको सुनने में अजीब लग सकता है, लेकिन यह सच है कि दशकों से अच्छे-अच्छे कामयाब ब्रांड्स ने अपने प्रोडेक्ट की ब्रांडिंग के लिए कस्टमर्स जुड़कर, उन्हें ही अपने ब्रांड का हीरो बनाया है। दरअसल आप अपने कंज्यूमर्स के लिए रिवार्ड के रूप में अपने ब्रांड के नाम से छपी कोई भी गिफ्ट्स जैसे कि दीवाल घड़ी या टीशर्ट बांट सकते हैं। अलग- अलग एरिया के हिसाब से यह आपकी गिफ्ट लोगों के बीच में आपको स्टेब्लिश करने में सपोर्ट करती है।
पोस्टर्स हो सकता है स्टार्ट अप के ग्रोथ में सहायक
हम अपने बचपन से अपनी सराउंडिंग में दुकानों से लेकर, चौराहों तक दीवारों पर विभिन्न ब्रांडों के छोटे-बड़े पोस्टर्स को देखते आए हैं। यह पोस्टर्स कंज्यूमर्स के माइंड में ब्रांड की इमेज क्रिएट करते हैं जिससे उस ब्रांड की पब्लिकली ब्रांडिंग हो जाता है। आजकल डिजिटल का जमाना है तो इसके पोस्टर्स बनाने में सुविधा होगी।
लिंक्डिन से जुड़कर ग्रोथ
आज के मॉडर्न प्रोफेशनल जमाने में हर कोई खुद को लिंक्डिन से जोड़े रखना चाहता है। लिंक्डिन हर प्रोफेशनल के लिए जरूरी हो गया है। यहां दुनिया के कोने-कोने से लोग, अलग- अलग फील्ड्स से आकर लिंक्डिन पर अपनी प्रोफाइल बनाते हैं। लिंक्डिन में एक्सपर्ट्स की सलाह और अनुभवों से आप अपने स्टार्ट अप और ब्रांड के ग्रोथ के बारे में बहुत कुछ सीख सकते हैं और बहुत कुछ नयी चीजें भी जान सकते हैं जो कि आपके स्टार्ट अप के विकास में सहायक हो सकता है।