Hemant Soren: झारखंड सीएम हेमंत सोरेन को बड़ी राहत, ED की याचिका सुनने से SC का इनकार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है । शीर्ष अदालत ने सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ ED की याचिका सुनने से इनकार कर दिया है । बता दें कि भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सोरेन को गिरफ्तार किया था।
Hemant Soren: इस मामले में सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इनकार, ED ने रखा था ये तर्क
Hemant Soren: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय को बड़ा झटका दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन को जमानत देने के झारखंड हाई कोर्ट के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली ईडी की याचिका खारिज कर दी, जिसमें सोरेन को जमानत देने का आदेश दिया गया था। बता दें कि भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड मुक्ति मोर्चा नेता सोरेन को गिरफ्तार किया था। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि उच्च न्यायालय का 28 जून का आदेश ‘बहुत ही तर्कसंगत’ था।
सुप्रीम कोर्ट का दखल देने से इनकार
पीठ ने कहा, ‘हम विवादित आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष सोरेन ने 31 जनवरी को ED द्वारा मामले में गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले ही मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मामले में जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद, उन्होंने 4 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
पद का दुरुपयोग करने का आरोप
उच्च न्यायालय में सोरेन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए ईडी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया और रांची के बार्गेन इलाके में 8.86 एकड़ जमीन “अवैध रूप से” हासिल की। सोरेन के वकील ने तर्क दिया था कि केंद्रीय एजेंसी ने उन्हें आपराधिक मामले में झूठा फंसाया है।
ED ने रखा था ये तर्क
झारखंड के मुख्य मंत्री हेमन्त सोरेन को हाई कोर्ट से मिली जमानत पर रिहाई के खिलाफ दाखिल ED की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। ईडी ने हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए कहा है कि हाई कोर्ट का आदेश गैर कानूनी है यानी जमानत के लिए पीएमएलए एक्ट के प्रावधानों के खिलाफ है। साथ ही जमानत के आदेश में हाईकोर्ट की टिप्पणियां अवांछित और पूर्वाग्रह वाली हैं। हाई कोर्ट का ये कहना गलत है कि इस मामले में प्रथम दृष्टया हेमंत सोरेन के खिलाफ कोई मामला बनता ही नहीं है। इसके अलावा हाई कोर्ट के आदेश में कई प्रक्रियागत चूक और अनदेखी हुई है। ईडी ने कहा कि हाई कोर्ट की टिप्पणियां पक्षपातपूर्ण हैं।
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