Hindi Journalism Day 2024: आज है हिंदी पत्रकारिता दिवस, जानें इसका इतिहास और भी बहुत कुछ
हिंदी पत्रकारिता के योगदान को सराहने और पत्रकारिता को बढ़ावा देने के लिए हर साल हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है। आप भी अपने मित्रों और परिचितों को इस दिन के बधाई संदेश भेज सकते हैं।
Hindi Journalism Day 2024: यह दिवस हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत को देता है श्रद्धांजलि, अनेक कार्यक्रम भी होते है इन दिन
Hindi Journalism Day 2024: मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तंभ है और पत्रकारिता यह सुनिश्चित करती है कि हम राज्य की वर्तमान घटनाओं के बारे में अच्छी तरह से अवगत रहें। पत्रकार दिन-रात काम करते हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हमें हर चीज की खबर जल्द से जल्द हमारे दरवाजे पर मिले। एक अखबार, एक टीवी चैनल और वर्तमान समय में, सोशल मीडिया, राय बनाने या बदलने की शक्ति रखते हैं। कहते हैं समाज को आइना दिखाने का काम पत्रकार करते हैं। पत्रकारिता (Journalism) में देश और समाज के मुद्दों, घटनाओं और समाचारों को देशभर के लोगों तक पहुंचाया जाता है और उन्हें अवगत कराने की कोशिश की जाती है। इस पत्रकारिता को बढ़ावा देने और सराहने के लिए ही हर साल 30 मई के दिन हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाता है।
हिंदी पत्रकारिता दिवस का इतिहास
साल 1826 में 30 मई के दिन ही हिंदी का पहला अखबार उदन्त मार्तण्ड निकाला गया था जिसके संपादक जुगल किशोर शुक्ला थे। इस पत्रकार के पहली बार छपने के दिन को ही हिंदी पत्रकारिता दिवस का दिन मान लिया गया। इस अखबार का प्रकाशन कलकत्ता के बड़ा बाजार इलाके में हुआ था। यह अखबार साप्ताहिक था और हर मंगलवार के दिन पाठकों तक पहुंचता था। उस समय भारत ब्रिटिश शासन के अधीन था। उदंत मार्तंड कलकत्ता से प्रकाशित होता था. प्रकाशन की तिथि 30 मई, 1826 थी। देश में हिंदी पत्रकारिता लगभग 198 वर्षों से मौजूद है। हिंदी पत्रकारिता के योगदान और देश के नागरिकों को सही जानकारी प्रदान करने के लिए दिन-रात मेहनत करने वाले पत्रकारों को सम्मानित करने के लिए 30 मई, 2024 को हिंदी पत्रकारिता दिवस मनाया जाएगा।
यह दिन हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत को श्रद्धांजलि देता है
हिंदी पत्रकारिता दिवस पर आप भी अपने मित्रों और परिचितों और खासकर पत्रकार साथियों को इस दिन के बधाई संदेश (Wishes) भेज सकते हैं। हर साल हिंदी पत्रकारिता दिवस 30 मई को मनाया जाता है। इस साल हिंदी पत्रकारिता दिवस गुरुवार को है। यह दिन हिंदी पत्रकारिता की शुरुआत को श्रद्धांजलि देता है, जिसने देश के हर व्यक्ति को सटीक जानकारी तक पहुंच प्रदान करके सशक्त बनाया है।
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इस दिन विभिन्न कार्यक्रम भी होते है
इस दिन विभिन्न कार्यक्रमों जैसे सेमिनार, चर्चा और पुरस्कार समारोह का आयोजन किया जाता है, जिसमें हिंदी पत्रकारों और हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र के सामने आने वाली चुनौतियों पर प्रकाश डाला जाता है। ये पहल जागरूकता बढ़ाने और पंडित जुगल किशोर शर्मा की स्थायी दृष्टि का सम्मान करने का काम करती हैं, जिनकी विरासत हिंदी पत्रकारिता के परिदृश्य को आकार दे रही है।
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