Farmers Protest: किसानों का आज ब्लैक फ्राइडे, युवा किसान की मौत के बाद गर्माया मामला, जानें क्या है पूरी बात
Farmers Protest: MSP पर गारंटी कानून की मांग कर रहे किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को घोषणा की है कि 23 मार्च को आक्रोश दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही शुक्रवार को दिल्ली मार्च पर फैसला लिया जाएगा।
Farmers Protest: किसानों का आक्रोश दिवस, 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत
Farmers Protest: देश भर के किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी और कृषि कर्ज माफी समेत अपनी मांगों को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ‘दिल्ली चलो’ मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। वहीं, अब किसानों के प्रदर्शन में संयुक्त किसान मोर्चा ने भी कड़ा रुख अपना लिया है।
MSP पर गारंटी कानून की मांग कर रहे किसानों के चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच किसान नेता राकेश टिकैत ने गुरुवार को घोषणा की है कि 23 मार्च को आक्रोश दिवस मनाया जाएगा। इसके साथ ही शुक्रवार को दिल्ली मार्च पर फैसला लिया जाएगा। इसके अलावा 26 फरवरी को देश के राजमार्गों पर संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से ट्रैक्टर मार्च आयोजित करेगा। वहीं, 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में महापंचायत बुलाई गई है। देश भर के किसान नेताओं से बात के बाद टिकैत ने कहा कि लोगों को सभी हाईवे के एक तरफ के उपयोग की अनुमति दी जाएगी।
युवा किसान की मौत ने बढ़ाया विरोध
आपकाे बता दें कि केंद्र सरकार से एमएसपी समेत अन्य मांगों को लेकर पंजाब और हरियाणा के किसान पिछले कई दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। सुरक्षा बलों के साथ झड़प में एक युवा किसान की मौत ने किसानों के विरोध को और बढ़ा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने कहा है कि आज शुक्रवार (23 फरवरी) को किसान ‘ब्लैक फ्राइडे’ मनाकर आंदोलन में शामिल होने के लिए तैयार हैं।
40 से ज्यादा भारतीय किसान संघों का साथ
भारतीय किसान यूनियन (BKU) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि एसकेएम दिल्ली की ओर हाईवे पर एक ट्रैक्टर मार्च भी आयोजित करेगा। किसान आंदोलन के साथ अब 40 से ज्यादा भारतीय किसान संघों का साथ है। एसकेएम ने किसानों से तीव्र विरोध प्रदर्शन के आह्वान में शुक्रवार को “जन आक्रोश” रैली करने को भी कहा है। इसके अलावा 26 फरवरी को नेशनल हाइवे पर एक राष्ट्रव्यापी ट्रैक्टर रैली और 14 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक महापंचायत भी होनी है।
महापंचायत में बिना ट्रैक्टर के शामिल होंगे किसान
बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान ट्रैक्टरों को हाईवे और दिल्ली जाने वाले रास्ते की ओर ले जाएंगे। यह एक दिवसीय कार्यक्रम होगा। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि, ”उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान 14 मार्च की महापंचायत में बिना ट्रैक्टर के शामिल होंगे। सरकार कहती रहती है कि वे हमें नहीं रोक रहे हैं तो देखते हैं कि वे हमें रोकेंगे या नहीं।”
सीएम खट्टर और मंत्री विज के इस्तीफे की मांग
संयुक्त किसान मोर्चा ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और राज्य के गृह मंत्री अनिल विज पर पंजाब-हरियाणा सीमा पर प्रदर्शनकारी किसान की “हत्या” के लिए मामला दर्ज करने की भी मांग की। एसकेएम नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने भी सीएम खट्टर और मंत्री विज के इस्तीफे की मांग की है।
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हरियाणा पुलिस की तरफ से बयान जारी
वहीं शुक्रवार को हरियाणा पुलिस की तरफ से बयान जारी करते हुए कहा गया कि पुनर्विचार करने के बाद फैसला लिया गया है कि किसान नेताओं के ऊपर एनएसए के तहत कोई केस दर्ज नहीं किया जाएगा। हालांकि, विरोध प्रदर्शन के दौरान सरकारी संपत्ति को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी रिकवरी जारी रहेगी।
दातासिंह-खनौरी बॉर्डर पर किसानों-पुलिस में संघर्ष
आपको बता दें कि किसान नेताओं के ऊपर एनएसए लगाने का आदेश उस वक्त जारी किया गया, जब बुधवार को हरियाणा के दातासिंह-खनौरी बॉर्डर पर किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष हुआ। किसानों को आगे बढ़ने से रोकने के लिए पुलिस ने उनके ऊपर आंसू गैस के गोले दागे और देखते ही देखते हालात बिगड़ने लगे।
आंदोलन में दो पुलिसकर्मियों की मौत
इसके बाद गुरुवार को हरियाणा पुलिस ने कहा कि किसानों के आंदोलन में अभी तक अंबाला जिले में दो पुलिसकर्मियों की मौत हुई है, जबकि 30 से ज्यादा जवान घायल हुए हैं। अपने बयान में पुलिस ने कहा कि विरोध प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं के खिलाफ एनएसए के तहत मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
किसान नेताओं ने की माहौल बिगाड़ने की कोशिश
इस संबंध में अंबाला पुलिस की तरफ से प्रेस रिलीज जारी करते हुए बताया गया कि किसान नेताओं ने सोशल मीडिया के जरिए भी माहौल को बिगाड़ने का प्रयास किया था। अपनी प्रेस रिलीज में हरियाणा पुलिस ने कहा, ‘दिल्ली चलो मार्च के तहत किसान लगातार शंभू बॉर्डर पर बैरिकेड को हटाने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, सार्वजनिक और सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।
पथराव में 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल
इसके साथ ही शांति व्यस्था को बिगाड़ने की कोशिश की। किसानों के पथराव में 30 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से एक जवान को ब्रेन हेमरेज हुआ है। इसके अलावा दो पुलिसकर्मियों की जान गई है। किसानों की वजह से सरकारी संपत्ति को जो नुकसान पहुंचा है, उसकी भरपाई किसान नेताओं से ही की जाएगी।’
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