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HRTC Bus Fare: हिमाचल में महिलाओं को इस खास सुविधा के लिए सुप्रीम कोर्ट ने लगाई मुहर…

हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट देने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने निजी बस ऑपरेटर रमेश कमल की याचिका को खारिज कर दिया है।

HRTC Bus Fare: जानिए याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने क्या कहा..


हिमाचल प्रदेश  में महिलाओं को एचआरटीसी बस में 50 फीसदी की छूट मिलती रहेगी। हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में 50 फीसदी छूट खत्म करने के मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी। हाईकोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया है। हाईकोर्ट में जस्टिस तरलोक चौहान और वीरेंद्र सिंह  की खंडपीठ ने इस याचिका पर सुनवाई की। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की इस योजना से ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को लाभ मिला है।

HRTC Bus Fare: हिमाचल प्रदेश में महिलाओं को बस किराये में 50 फीसदी छूट देने के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी मुहर लगा दी है। न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुयान की पीठ ने निजी बस ऑपरेटर रमेश कमल की याचिका को खारिज कर दिया है। अदालत ने हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले में हस्तक्षेप करने से साफ इंकार किया है।  हिमाचल हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह की खंडपीठ ने 16 दिसंबर 2022 को  महिलाओं के उत्थान में सरकार की ओर से लिए गए निर्णय को सही ठहराया था। खंडपीठ ने अपने निर्णय में कहा था कि सरकार के बजट का एक छोटा सा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों की लड़कियों को पढ़ने में मददगार होगा।

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याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कहा

याचिका पर सुनवाई के दौरान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि महिलाओं को एचआरटीसी बस में 50 फीसदी छूट मिलने से ग्रामीण इलाकों में साधनहीन परिवार की बेटियों को आगे बढ़ने का मौका है। इससे बसों में महिलाओं के बीच सुरक्षा का भाव भी बढ़ा है। गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश की जयराम सरकार ने 6 जून 2022 को महिलाओं के लिए एचआरटीसी बस में 50 फीसदी छूट की अधिसूचना जारी की थी। इससे पहले महिलाओं को बस में सफर करने पर 25 फीसदी की छूट मिलती थी। सरकार की ओर से दी गई यह छूट केवल हिमाचल प्रदेश के भीतर ही लागू होती है।

इस शख़्स ने दायर की थी याचिका

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट में बसों में 50 फीसदी छूट को खत्म करने की याचिका निजी बस ऑपरेटर रमेश कमल ने दायर की थी। याचिकाकर्ता रमेश कमल ने कहा था कि सरकार की इस छूट की वजह से निजी बस ऑपरेटरों को नुकसान का झेलना पड़ रहा है। इसी तरह सरकार की ओर से ग्रीन कार्ड की सुविधा के चलते भी निजी बस ऑपरेटर परेशानी से जूझ रहे हैं। अपने इन तथ्यों को लेकर याचिकाकर्ता ने इस छूट को रद्द करने की मांग की थी। हालांकि, याचिकाकर्ता को हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली।

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