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Gaming Bill 2025: ई-स्पोर्ट्स और मनी गेम्स में फर्क समझिए, Gaming Bill 2025 से जुड़े अहम तथ्य

Gaming Bill 2025, भारत में पिछले एक दशक में इंटरनेट और स्मार्टफोन ने आम लोगों की जिंदगी बदल दी।

Gaming Bill 2025 : नए गेमिंग बिल के बाद ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री में मचेगी हलचल

Gaming Bill 2025, भारत में पिछले एक दशक में इंटरनेट और स्मार्टफोन ने आम लोगों की जिंदगी बदल दी। सस्ते डाटा और किफायती स्मार्टफोन ने न सिर्फ ‘डिजिटल इंडिया’ का सपना साकार किया बल्कि कई नई इंडस्ट्री को भी जन्म दिया। इन्हीं में से एक है ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग (RMG), जो तेजी से लोकप्रिय हुई और अरबों का कारोबार करने लगी।

भारत में रियल मनी गेमिंग की शुरुआत

हालांकि भारत में खेलों पर दांव लगाने का चलन नया नहीं है। सदियों से यहां सट्टेबाजी और जुए की परंपरा रही है। इस पर रोक लगाने के लिए ही जुआ कानून के दायरे में रखा गया। लेकिन डिजिटल दौर में इसे नया नाम मिला – रियल मनी गेमिंग। साल 2006 से 2010 के बीच मोबाइल इंटरनेट के प्रसार के साथ ही Ace2Three और RummyCircle जैसे शुरुआती प्लेटफॉर्म्स सामने आए। इन गेम्स ने भारतीयों को पहली बार ऑनलाइन पैसे लगाकर खेलने का अनुभव दिया।

Dream11 से आया असली बूम

भारत में रियल मनी गेमिंग का असली विस्तार Dream11 के जरिए हुआ। 2008 में लॉन्च हुए इस प्लेटफॉर्म ने 2012 में फैंटेसी क्रिकेट को पेश किया। क्रिकेट प्रेमी देश में यह ऐप बहुत तेजी से मशहूर हुई। लाखों यूजर्स ने इसे अपनाया और देखते-देखते हर तीसरे क्रिकेट फैन के फोन में Dream11 या इसी तरह का ऐप मौजूद रहने लगा।
2017 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने Dream11 को “गेम ऑफ स्किल” करार दिया और बाद में सुप्रीम कोर्ट ने भी इस फैसले पर मुहर लगा दी। इसी तरह रम्मी को भी पहले से ही स्किल-बेस्ड गेम माना जा चुका था। इससे ऑनलाइन रियल मनी गेमिंग को कानूनी वैधता का रास्ता मिला।

जियो की एंट्री और इंटरनेट का क्रांतिकारी बदलाव

साल 2016 में जियो की एंट्री ने भारतीय इंटरनेट बाजार को पूरी तरह बदल दिया। जहां पहले लोग महीने भर में मुश्किल से 1-2 जीबी डेटा इस्तेमाल करते थे, वहीं जियो ने डेली डाटा लिमिट देकर मोबाइल इंटरनेट को बेहद सस्ता बना दिया।
इस बदलाव ने ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। लाखों नए यूजर्स जुड़ने लगे और गेमिंग ऐप्स के डाउनलोड रिकॉर्ड तोड़ने लगे।

UPI और डिजिटल पेमेंट्स का योगदान

डिजिटल पेमेंट सिस्टम UPI ने भी रियल मनी गेमिंग को आसान बना दिया। लोग तुरंत अपने बैंक अकाउंट से पैसे जमा कर सकते थे और जीतने पर तुरंत निकाल भी सकते थे। यह सुविधा लोगों के लिए गेमिंग प्लेटफॉर्म पर पैसा लगाने का सबसे आसान तरीका बन गई।

कोविड-19 और गेमिंग का धमाका

कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन के दौरान लोग घरों में बंद थे। ऐसे समय में ऑनलाइन गेमिंग लोगों के मनोरंजन का बड़ा साधन बनी। इस दौरान लाखों यूजर्स ने Dream11, MPL और Games24x7 जैसे प्लेटफॉर्म्स का रुख किया। न सिर्फ घरेलू निवेशकों बल्कि विदेशी निवेशकों (FDI) ने भी इन प्लेटफॉर्म्स में जमकर पैसा लगाया। 2018 से 2021 के बीच इस इंडस्ट्री को 700 मिलियन डॉलर से ज्यादा का विदेशी निवेश मिला। यही वजह है कि Dream11 और MPL जैसे स्टार्टअप देखते-देखते यूनिकॉर्न बन गए।

भारतीय गेमिंग इंडस्ट्री का बढ़ता बाजार

भारत में रियल मनी गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ इतनी तेज रही कि 2023 तक इसका मार्केट साइज 3.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अनुमान लगाया जा रहा है कि 2029 तक यह आंकड़ा 9.1 अरब डॉलर तक जा सकता है। इस तेजी का मुख्य कारण यह है कि ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों की लगभग 86% कमाई रियल मनी फॉर्मेट से होती है। यानी यूजर्स असली पैसे लगाकर ही इन खेलों में ज्यादा दिलचस्पी दिखाते हैं।

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रियल मनी गेमिंग पर कानून की तैयारी

तेजी से बढ़ती इस इंडस्ट्री के साथ-साथ इसमें कई खतरे भी सामने आए। लाखों युवा इस लत में फंसने लगे, आर्थिक नुकसान झेलने लगे और कई मामलों में अपराध तक सामने आए। यही वजह है कि सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल (प्रोत्साहन और नियमावली) संसद में पेश किया। यह बिल लोकसभा और राज्यसभा दोनों से पास हो चुका है और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन जाएगा।

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क्या होगा नए बिल का असर?

इस नए बिल का सबसे बड़ा असर यह होगा कि ऑनलाइन गेमिंग और रियल मनी प्लेटफॉर्म्स पर सख्ती बढ़ जाएगी। ऐसे गेम्स जो केवल जुआ और सट्टेबाजी की श्रेणी में आते हैं, उन पर रोक लग सकती है। वहीं, ई-स्पोर्ट्स और स्किल-बेस्ड गेम्स को अलग पहचान मिलेगी। इसका मकसद है – युवाओं को लत से बचाना, निवेशकों और कंपनियों को साफ गाइडलाइन देना और देश में गेमिंग इंडस्ट्री को सुरक्षित और जिम्मेदार तरीके से आगे बढ़ाना। भारत में ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की कहानी इंटरनेट क्रांति और डिजिटल पेमेंट्स के साथ जुड़ी है। Dream11 जैसे प्लेटफॉर्म्स ने इसे नई ऊंचाई दी, तो कोविड-19 ने इसे बूस्ट दिया। लेकिन, रियल मनी गेमिंग के खतरे भी उतने ही बड़े हैं। यही वजह है कि सरकार ने Gaming Bill 2025 लाकर इस इंडस्ट्री को नियंत्रित करने और सुरक्षित बनाने का कदम उठाया है।

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