Vande Bharat Sleeper Coach: रेलवे को मिलने वाली है स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस, इस साल शुरू हो सकता है इसका ट्रायल
रेलयात्रियों के लिए अच्छी खबर है। रेलवे को जल्दी ही स्लीपर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन मिलने वाली है। इसका ट्रायल इस साल ही शुरू होने की उम्मीद है। इन्हें राजधानी के रूट पर चलाया जाएगा। देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस फरवरी 2019 में नई दिल्ली से वाराणसी के बीच चलाई गई थी।
Vande Bharat Sleeper Coach: अब रेल टिकट में वेटिंग लिस्ट का झंझट होगा खत्म , वंदे भारत में ये एसी कोच होंगे शामिल
Vande Bharat Sleeper Coach: देश में पहली वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन फरवरी 2019 में नई दिल्ली से वाराणसी के बीच शुरू की गई थी। उसके बाद से अब तक देश में चेयर कार सुविधा वाली कुल 34 वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनें चलाई जा चुकी है। सरकार अब इस सेमी हाई-स्पीड ट्रेन का स्लीपर वर्जन निकालने की तैयारी में है। इसे राजधानी एक्सप्रेस के रूट पर चलाया जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसका प्रोटोटाइप तैयार हो चुका है और इस साल ट्रायल रन शुरू हो सकता है। सबसे पहले इसे दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर चलाया जा सकता है। इनमें एसी और नॉन-एसी कोच होंगे।
इंटीग्रल कोच फैक्ट्री चेन्नई जनरल मैनेजर ने क्या कहा
चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के जनरल मैनेजर बी जी माल्या ने हाल में कहा था कि इस वित्तीय वर्ष के दौरान वंदे का स्लीपर वर्जन लॉन्च कर दिया जाएगा। स्लीपर वंदे भारत को एक कंसोर्टियम बना रहा है। इसमें रेल विकास निगम लिमिटेड और रूस का टीएमएच ग्रुप शामिल है। इस कंसोर्टियम ने 200 में से 120 स्लीपर वंदे भारत चलाने के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। बाकी 80 ट्रेनें की सप्लाई टीटागढ़ वैगन्स और बीएचईएल का कंसोर्टियम सप्लाई करेगा।
वंदे भारत में ये ए सी कोच होंगे शामिल
आरवीएनएल के जीएम (मैकेनिकल) आलोक कुमार मिश्रा ने पिछले साल अगस्त में कहा था कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की रफ्तार 160 किमी प्रति घंटे होगी। इसमें 16 कोच होंगे जिनमें 11 एसी3, चार एसी2 और एक एसी1 कोच होगा। उनका कहना था कि कोच की संख्या 20 या 24 की जा सकती है।
अब रेल टिकट में वेटिंग लिस्ट का झंझट होगा खत्म
साथ ही वंदे मेट्रो को भी बनाया जा रहा है। 12 कोच की इस ट्रेन को छोटे रूट पर चलाया जाएगा। हाल में पेश अंतरिम बजट में तीन नए रेल कॉरिडोर बनाने का प्रस्ताव है। असल में ये केवल तीन रेल कॉरिडोर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इन तीनों से 434 प्रोजेक्ट जुड़े हुए हैं। दावा किया जा रहा है कि इससे देश में रेलवे का कायाकल्प हो जाएगा। 6-8 साल में पूरे होने वाले इन तीनों कॉरिडोर की लंबाई 40 हजार किलोमीटर होगी। तीनों कॉरिडोर के लिए 40 हजार किलोमीटर लंबे रेल ट्रैक बिछाने के लिए आरंभिक लागत 11 लाख करोड़ रुपये आने का अनुमान है। उम्मीद जताई जा रही है कि 2030-31 तक देश में रेल टिकट बुक कराने वालों के लिए वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो सकेगा।
ये होंगे संभावित रूट
रेलवे मंत्रालय के अनुसार देश के प्रमुख रूटों दिल्ली-हावड़ा और दिल्ली मुंबई के बीच पहली वंदेभारत स्लीपर ट्रेन चलाने की तैयारी है। ये रूट सबसे ज्यादा व्यस्त हैं और दोनों रूटों पर मौजूदा समय पैसेंजरों की संख्या भी खूब है। इसी को ध्यान में रखते हुए वंदेभारत एक्सप्रेस ट्रेन दो रूटों पर एक साथ चलाई जा सकती हैं।
जानें खासियत
रेल मंत्रलय के अनुसार पहली स्लीपर वंदेभारत स्लीपर आईसीएफ चेन्नई ही बनाएगा। राजधानी व अन्य प्रीमियम ट्रेनों से इसका स्लीपर कोच थोड़ा अलग होगा। इसमें प्रत्येक कोच में चार के बजाए तीन टॉयलेट होंगे। इसके साथ ही एक मिनी पेंट्री भी बनाई जाएगी। एक स्लीपर वंदेभारत ट्रेन में कुल 823 बर्थ होंगी। इसमें यात्रियों के लिए 823 बर्थ और स्टाफ के लिए 34 बर्थ होंगी।
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