Special Trains In Festival: छठ और दीवाली में घर जाना हुआ ओर भी आसान, रेलवे दें रहा कई स्पेशल ट्रेनें
दिपावली और छठ पर्व को लेकर अभी से ट्रेनों में जगह नहीं है। सीटें फुल हैं। दिल्ली से बिहार और यूपी जाने वाली ट्रेनों में बर्थ खाली नहीं है। इस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। हालांकि रेलवे की ओर से कुछ स्पेशल ट्रेनों का परिचालन शुरू किया गया है।
Special Trains In Festival: छठ और दीवाली में कंफर्म सीटों की टेंशन खत्म, आज ही करें इन ट्रेनों में टिकट बुक
Special Trains In Festival: इस साल दिवाली 1 नवंबर और छठ पूजा 7-8 नवंबर को है। ऐसे में छठ पूजा एक बड़ा त्यौहार है। जिसे मनाने के लिए दूर दराज नौकरी कर रहे लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे में रेलवे प्रशासन हर बार की भांति इस बार भी तैयारी में जुट गया है। साथ ही स्पेशल ट्रेन चलानी शुरू कर दी है। वहीं, इस बार भी रेलवे प्रशासन द्वारा नवरात्रि से छठ पूजा तक कई स्पेशल ट्रेन चलाने की घोषणा कर दी है। जिससे छठ पूजा पर घर जाने वाले यात्री आसानी से अपने घर जा सकेंगे और उन्हें रेलवे द्वारा यात्रा करने में किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
दुर्गा पूजा स्पेशल ट्रेन
पटना से पुरी के बीच रेलवे ने स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। पुरी से पटना के बीच ट्रेन नंबर 08439 ट्रेन का संचालन किया जाएगा। ट्रेन 5 अक्टूबर से 23 नवंबर के बीच संचालित होगी। वहीं पटना से पुरी हर रविवार को ट्रेन नंबर 08440 का संचालन किया जाएगा। यह ट्रेन 6 अक्टूबर से 1 नवंबर तक दोनों स्टेशनों के बीच चलेगी।
जल्द ही चलेंगी ट्रेन
मुरादाबाद में रेलवे द्वारा 5 ट्रेनें घोषित करने के बाद रेलवे ने 11 और स्पेशल ट्रेनों की घोषणा कर दी है। ये ट्रेनें दिल्ली, पंजाब और जम्मू से यूपी होते हुए बिहार तक चलेंगी। जो भी यूपी और बिहार के यात्री हैं। वह अपने घर आसानी से जा सकेंगे और छठ पूजा सहित अन्य त्योहारों को आसानी से मना सकेंगे और उन्हें रेलवे द्वारा यात्रा करने में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। मुरादाबाद, चंदौसी और बरेली स्टेशनों पर इन ट्रेनों का ठहराव होगा। यात्री अनारक्षित टिकट लेकर सफर कर सकेंगे। साथ ही बुकिंग की सुविधा भी रहेगी।
इन ट्रेनों में नहीं मिल रहा कंफर्म टिकट
डिब्रुगढ़ राजधानी, पटना राजधानी, श्रमजीवी एक्सप्रेस, मगध एक्सप्रेस, विक्रमशिला एक्सप्रेस, भागलपुर व जयनगर गरीब रथ सहित बिहार के अधिकांश शहरों को जाने वाली ट्रेनों में प्रतीक्षा सूची का टिकट मिल रहा है। वहीं प्रतीक्षा सूची वाले यात्री स्लीपर क्लास में सफर करने के लिए सवार हो जाते हैं। स्लीपर के एक कोच में 72 सीटें होती हैं। लेकिन कोच में यात्रियों की संख्या 150 तक पहुंच जाती है। दिन में यात्री किसी न किसी की सीट पर बैठकर सफर कर लेते हैं लेकिन रात में सोने के लिए ट्रेन की फर्श पर लेटना पड़ता है या किसी की सीट पर बैठकर सफर करना पड़ता है। इससे प्रतीक्षा सूची वाले यात्रियों को असुविधा तो होती है साथ ही उन यात्रियों को भी परेशानी का सामना करना पड़ता है, जिनकी सीट कंफर्म है। स्थिति यह हो जाती है कि स्लीपर क्लास जनरल क्लास में तब्दील हो जा रहा है।
We’re now on WhatsApp. Click to join.
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com