World Wildlife Day: वन्यजीव दिवस 2025 जंगली जीवों की सुरक्षा, मानवता की जिम्मेदारी
World Wildlife Day, हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है।
World Wildlife Day : वन्यजीव दिवस 2025, जागरूकता से बदलाव तक
World Wildlife Day, हर वर्ष 3 मार्च को विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जाता है। यह दिन प्रकृति और वन्यजीवों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) ने 20 दिसंबर 2013 को इस दिन को आधिकारिक रूप से घोषित किया था। यह दिवस 1973 में हस्ताक्षरित “वन्य जीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर सम्मेलन” (CITES) की वर्षगांठ का प्रतीक भी है।
जंगली जीवों की सुरक्षा
वन्यजीव पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। वे पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में मदद करते हैं, जैव विविधता को संरक्षित करते हैं और पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखते हैं। लेकिन शिकार, वन विनाश, जलवायु परिवर्तन और प्रदूषण के कारण कई प्रजातियाँ विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसलिए, यह दिन हमें वन्यजीवों के महत्व को समझने और उन्हें बचाने की प्रेरणा देता है।
2024 की थीम
हर साल विश्व वन्यजीव दिवस की एक विशेष थीम होती है, जो विभिन्न पहलुओं पर ध्यान केंद्रित करती है। उदाहरण के लिए, 2024 की थीम थी – “Connecting People and Planet: Exploring Digital Innovation in Wildlife Conservation”, जिसका उद्देश्य वन्यजीव संरक्षण में डिजिटल तकनीकों की भूमिका को उजागर करना था।
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कारण और चुनौतियाँ
1. वन्यजीवों के लिए खतरे
अवैध शिकार और वन्यजीव तस्करी
वनों की कटाई और प्राकृतिक आवासों का विनाश
जलवायु परिवर्तन और बढ़ता प्रदूषण
औद्योगिकीकरण और शहरीकरण
2. संरक्षण के प्रयास
राष्ट्रीय उद्यानों और वन्यजीव अभयारण्यों की स्थापना
कठोर वन्यजीव संरक्षण कानून
CITES और IUCN जैसी अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं की पहल
जनजागरूकता अभियानों का आयोजन
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भारत में वन्यजीव संरक्षण
भारत वन्यजीवों की समृद्ध जैव विविधता वाला देश है। यहाँ बाघ, गैंडा, हाथी, शेर, हिम तेंदुआ जैसी कई दुर्लभ प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत सरकार ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे:
प्रोजेक्ट टाइगर (1973) – बाघों के संरक्षण के लिए
प्रोजेक्ट एलीफेंट (1992) – हाथियों की सुरक्षा के लिए
वन्यजीव संरक्षण अधिनियम (1972) – वन्यजीवों के शिकार और व्यापार पर रोक लगाने के लिए।
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