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Hathras Satsang Stampede: यूपी के हाथरस में सत्संग के बाद भगदड़, 122 लोगों की मौत, 150 से ज्यादा लोग घायल, सामने आई हादसे की वजह

Hathras Satsang Stampede: उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मच गई। इस दौरान 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं।

Hathras Satsang Stampede: हाथरस सत्संग में भगदड़ के बाद बाबा फरार, आश्रम पर छापेमारी करने पहुंची पुलिस, प्रशासन की चूक आई सामने

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में नारायण साकार हरि भोले बाबा के सत्संग के दौरान मंगलवार को भगदड़ मच गई। इस दौरान 122 लोगों की मौत हो गई। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। वहीं हादसे में 150 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। सत्संग हाथरस से 47 किमी दूर फुलरई गांव में चल रहा था। इसमें 20 हजार से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। हादसे के बाद घायलों को टैंपो और बसों से हाथरस के अस्पताल लाया गया है। Hathras Satsang Stampede घायलों में कई की हालत गंभीर है, इसलिए मृतकों को संख्या बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। वहीं भगदड़ के बाद हाथरस के जिला अस्पताल में 100 से ज्यादा शव बिखरे पड़े हैं।

मिली जानकारी के अनुसार, जिले के सिकंदराराऊ कस्बे के पास एटा रोड पर स्थित गांव फुलरई में सत्संग के बाद बड़ा हादसा हो गया। भगदड़ का मुख्य कारण यह था कि यहां कथा कहने आए कथावाचक भोले बाबा का काफिला निकल रहा था। इस दौरान सत्संग में शामिल श्रद्धालु भी अपने घर को निकल रहे थे। Hathras Satsang Stampede बाबा के काफिले को निकालने के लिए भीड़ के एक हिस्से को रोका गया, इसी दौरान भगदड़ मच गई। इसमें तकरीबन 122 लोगों की मौत होना बताया जा रहा है। मृतकों में हाथरस और एटा के लोग शामिल हैं। वहीं मृतकों को अलीगढ़ और एटा पहुंचा दिया गया है। इस दौरान मौके पर डीएम आशीष कुमार और एसपी निपुण अग्रवाल भी रवाना हुए।

सीएम योगी ने किया मुआवजे का एलान Hathras Satsang Stampede

हाथरस की दुर्घटना पर मुख्यमंत्री ने दुख जताया है। गहन जांच के निर्देश दिए हैं। उन्होंने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख तथा घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक सहायता देने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री स्वयं पल-पल के घटनाक्रम पर सीधी नजर रख रहे हैं। उन्होंने दो मंत्री, मुख्य सचिव और डीजीपी को मौके पर भेजा है। मुख्यमंत्री ने एडीजी, आगरा और कमिश्नर, अलीगढ़ के नेतृत्व में टीम गठित कर दुर्घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। कार्यक्रम आयोजकों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और बड़ी कार्रवाई के भी निर्देश दिए गए हैं।

Hathras Satsang Stampede

हादसे के पीछे व्यवस्थापकों की गलती Hathras Satsang Stampede

मंगलवार की दोपहर लगभग 12.30 बजे सत्संग समाप्त होने के बाद भीड़ को रोक दिया गया था और भोले बाबा को पीछे के दरवाजे से निकाला जा रहा था। इससे अंदर दबाव बढ़ गया। वहां एक गहरा गड्ढा था, जिसमें कुछ लोग गिरे तो भगदड़ मच गई। लोग एक-दूसरे को रौंदकर निकलते रहे। गड्ढे में गिरकर कई लोगों की मौत हो गई। हाथरस में सत्संग करने आए कथावाचक भोले बाबा जिला कासगंज के पटियाली के बहादुर नगर के रहने वाले हैं। इनका मुख्य नाम एसपी सिंह है।

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कौन हैं भोले बाबा? Hathras Satsang Stampede

भोले बाबा ने 17 वर्ष पहले पुलिस में एसआई के पद से नौकरी छोड़ी थी और इसके बाद से सत्संग शुरू कर दिया था। बताया जा रहा है कि एसपी सिंह (भोले बाबा) ने नौकरी के दौरान ही मानव धर्म सेवा के उपदेश देना शुरू कर दिया था। वहीं, भोले बाबा और उनके अनुयायी आम तौर पर मीडिया से दूर ही रहते हैं। जहां हादसा हुआ, वहां भोले बाबा की फोटो वाला पोस्टर लगा हुआ है। यहीं सत्संग के लिए लोग जमा थे।

