मेरठ की लडकी ने खोजा जीका वायरस से निपटने का रास्ता
अमेरिका में जीका वायरस से निपटने के लिए वैज्ञानिकों को अपनी पहली कामयाबी मिल गई है। वैज्ञानिकों ने जीका वायरस की संरचना का पता लगा लिया है। इन वैज्ञानिकों में भारत की शोधार्थी देविका सिरोई भी शामिल है।
29 साल की देविका परड्यू यूनिवर्सिटी की डॉक्टरल छात्र है। इनका जन्म उत्तरप्रदेश के मेरठ शहर में हुआ है। जीका वायरस की संरचना का पता लगाने वाले सात सदस्यों वाली टीम में वह सबसे छोटी उम्र की है। अमेरिका में डिकोड करने वाली टीम में कुल सात सदस्य हैं, जिनमे से तीन प्रोफेसर और चार छात्र है।
ग्रहमंत्री राजनाथ सिंह ने देविका को उनकी इस कामयाबी के लिए बधाई दी और कहा की देविका सिरोही की उपलब्धि पर पूरे देश को गर्व है। देविका को बहुत-बहुत बधाई जो जीका वायरस की गुत्थी सफलतापूर्वक सुलझाने वाले अमेरिकी दल का हिस्सा है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि देविका ने न केवल अपने परिवार का बल्कि पूरे देश का सिर उंचा किया है।
सिरोही के माता-पिता डॉक्टर है और अपनी बेटी की इस सफलता से काफी खुश है। सिरोही ने अपनी स्कूल की पढाई मेरठ से पूरी की है। उन्होंने दिल्ली से बायोमेट्रिक में ग्रेजुएशन और टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च से मुंबई से मास्टर की डिग्री हासिल की है।