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UP Crime: लड़की को अपहरण कर गला रेता, दृश्यम-2 फिल्म देख सुबूत मिटाने की कोशिश

महिला को अगवा कर गला रेतकर फेंकने के मामले में पुलिस ने करीब 1900 कैमरों के फुटेज खंगाले। फुटेज से 10 ग्रे रंग की एसयूवी (इनोवा) चिन्हित की।

UP Crime: जीजा ने रची थी साजिश, पुलिस ने आरोपियों को किया बेनकाब 


महिला को अगवा कर गला रेतकर फेंकने के मामले में पुलिस ने करीब 1900 कैमरों के फुटेज खंगाले। फुटेज से 10 ग्रे रंग की एसयूवी (इनोवा) चिन्हित की। इसमें से एक एसयूवी के पीछे बायीं तरफ वाले पहिये का व्हील कवर टूटा दिखा। उसी आधार पर उसको करीब 49 किमी तक ट्रेस करते रहे। तब पुलिस सीधे उस गैराज में पहुंची जहां पर एसयूवी खड़ी थी। एसयूवी मालिक के पकड़े जाने के बाद वारदात का राजफाश हुआ।
UP Crime: फतेहगंज पारा निवासी नीलम (32) के पास पांच नवंबर की शाम एक परिचित आसमा पहुंची थी। वह एक परिचित के प्लॉट पर पूजा होने की बात कहकर नीलम को लेकर चली गई थी। छह नवंबर की सुबह मोहनलालगंज इलाके में झाड़ियों में नीलम खून से लथपथ मिली थी। गर्दन रेती हुई थी।

नीलम के जीजा संतोष कुमार सैनी ने वारदात की साजिश रची

एडीसीपी पश्चिम चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि तफ्तीश में सामने आया कि रामनगर बाराबंकी निवासी नीलम के जीजा संतोष कुमार सैनी ने वारदात की साजिश रची। उसने अपने हुसैनगंज निवासी दोस्त आसिफ उर्फ अंसारी, उसकी भतीजी आसमां व इनोवा मालिक शुभम यादव के साथ मिलकर घटना को अंजाम दिया। इन चारों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है।

साजिश को इस तरह दिया था अंजाम

संतोष ने साजिश में अपने साथियों को शामिल किया। साजिश के तहत करीब तीन चार महीने से लगातार आसमा नीलम के चाय के होटल पर जाती रही, जिससे दोनों की दोस्ती हो गई। जब यकीन हो गया कि नीलम उस पर भरोसा करने लगी है तब वारदात के दिन उसको पूजा करवाने के बहाने वहां से लेकर गई। बुद्धेश्वर चौराहे पर शुभम ने उसको जूस दिया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। तब संतोष व आसिफ भी वहां पहुंच गए। एसयूवी से उसको मोहनलालगंज इलाके में ले गए और गला रेतकर फेंक दिया। एसयूवी को देर रात तक इधर उधर घुमाते रहे।

दृश्यम-2 फिल्म देख सुबूत मिटाने की कोशिश

पूछताछ में आरोपी संतोष ने बताया कि उसने दृश्यम-2 फिल्म देखी थी। फिल्म में वारदात के बाद जिस तरह से सुबूत मिटाते हुए दिखाया गया था, उसी तरह से वह भी करना चाहता था। इसलिए उसने करीब दो महीने पहले एक राह चलती इनोवा कार का नंबर नोट कर लिया था। फिर उसकी नंबर प्लेट बनवाई।

 पुलिस ने आरोपियों को किया बेनकाब 

साथी आसिफ से इनोवा का इंतजाम करने को कहा। तब शुभम की एंट्री हुई। उस इनोवा पर ये फर्जी नंबर प्लेट लगाई। संतोष ने अपना मोबाइल उन्नाव में स्थित ससुराल में छोड़ दिया था। अन्य तीनों ने मोबाइल बंद कर लिए थे, लेकिन पुलिस ने उनको बेनकाब कर दिया।

15 साल पहले हुई थी नीलम की शादी

एडीसीपी ने बताया कि संतोष, नीलम की बहन सुमन का पति है। नीलम की शादी 15 साल पहले हुई थी। नीलम के पिता रामचंद्र उन्नाव में रहते हैं। नीलम यहां पारा के फतेहगंज में रहकर चाय का होटल चलाती है। रामचंद्र ने नीलम को एक मकान और प्लाट आदि दिए थे। संतोष को कुछ नहीं दिया था। संतोष के कारण ही नीलम की शादी भी टूट गई थी। इसलिए रामचंद्र संतोष से चिढ़ता था। रामचंद्र, नीलम को लखनऊ में बना करीब तीन करोड़ कीमत का मकान और उन्नाव में ढाई बीघा का प्लाट भी देना चाहते थे। संतोष ने मकान और प्लाट के लालच में नीलम को रास्ते से हटाने की योजना बना डाली। उसने नीलम की हत्या की साजिश तीन माह पहले रची। प्लान साथी आसिफ अंसारी को बताया। उसे एक हजार स्क्वायर फीट का प्लाट और 10 लाख रुपये देने के लिए कहा। आसिफ ने अपनी भांजी आसमा को तैयार किया। आसमा 15 दिन पहले से नीलम के होटल पर जाकर बैठने लगी। उससे दोस्ती गांठ ली।
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