पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून को किया रद्द
पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून को किया रद्द
पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी कानून को किया रद्द:- बिहार की नीतीश सरकार को आज पटना हाईकोर्ट ने करारा झटका दिया है। बिहार में लागू शराबबंदी कानून को गैर-कानूनी करार देते हुए इसे रद्द कर दिया है। इससे पहले राज्य में नई उत्पाद नीति के तहत दोनों सदनों में इसे सर्वसम्मति से पास करा दिया गया था। इसके बाद बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद ने भी इसपर मुहर लगा दी थी।
शराब पर प्रतिबंध गैर-कानूनी है
आज पटना हाईकोर्ट में सारी दलीलों को सुनने के बाद यह फैसला लिया गया है कि शराब पर प्रतिबंध लगाना गैर-कानूनी है।
आज कोर्ट ने कहा है कि राज्य में अब देशी शराब पर प्रतिबंध रहेगा लेकिन विदेशी शराब मिलती रहेगी।
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को इस फैसले के बाद बहुत बड़ा झटका लगा है। इससे पहले इस साल हुए विधानसभा चुनाव में नीतीश ने महिला वोटरों से वायदा किया था कि अगर वह बिहार के मुख्यमंत्री बनते है तो पूरा प्रदेश में शराब की बिक्री बंद कर दी जाएगी।
हुआ भी कुछ ऐसा ही चुनाव जीतने के बाद नीतीश कुमार ने अपना वायदा पूरा किया और पूरा प्रदेश में शराब की ब्रिकी पर रोक लगा थी।
शराबबंदी एक तुगलकी फरमान
लेकिन बाद में इस कानून को सख्ती लाने की कोशिश की गई। शराबबंदी पर बनाए गए कानून में यह भी था अगर किसी घर में शराब मिलती है तो उस परिवार के मुखिया को जेल मे डाल दिया जाएगा।
इससे पहले नीतीश कुमार ने अगस्त में विधानसभा मे कहा कि बिहार में शराबबंदी करने का मतबल है बिढ़नी के छत्ते में हाथ डालना है और इसमें कुछ ही हो सकता है।
नीतीश अपने फैसले पर अडिग है और किसी भी सूरत में बिहार को नशामुक्त बनाकर ही सांस लेगें।
राज्य में नीतीश के इस तरह के फरमान को तुगलकी फरमान करार दे दिया गया था। बीजेपी नेता नंदकिशोर यादव ने कहा था कि वो शराबबंदी के खिलाफ नहीं है क्योंकि इसी शराब की वजह से उनकी बहू बेटियां विधवा हो रही है। लेकिन इस जिस तरह से इस कानून का पालन किया जा रहा है इसका ज्यादातर असर गरीब परिवारों पर पड़ा रहा है। घर में शराब होने पर पुलिस किसी में जेल में बंद कर देती है।