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Women’s Day 2025: महिलाओं की हेल्थ से जुड़ी 5 बड़ी समस्याएं, जिन पर खुलकर बोलना जरूरी

Women's Day 2025, हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा जाता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है।

Women’s Day 2025 : महिला दिवस विशेष, उन अनदेखी बीमारियों पर बात करें, जो महिलाओं को सबसे ज्यादा प्रभावित करती हैं

Women’s Day 2025, हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं की उपलब्धियों को सराहा जाता है और उनके अधिकारों के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर जोर दिया जाता है। हालांकि, जब बात महिलाओं की सेहत की आती है, तो समाज में आज भी कई जरूरी मुद्दों पर खुलकर चर्चा नहीं होती। कई महिलाएं शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं का सामना करती हैं, लेकिन सामाजिक व पारिवारिक कारणों से या तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया जाता है या वे खुद इन्हें खुलकर साझा नहीं कर पातीं। आइए जानते हैं कुछ ऐसी ही सेहत संबंधी समस्याओं के बारे में, जिन पर खुलकर बात करना बेहद जरूरी है।

1. मासिक धर्म और मेंस्ट्रुअल हेल्थ

भारत में आज भी मासिक धर्म को लेकर कई तरह की गलतफहमियां और शर्मिंदगी जुड़ी हुई है। कई महिलाएं इस दौरान होने वाले असहनीय दर्द, अनियमित पीरियड्स, भारी रक्तस्राव और पीसीओडी जैसी समस्याओं से जूझती हैं, लेकिन सही जानकारी और इलाज के अभाव में तकलीफें झेलती रहती हैं। जरूरी है कि महिलाएं बिना किसी हिचक के अपनी मेंस्ट्रुअल हेल्थ पर चर्चा करें और समय पर डॉक्टर से परामर्श लें।

2. हार्मोनल असंतुलन और पीसीओडी/पीसीओएस

आज की बदलती जीवनशैली और अनियमित खान-पान की वजह से युवा महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) और हार्मोनल असंतुलन की समस्या बढ़ती जा रही है। इसके कारण अनियमित पीरियड्स, वजन बढ़ना, बालों का झड़ना और इनफर्टिलिटी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। सही समय पर इलाज और संतुलित जीवनशैली अपनाकर इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

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3. मानसिक स्वास्थ्य की अनदेखी

अक्सर महिलाएं परिवार और समाज की जिम्मेदारियों में इतनी उलझ जाती हैं कि वे अपनी मानसिक सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं। डिप्रेशन, एंग्जायटी और स्ट्रेस जैसी समस्याएं महिलाओं में आम होती जा रही हैं, लेकिन इन पर खुलकर चर्चा नहीं होती। समाज को समझना होगा कि मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना शारीरिक स्वास्थ्य। महिलाओं को अपनी भावनाओं को दबाने के बजाय खुलकर साझा करना चाहिए और जरूरत पड़ने पर प्रोफेशनल हेल्प लेनी चाहिए।

4. बोन हेल्थ और ऑस्टियोपोरोसिस

अधिकांश महिलाएं बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों से जुड़ी समस्याओं का सामना करती हैं, लेकिन इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। कैल्शियम और विटामिन डी की कमी के कारण हड्डियां कमजोर हो जाती हैं, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है। महिलाओं को अपनी डाइट में पौष्टिक आहार शामिल करना चाहिए और नियमित रूप से व्यायाम करना चाहिए।

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5. ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर की जागरूकता

भारत में हर साल हजारों महिलाएं ब्रेस्ट और सर्वाइकल कैंसर का शिकार होती हैं, लेकिन समय पर स्क्रीनिंग और जांच न होने के कारण यह बीमारी गंभीर रूप ले लेती है। महिलाओं को नियमित रूप से ब्रेस्ट सेल्फ-एग्जामिनेशन और डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

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