Dog bite Compensation: देश के इस राज्य में बड़ा एलान, डॉग बाइट और पशु हमले का मुआवजा तय
Dog bite Compensation, देश में बेसहारा कुत्तों और अन्य जानवरों के हमले से होने वाली चोटों और हताहत मामलों को लेकर सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है।
Dog bite Compensation : डॉग बाइट पीड़ितों के लिए राहत योजना, जानिए कितना मिलेगा मुआवजा
Dog bite Compensation, देश में बेसहारा कुत्तों और अन्य जानवरों के हमले से होने वाली चोटों और हताहत मामलों को लेकर सरकार ने एक नई योजना की घोषणा की है। इस योजना के तहत डॉग बाइट (Dog Bite) और बेसहारा पशुओं के हमले में पीड़ित व्यक्ति को 10 हजार से 5 लाख रुपये तक का मुआवजा मिलेगा। यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा और पशु प्रबंधन के क्षेत्र में बड़ा बदलाव माना जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य न केवल पीड़ितों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है, बल्कि बेसहारा पशुओं के कारण होने वाले हादसों को भी कम करना है।
योजना का महत्व
भारत में बड़े शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में बेसहारा कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इन जानवरों के हमले अक्सर गंभीर चोटों, संक्रमण और मानसिक तनाव का कारण बनते हैं। कई बार छोटे बच्चे और वृद्ध इस समस्या के सबसे अधिक प्रभावित वर्ग होते हैं। डॉग बाइट और पशु हमला न केवल स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है, बल्कि इसके इलाज में भारी खर्च भी आता है। अस्पताल में इलाज, टीकाकरण और एंटीरेबिक दवाओं का खर्च कई परिवारों के लिए बोझ बन जाता है। इसीलिए सरकार ने मुआवजे की सीमा तय की है ताकि पीड़ित व्यक्ति को इलाज और पुनर्वास में आर्थिक मदद मिल सके।
मुआवजे की राशि
नई योजना के अनुसार, डॉग बाइट या बेसहारा पशु के हमले में पीड़ित व्यक्ति को मुआवजा राशि इस प्रकार दी जाएगी:
-10 हजार रुपये तक – हल्की चोट या मामूली घायल होने पर।
-50 हजार रुपये तक – गंभीर चोट या लंबे इलाज की आवश्यकता होने पर।
-1 लाख से 5 लाख रुपये तक – स्थायी विकलांगता या मृत्यु की स्थिति में।
इस प्रकार मुआवजा पीड़ित की चोट की गंभीरता और उपचार की लागत के अनुसार तय किया जाएगा।
मुआवजा लेने की प्रक्रिया
पीड़ित व्यक्ति मुआवजा प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनाएगा:
-घटना की रिपोर्ट – डॉग बाइट या पशु हमले की घटना स्थानीय पुलिस या नगरपालिका में दर्ज कराएं।
-चिकित्सीय प्रमाणपत्र – अस्पताल से उपचार और चोट की गंभीरता का प्रमाणपत्र प्राप्त करें।
-आवेदन जमा करना – संबंधित सरकारी विभाग या नगर निगम में मुआवजे के लिए आवेदन करें।
-जांच और निर्णय – विभाग मामले की जांच करेगा और मुआवजा राशि की घोषणा करेगा।
-मुआवजे का भुगतान – जांच के बाद तय राशि सीधे पीड़ित के बैंक खाते में भेजी जाएगी।
बेसहारा पशुओं के प्रबंधन का महत्व
डॉग बाइट मुआवजे की योजना केवल पीड़ितों की मदद तक सीमित नहीं है। इसका एक मुख्य उद्देश्य बेसहारा पशुओं के कारण होने वाले हादसों को कम करना भी है। नगर निगम और पशु कल्याण बोर्ड अब नियमित रूप से बेसहारा कुत्तों की संख्या पर नियंत्रण के उपाय करेंगे। नसबंदी (Sterilization) और टीकाकरण अभियान चलाए जाएंगे ताकि पशुओं से होने वाले संक्रमण और हमलों को रोका जा सके। लोगों को जागरूक किया जाएगा कि बेसहारा जानवरों से सावधानी बरतें और किसी भी पशु के प्रति हिंसक प्रतिक्रिया न दें।
योजना का प्रभाव
इस नई योजना के कई सकारात्मक प्रभाव होंगे:
-सार्वजनिक सुरक्षा में सुधार – लोग अधिक सतर्क रहेंगे और बेसहारा पशुओं के कारण होने वाली चोटें कम होंगी।
-आर्थिक राहत – पीड़ित व्यक्ति और परिवार को इलाज और पुनर्वास के लिए वित्तीय सहायता मिलेगी।
-पशु कल्याण – नसबंदी और टीकाकरण अभियान से बेसहारा कुत्तों की संख्या नियंत्रित होगी।
-सामाजिक जागरूकता – लोग पशुओं के प्रति जिम्मेदारी और सावधानी बरतना सीखेंगे।
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राज्य सरकार की पहल
यह योजना फिलहाल कुछ राज्यों में लागू की गई है, जिनमें प्रमुख राज्य हैं: [यहाँ राज्य का नाम डालें]। राज्य सरकार ने कहा है कि वे इसे जल्द ही अन्य जिलों और नगरपालिकाओं में भी विस्तारित करेंगे। सरकार ने आश्वासन दिया है कि मुआवजे की प्रक्रिया सरल और तेज़ होगी, ताकि पीड़ित को समय पर मदद मिल सके।डॉग बाइट और बेसहारा पशुओं के हमले में मुआवजे की यह नई योजना न केवल पीड़ितों के लिए राहत है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक जागरूकता संदेश भी है। यह कदम यह दर्शाता है कि सरकार सार्वजनिक सुरक्षा, पशु कल्याण और स्वास्थ्य संरक्षण को प्राथमिकता दे रही है।
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