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Anantnag Encounter: अनंतनाग में सेना का ऑपरेशन जारी, आतंकियों पर रॉकेट लांचर से किए जा रहें हमले

जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि घाटी में व्याप्त आतंकवाद का खात्मा किया जाएगा।

Anantnag Encounter: पहाड़ का रास्ता सेना के लिए बना चुनौती, एडीजीपी ने कहा आतंकियों का करेंगे खात्मा


अनंतनाग के कोकरनाग में सुरक्षा बलों का आंतकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है और वहां के जंगल में 2-3 आतंकियों को सुरक्षा बलों ने घेरा हुआ है। बुधवार को आतंकियों ने सुरक्षा बल पर घात लगाकर हमला किया था। जिसमें तीन ऑफिसर शहीद हो गए थे।
Anantnag Encounter: जम्मू-कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह का कहना है कि घाटी में व्याप्त आतंकवाद का खात्मा किया जाएगा। पुलिस महानिदेशक कल दोपहर में कोकरनाग पहुंचे। उन्होंने ऑपरेशन में शामिल पुलिस व सेना के अधिकारियों से ऑपरेशन के बारे में जानकारी ली। मालूम हो कि इस मुठभेड़ में पहले दिन बुधवार को 19 आरआर के सीओ कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनक और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट बलिदान हो चुके हैं। खबर है कि अभी अभियान जारी है।

एडीजीपी ने कहा आतंकियों का खात्मा करेंगे 

अनंतनाग में चल रहे अभियान के बारे में कश्मीर के एडिशनल डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि आतंकियों के खिलाफ यह अभियान पुख्ता सूचना के आधार पर शुरू किया गया है और वहां फंसे आतंकियों का खात्मा किया जाएगा। उन्होंने रिटायर्ड पुलिस और सेना अधिकारियों को सलाह दी कि वह मीडिया में ‘घात लगाकर’ किए गए हमले की थ्योरी से परहेज करें।

एक और जवान शुक्रवार को शहीद हो गया

इससे पहले दक्षिण कश्मीर के कोकरनाग के गडूल जंगल में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में घायल एक और जवान शुक्रवार को बलिदान हो गया। इसके साथ ही इस ऑपरेशन में बलिदानियों की संख्या चार हो गई है। हालांकि जवान के बारे में अभी तक सेना की ओर से कोई अधिकृत जानकारी नहीं दी गई। शुक्रवार को तीसरे दिन भी आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहा।

पहाड़ का रास्ता सेना के लिए बना चुनौती

हालांकि इस दौरान सेना को कुछ भी नहीं मिला। बस इतनी जानकारी मिली की आतंकी पहाड़ी के ऊपर चोटी पर हैं और इसके बाद सेना और पुलिस की टीम ने धावा बोलने का फैसला किया। पूरे एनकाउंटर के दौरान पहाड़ी के ऊपर चढ़ने का रास्ता सेना के लिए चुनौती बना हुआ है। क्योंकि रास्ता काफी संकरा है। एक तरफ पहाड़ और घना जंगल है तो वहीं दूसरी तरफ खाई है। सेना ने जब चढ़ाई शुरू की तो सबसे आगे मेजर आशीष और जम्मू-कश्मीर पुलिस के डीएसपी हुमायूं भट्ट थे।
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