पढिए, भगवान राम के खिलाफ केस दर्ज कराने वाले ‘चंदन सिंह’ से खास बातचीत के अंश!
हाल ही में खबर आई थी कि बिहार के सीतामढ़ी में एक वकील ने भगवान राम के खिलाफ कोर्ट में महिला उत्पीड़न का केस दर्ज करवा दिया था, जिनका नाम है ठाकुर चंदन सिंह। चंदन सिंह ने भगवान राम पर आरोप लगाया था, कि उन्होंने एक धोबी की बात सुनकर अपनी पत्नी सीता को घर से निकाल दिया था, ऐसा करके भगवान राम ने माता सीता के साथ अत्याचार किया है।
हाल में हमारे चैनल “वन वर्ल्ड न्यूज” से चंदन सिंह ने खास बातचीत की, जिस दौरान उन्होंने अपने केस के पक्ष में कई बाते हमसे साझा की.. पेश है.. चंदन सिंह से की गई बातचीत के कुछ अंश…
- अचानक से भगवान राम पर केस करने की बात आपको कैसे सूझी?
हम बचपन से ग्रंथो को पढ़ते आ रहे हैं, रमायण भी इन ग्रंथो में से एक है.. रमायण को पढ़ते हुए हमेशा से मुझे एक बात काफी आहात पंहुचाती है कि एक धोबी के कहने पर भगवान राम ने अपनी पत्नी सीता को छोड़ दिया। यह माता सीता के लिए अन्याय था। इसलिए ही मैंने यह कदम उठाया। जब त्रेता युग की नारी को ही न्याय नही मिलेगा, कलयुग की नारी क्या उम्मीद कर सकती है।
- तो आप कोर्ट से क्या उम्मीद करते हैं, कि माता सीता को कैसे न्याय मिले?
मैं कोई भगवान राम को सजा नही दिलाना चाहता, बस चाहता हूं माता सीता को न्याय मिले। ताकि आगे किसी सीता को यूं अपमानित न होना पड़े।
- आपको केस दर्ज कराने से पहले राजनीतिक पार्टीयों का डर नही लगा?
नहीं, डर किस बात का.. मैने कुछ गलत नही किया है.. हां बस कुछ पार्टी इसे राजनीतिक मुद्दा बना रही हैं, कुछ ने मेरे खिलाफ केस भी दर्ज कराया है। मेरी मंशा किसी की भावनाओं को आहत पंहुचाना नही बल्कि सच्चाई के खिलाफ अवाज उठाना है।
- अब कोर्ट ने आपका केस तो वापस कर दिया है, आगे क्या करने का इरादा है?
यह कोई सवाल नही है, कि मैं आगे क्या करूंगा… मेरी मुहीम सच्चाई के साथ आगे भी चालू रहेगी।
- आपने फारूख अब्बदुला पर भी केस किया था, इसके पीछे क्या कारण था?
हां मैने उनके खिलाफ भी केस किया था, क्योंकि उन्होंने अपने एक बयान में यह कहा था कि हमारी पूरी आर्मी मिलकर भी आतंकवाद को खत्म नही कर सकती। मेरे मुताबित यह हमारे देश के उन जवानों का अपमान है जो हमारी सलामती के लिए दिन-रात सीमा पर तैनात रहते हैं।