Vaishno Devi Landslide: जम्मू-कश्मीर त्रासदी, वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर 30 की मौत, भारी बारिश से हालात बिगड़े
Vaishno Devi Landslide, जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 तक पहुंच गई है।
Vaishno Devi Landslide : वैष्णो देवी हादसा, जम्मू का देश से संपर्क टूटा
Vaishno Devi Landslide, जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। श्री माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर हुए भूस्खलन में मरने वालों की संख्या बढ़कर 33 तक पहुंच गई है। यह हादसा इतना बड़ा था कि पूरे देशभर में इसकी चर्चा हो रही है। यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं के लिए यह वक्त बेहद दुखदायी साबित हुआ है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताया शोक
इस घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर करते हुए हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। पीएम मोदी ने घायलों के जल्द स्वस्थ होने की भी कामना की है और कहा है कि केंद्र सरकार इस कठिन घड़ी में जम्मू-कश्मीर प्रशासन के साथ खड़ी है।
उपराज्यपाल का मुआवजा ऐलान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने हादसे में मारे गए श्रद्धालुओं के परिवारों को नौ लाख रुपये का मुआवजा देने का ऐलान किया है। यह कदम प्रभावित परिवारों को राहत देने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके अलावा घायलों को बेहतर इलाज उपलब्ध कराने की व्यवस्था भी प्रशासन की ओर से की जा रही है।
चनैनी नाला में कार हादसा
भूस्खलन के बीच एक और हादसा सामने आया। जम्मू के चनैनी नाला में एक कार फिसलकर नदी में गिर गई। इस हादसे में तीन श्रद्धालु बह गए। जानकारी के अनुसार, लापता लोगों में से दो राजस्थान के धौलपुर जिले के रहने वाले हैं जबकि तीसरा आगरा का निवासी है। अभी भी इनकी तलाश जारी है।
बाढ़ जैसे हालात
रविवार से जारी मूसलाधार बारिश ने जम्मू शहर और आसपास के इलाकों में हालात बिगाड़ दिए हैं। लगातार बारिश के कारण सड़कें और पुल क्षतिग्रस्त हो गए हैं, जिससे जगह-जगह बाढ़ जैसे दृश्य देखने को मिले। हालात इतने गंभीर हो गए कि जम्मू का देश से सड़क और रेल संपर्क पूरी तरह टूट गया है।
प्रशासन ने लगाया प्रतिबंध
मंगलवार रात भारी बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने विशेष आदेश जारी किए। रात 9 बजे के बाद लोगों को बिना वजह घरों से बाहर निकलने पर रोक लगा दी गई। यह कदम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और संभावित हादसों से बचाने के लिए उठाया गया।
नदियां खतरे के निशान से ऊपर
जम्मू-कश्मीर में बहने वाली प्रमुख नदियां — तवी, चिनाब और उज्ज — खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पानी के तेज बहाव के चलते निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें लगातार निगरानी कर रही हैं और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने का प्रयास किया जा रहा है।
भगवतीनगर पुल धंसा
बारिश और बाढ़ का सबसे ज्यादा असर जम्मू के पुलों पर देखने को मिला। तवी नदी पर बने भगवतीनगर पुल की एक लेन धंस गई है, जबकि इसी नदी पर बने दो अन्य पुलों पर एहतियात के तौर पर आवाजाही पूरी तरह से रोक दी गई है। कठुआ के पास पहले ही पुल धंसने से जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग प्रभावित था।
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देविका पुल भी क्षतिग्रस्त
कठुआ के बाद अब विजयपुर में एम्स के नजदीक देविका पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया है। इसके चलते जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों की आवाजाही पूरी तरह बंद कर दी गई। अब लोग वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने को मजबूर हैं। इस स्थिति ने आम जनता के साथ-साथ यात्रियों और श्रद्धालुओं की परेशानियां और बढ़ा दी हैं।
सेना ने बचाए गुज्जर समुदाय के लोग
संकट की इस घड़ी में सेना के जवान भी राहत और बचाव कार्य में जुटे हैं। सांबा जिले में जवानों ने खानाबदोश गुज्जर समुदाय के सात लोगों को नदी से सुरक्षित बाहर निकाला। अगर समय रहते मदद न मिलती तो यह हादसा और बड़ा हो सकता था।
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स्कूल-कॉलेज बंद
बढ़ते संकट को देखते हुए प्रशासन ने जम्मू संभाग के सभी स्कूलों और कॉलेजों में 27 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया। यह फैसला बच्चों और स्टाफ की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
हालात पर नजर
भारी बारिश, भूस्खलन और बाढ़ के हालात ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। एनडीआरएफ, सेना और स्थानीय प्रशासन राहत कार्य में लगे हुए हैं। हालांकि हालात अभी भी गंभीर बने हुए हैं और आने वाले दिनों में मौसम और चुनौतीपूर्ण साबित हो सकता है।
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