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Poonch Terror Attack: जम्मू कश्मीर के पुंछ जिले में हुए आतंकी हमले में 5 जवान हुए शहीद, एक गंभीर रूप से घायल

फॉरेंसिक टीम ने 36 राउंड गोलियों सहित सभी सैंपल इकट्ठा किए हैं। इसके साथ ही ट्रक से दो ग्रेनेड पिन भी बरामद किए गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए हमले जैसा ही लग रहा था।

Poonch Terror Attack: जानिए किस मकसद से आतंकवादी ने किया हमला, NIA करेंगी जांच

Poonch Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में एक आतंकी हमले में सेना के पांच जवान शहीद हो गए। हमले के दो दिन बाद सुरक्षा बलों ने शनिवार (22 अप्रैल) को खुलासा किया कि हमले में स्टिकी बमों का इस्तेमाल किया गया था। स्टिकी बम विस्फोटक उपकरण होते हैं, जिन्हें रिमोट की मदद से ब्लास्ट किया जाता है या टाइमर सेट किया जाता है।

सूत्रों के मुताबिक, फॉरेंसिक टीम ने सेना के ट्रक पर चलाई गई। 36 राउंड गोलियों सहित सभी सैंपल इकट्ठा किए हैं। इसके साथ ही ट्रक से दो ग्रेनेड पिन भी बरामद किए गए हैं। अब तक मिली जानकारी के अनुसार, हमले का तरीका पिछले साल कटरा में हुए हमले जैसा ही लग रहा था। सेना, राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तरफ से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, जबकि लगभग 2000 कमांडो को तलाशी अभियान के लिए तैनात किया गया था।

पाकिस्तान से जुड़े आतंकी हमले के तार

इस बीच, इंटेलिजेंस ब्यूरो ने हमले के संबंध में गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के साथ एक रिपोर्ट साझा की है। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, इस आतंकी हमले में दो गुटों के सात आतंकी शामिल थे। सूत्रों ने यह भी दावा किया कि आतंकवादी पाकिस्तानी आतंकी समूहों के थे।

हमले के पीछे क्या था मकसद?

पुंछ में गुरुवार को एक आतंकवादी हमले के बाद सेना के वाहन में आग लगने से पांच जवान शहीद हो गए, जबकि एक अन्य जवान गंभीर रूप से घायल हो गया। सेना ने एक बयान में कहा है कि हमले में शहीद हुए जवान राष्ट्रीय राइफल्स इकाई के थे और उन्हें इलाके में आतंकवाद रोधी अभियानों के लिए तैनात किया गया था।

भारत इस साल जी 20 समिट की अध्यक्षता कर रहा है। इसके तहत अलग-अलग जगह मीटिंग होनी है। इसमें दो बैठकें श्रीनगर और लद्दाख के लेह में होंगी। लेह में 26 से 28 अप्रैल और श्रीनगर में 22 से 24 मई को मीटिंग होनी है।

मीटिंग से पहले आतंकी हमले के जरिए यह संदेश देना चाहते हैं कि कश्मीर में हालात सामान्य नहीं हैं। इन दोनों बैठकों को लेकर पाकिस्तान आपत्ति भी जता चुका है जिसे भारत ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि जम्मू-कश्मीर और लेह देश का अभिन्न हिस्सा हैं।

सेना की गाड़ियों का मूवमेंट कैसे पता चला?

सेना ने कहा कि जिस वाहन में जवान यात्रा कर रहे थे, वह अज्ञात आतंकवादियों के हमले की चपेट में आ गया और संभवत: ग्रेनेड की चपेट में आने के कारण उसमें आग लग गई।

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पुंछ क्षेत्र में गुरुवार को सेना के काफिले पर हमले के सिलसिले में जांच की जा रही है कि आतंकियों को सेना की गाड़ियों के मूवमेंट का पता कैसे चला? सेना और स्थानीय पुलिस की अपनी जांच के अलावा खुफिया तंत्र और अब एनआईए भी हमले की साजिश और किरदारों का पता लगाने की कोशिशों में जुटी हैं। हालांकि, घने जंगलों और पहाड़ों वाले इस इलाके में लाइन ऑफ कंट्रोल भी पास में ही है और भिंबर गली के इस इलाके से घुसपैठ का पुराना इतिहास है।

आतंकी संगठन PAFF ने ली जिम्मेदारी

पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के फर्जी फ्रंट पीएएफएफ ने हमले की जिम्मेवारी ली है। पीएएफएफ यानी पीपल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट। जैश के इस फर्जी फ्रंट का मकसद कश्मीर को पाकिस्तान के साथ मिलाना है। लेकिन अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर जैश के बदनाम होने की वजह से पहली बार इस संगठन का नाम इतने बड़े हमले के सिलसिले में सामने आया है। आतंकी संगठन अरसे से जेके में विफल हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, घाटी में लगातार विफलता के बाद आतंकियों ने जम्मू संभाग का यह इलाका चुना दिखता है।

अब जांच के दौरान पता किया जाएगा कि हमले के लिए किस तरह के ग्रेनेड और हथियारों का इस्तेमाल किया गया? फॉरेंसिक जांच में इसका खुलासा हो पाएगा। हमला करने वाले कहीं आसपास ही छिपे हैं। इस लिहाज से आसपास के लंबे इलाके में तलाशी अभियान चल रहा है। या वह आतंकी हमला करने के बाद वापस एलओसी के उस पार चले गए। इस बारे में भी टेक्नीकल और अन्य तरीकों से पता लगाने की कोशिश हो रही है।

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