Hindi News Today: दिल्ली कार ब्लास्ट केस: लाल किले के पास धमाके से देश हिला, अयोध्या भी था निशाने पर
लाल किला धमाका सिर्फ एक सुरक्षा घटना नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चेतावनी है कि भारत में आतंकवाद का खतरा अब भी जिंदा है। अगर जांच में विदेशी हाथ की पुष्टि होती है, तो भारत की कूटनीतिक और सैन्य प्रतिक्रिया और भी सख्त हो सकती है।
Hindi News Today: दिल्ली से अयोध्या तक फैली साजिश का पर्दाफाश
Hindi News Today: 10 नवंबर को लाल किला मेट्रो स्टेशन की पार्किंग में हुए धमाके ने पूरे देश को दहला दिया। सोशल मीडिया पर तरह-तरह की चर्चाएँ चल रही हैं, लेकिन आधिकारिक तौर पर अब तक बहुत कम जानकारी सामने आई है। हालांकि, जांच एजेंसियों ने इसे आतंकी साजिश के रूप में लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे “साजिश” बताते हुए कहा है कि “इस घटना के दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। इस विस्फोट की जांच अब देश की प्रमुख एजेंसी राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) के हवाले कर दी गई है।
आतंकवादी कार्रवाई के रूप में देखा जा रहा लाल किला धमाका
ऑपरेशन सिंदूर के बाद सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया था कि अब किसी भी आतंकी कृत्य को “युद्ध की कार्रवाई” माना जाएगा। ऐसे में इस हमले के बाद सख्त कदम उठाए जाने की संभावना है। प्रारंभिक जांच में मुख्य संदिग्ध पुलवामा निवासी उमर उन नबी का नाम सामने आया है। फरीदाबाद समेत कई अन्य जगहों पर बड़ी मात्रा में विस्फोटक मिलने से इस मामले के विस्तृत आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा मिल रहा है।
क्या दिल्ली धमाका एक बड़ी रणनीतिक साजिश का हिस्सा था?
2013 के पटना ब्लास्ट के बाद से कश्मीर के बाहर कोई बड़ी आतंकी घटना नहीं हुई थी। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या दिल्ली का यह धमाका अकेली घटना है या किसी बड़े पैटर्न की शुरुआत? आंकड़ों के अनुसार, 2025 में जम्मू-कश्मीर के बाहर 82 आतंकी संदिग्ध गिरफ्तार किए गए, जबकि 2024 में यह संख्या 80 थी यानी खतरा अब भी बना हुआ है।
तुर्की कनेक्शन और ‘उकासा’ का नाम आया सामने
जांच में खुलासा हुआ है कि इस साजिश की जड़ें तुर्की तक जाती हैं। सूत्रों के मुताबिक, उमर अपने तुर्की स्थित हैंडलर के संपर्क में था, जिसका कोडनेम ‘उकासा’ बताया जा रहा है। साजिशकर्ताओं ने तीन गाड़ियाँ खरीदी थीं एक i20 (जिसमें विस्फोट हुआ), एक लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट, और एक ब्रीजा। फोर्ड कार फरीदाबाद से बरामद हो चुकी है, जबकि ब्रीजा की तलाश जारी है।
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अयोध्या को भी था निशाना
एजेंसियों के अनुसार, आतंकियों की योजना 25 नवंबर को राम मंदिर पर भगवा झंडा फहराने के दौरान अयोध्या में हमला करने की थी। उन्होंने अमोनियम नाइट्रेट और आरडीएक्स का मिश्रण तैयार कर रखा था। माना जा रहा है कि धमाकों के बाद असॉल्ट राइफलों से फायरिंग करने की भी साजिश थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएँ तेज
इस धमाके के बाद राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसे “सरकार की विफलता” बताते हुए कहा कि,“राष्ट्रीय राजधानी में ऐसी घटना होना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। इतनी एजेंसियों की मौजूदगी के बावजूद सरकार नाकाम रही है। उन्होंने इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा की मांग की है। वहीं, संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन औपचारिक चर्चा से इनकार कर दिया गया।
भारत-पाक तनाव और आतंक का नया पैटर्न
धमाके के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी बढ़ा है। भारत में हुई घटना के कुछ घंटों बाद इस्लामाबाद में आत्मघाती हमला हुआ, जिसके बाद पाकिस्तानी पीएम शहबाज शरीफ ने भारत पर आरोप लगाया।
विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा भू-राजनीतिक हालात और पाकिस्तान की अमेरिका-चीन से नजदीकी ने आतंकी संगठनों का मनोबल बढ़ाया है। हालांकि भारत की सुरक्षा एजेंसियाँ अब पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हैं, फिर भी दिल्ली ब्लास्ट ने दिखाया है कि कोई भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह अभेद्य नहीं है।
गृह मंत्री अमित शाह का बयान
गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स (X) पर पोस्ट करते हुए कहा “इस कृत्य में शामिल हर व्यक्ति को हमारी एजेंसियाँ बख्शेंगी नहीं। उन्होंने इस मामले की जांच NIA को सौंपने का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह साजिश जैश-ए-मोहम्मद के मॉड्यूल से जुड़ी हो सकती है।
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