मोदी सरकार का नया बिल,CEC की नियुक्ति में कमेटी मे नहीं होंगे CJI
मोदी सरकार ने राज्यसभा मे पेश किया किया मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल की अवधि के लिए विधेयक। विपक्ष ने किया विरोध।
राज्यसभा में पेश हुआ एक नया बिल, चुनाव आयोग की नियुक्ति प्रक्रिया में ना हो मुख्य न्यायधीश की दखल, कांग्रेस और आप ने किया विरोध
केंद्र सरकार ने गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) की नियुक्ति, सेवा की शर्तों और कार्यकाल की अवधि के लिए राज्यसभा में एक नया बिल पेश किया गया है। इस बिल में देश के मुख्य चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) को बाहर करने का प्रस्ताव है। CJI के बजाय कानून एक केंद्रीय मंत्री को नियुक्ति समिति का हिस्सा बनाने की सिफारिश की गई है।
इस बिल के पास होते ही विपक्षी दल कांग्रेस और आप ने इसका विरोध शुरू कर दिया। कांग्रेस के महा सचीव जयराम रमेश ने शुक्रावार को तत्कालीन भाजपा संसदीय दल को 2012 का एक पत्र साझा किया। पत्र में, आडवाणी जी ने तब के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी से मांग की थी कि सीईसी और अन्य सदस्यों की नियुक्ति पांच सदस्यीय पैनल या कॉलेजियम द्वारा की जानी चाहिए, जिसमें प्रधानमंत्री, भारत के मुख्य न्यायाधीश, संसद के दोनों सदनों में विपक्ष के नेता और कानून मंत्री शामिल हों।
आडवाणी ने 2 जून, 2012 के इस पत्र मे लिखा था कि,”मौजूदा प्रणाली जिसमें चुनाव आयोग के सदस्यों को केवल प्रधानमंत्री की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है लोगों में विश्वास पैदा नहीं करता है।”
जयराम रमेश यह पत्र शेयर करते हुए कहा कि “केंद्र सरकार द्वारा लाया गया यह बिल न केवल लालकृष्ण आडवाणी के प्रस्ताव के खिलाफ है बल्कि 2 मार्च, 2024 के 5 न्यायधीशों की संवैधानिक पीठ के फैसले भी पलट देता है, जिसमें कहा गया था। “
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस विधेयक को ले कर एक ट्वीट करा है,जिसमें उन्होंने यह कहा है कि “प्रधानमंत्री जी देश के सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते। उनका संदेश साफ है कि सुप्रीम कोर्ट का जो आदेश उन्हें पसंद नहीं आएगा, वो संसद में कानून लाकर उसे पलट देंगे। अगर पीएम खुले आम सुप्रीम कोर्ट को नहीं मानते तो ये बेहद खतरनाक स्थिति है। केजरीवाल ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एक निष्पक्ष कमेटी बनाई थी। मोदी जी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटकर ऐसी कमेटी बना दी, जो उनके कंट्रोल में होगी। वो अपने मनपसंद व्यक्ति को चुनाव आयुक्त बना सकेंगे। इससे चुनावों की निष्पक्षता प्रभावित होगी।”
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com