कुछ के सिर फूटे तो कई के हाथ-पैर टूट गए Hathras Satsang Stampede

हादसे के बाद घटनास्थल पर सन्नाटा छा गया था। सहमे हुए लोग वापस जा रहे थे। सत्संग हादसे में कुचले गए कई लोग गंभीर रूप से घायल हैं। कई लोगों के सिर फूट गए हैं, तो कई के हाथ-पैर टूट गए हैं। हाथरस अस्पताल में परिजन शव को सहेजते हुए नजर आए। वहीं सत्संग हादसे के समय मौजूद रहीं शकुंतला देवी ने बताया कि हजारों लोगों की भीड़ एकसाथ पंडाल से निकली और लोग कुचलते गए।

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CHC के बाहर जमीन पर बिखरे पड़े थे शव Hathras Satsang Stampede

आपको बता दें कि हादसे के बाद अस्पतालों में हालात भयावह हो गए। लाशों और घायलों को बस और टैंपो में भरकर सिकंदराराऊ CHC और एटा जिला अस्पताल, अलीगढ़ मेडिकल कॉलेज भेजा गया। CHC के बाहर शव जमीन पर इधर-उधर बिखरे पड़े थे। हालात ऐसे रहे कि लाशों को ओढ़ाने के लिए चादर तक नहीं थी। घायल जमीन पर तड़प रहे थे। उनका इलाज करने के लिए डॉक्टर नहीं थे।

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हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक आई सामने Hathras Satsang Stampede

हादसे में हाथरस प्रशासन की भयंकर चूक सामने आई है। कार्यक्रम की अनुमति देने से लेकर हादसे के बाद तक प्रशासन लाचार नजर आया। सुबह लाखों की भीड़ कार्यक्रम स्थल पहुंच चुकी थी, लेकिन सत्संग स्थल पर कोई भी बड़ा अफसर मौजूद नहीं था। सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे। कुछ पुलिसवाले थे, वह भी इधर-उधर टहल रहे थे। परिजन ही रोते-बिलखते शवों को उठा रहे थे। अफसर खड़े देखते रहे। न कार्यक्रम स्थल में और न ही अस्पताल में कोई इंतजाम था।

आयोजक मंडल के 22 लोगों के खिलाफ केस Hathras Satsang Stampede

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार सत्संग के बाद श्रद्धालु बाबा के काफिले के पीछे उनकी चरण रज लेने के लिए दौड़े थे। भीड़ को काबू में करने के लिए पानी की बौछारें फेंकी गईं। लोग भागने लगे, तभी एक-दूसरे पर गिरते गए.. कुचलने से इतनी मौतें हुईं। डीएम ने बताया कि एसडीएम ने कार्यक्रम की अनुमति दी थी। आयोजक मंडल के 22 लोगों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है। वहीं सीएम योगी ने कहा कि हाथरस की घटना हादसा है या साजिश, इसकी जांच होगी।

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भोले बाबा की तलाश कर रही पुलिस Hathras Satsang Stampede

आपको बता दें कि हादसे के बाद से बाबा फरार हैं। भोले बाबा की तलाश में पुलिस उनके मैनपुरी स्थित आश्रम पर छापेमारी करने पहुंची है। पुलिस हाथरस में सत्संग आयोजित करने वाले भोले बाबा की तलाश में राम कुटीर चैरिटेबल ट्रस्ट में तलाशी कर रही है। कार्यवाहक डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि जो भी व्यक्ति दोषी होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने अनुमति देते वक्त किन शर्तों को लगाया था, आयोजकों ने कितना पालन किया, इसकी जांच होगी। 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट आएगी।

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vrinda

मैं वृंदा श्रीवास्तव One World News में हिंदी कंटेंट राइटर के पद पर कार्य कर रही हूं। इससे पहले दैनिक भास्कर, दैनिक जागरण और नवभारत टाइम्स न्यूज पेपर में काम कर चुकी हूं। मुझसे vrindaoneworldnews@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है।
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