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Cyclone Asna Update: क्या गुजरात में तबाही मचाएगा अरब सागर में उठा चक्रवात असना? जानिए क्या है IMD की रिपोर्ट?

गुजरात में शुक्रवार को मूसलाधार बारिश और बाढ़ का कारण बना गहन ‘अवदाब’ कच्छ के अपतटीय और पास के पाकिस्तानी इलाके में चक्रवात ‘असना’ में तब्दील हो गया। वर्ष 1976 के बाद से अरब सागर में अगस्त महीने में आया यह पहला चक्रवात है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी।

Cyclone Asna Update: पश्चिम की ओर बढ़ गया चक्रवाती तूफान ‘असना’, जानिए गुजरात पर क्या पड़ेगा प्रभाव?


Cyclone Asna Update: गुजरात में भारी बारिश और बाढ़ के बीच अरब सागर से आगे बढ़ रहा चक्रवात असना अब पाकिस्तान की ओर मुड़ रहा है। अरब सागर में बने असना (Cyclone Asna) से भारी बारिश और तेज हवाएं चलने का अनुमान व्यक्त किया है, हालांकि 30 अगस्त की सुबह से इसकी दिशा में बदलाव से थोड़ी राहत मिली है। पिछले साल कच्छ जिले के सौराष्ट्र ने बिपरजॉय का मुकाबला किया था। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सौराष्ट्र-कच्छ की तरफ चक्रवात असना को देखते हुए जिला कलेक्टर से बात की थी। आईएमडी ने बहुत भारी बारिश के लिए अलर्ट जारी किया है। सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में गहरे दबाव के कारण, तीन तटीय जिलों कच्छ, देवभूमि द्वारका और जामनगर में भारी बारिश हो रही है। राज्य में भारी बारिश और बाढ़ के बीच अभी तक कुल 37 लोगों की जान जा चुकी है।

जानिए गुजरात पर क्या पड़ा प्रभाव?

आईएमडी के अपने अलर्ट में कहा है कि 30 अगस्त को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ में भारी बारिश हो सकती है। अरब सागर से उठे चक्रवात के पाकिस्तान तटों की तरफ जाने की संभावना है। आईएमडी के अनुसार इस दौरान गुजरात के तटीय जिलों में 65 से 75 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से हवाएं चलेंगी। हवा की अधिकतम गति बीच-बीच में 85 तक भी जाएगी। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार राज्य में 140 जलाशय और बांध और 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। आईएमडी द्वारा गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र में भारी बारिश के अलर्ट के बाद तमाम सेवाओं को स्टैंडबाई का दिया गया है। मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल गांधीनगर के कंट्राेल रूम से खुद स्थिति पर नजर रख रहे हैं।

पश्चिम की ओर बढ़ गया चक्रवाती तूफान ‘असना’

वहीं, वर्ष 1944 में आए चक्रवात ने अरब सागर में उत्पन्न होने के बाद भीषण रूप ले लिया था। वर्ष 1964 में दक्षिण गुजरात तट के पास एक और अल्पकालिक चक्रवात विकसित हुआ और तट के पास कमजोर पड़ गया। वर्तमान में कच्छ के आसपास के क्षेत्रों में बना ‘अवदाब’ अपनी गति बढ़ाकर पश्चिम की ओर बढ़ गया है।

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दो दिनों तक भारतीय तट से दूर अरब सागर के ऊपर बढ़ता रहेगा

यह अगले दो दिनों तक भारतीय तट से दूर पूर्वोत्तर अरब सागर के ऊपर लगभग पश्चिम-उत्तरपश्चिम की ओर बढ़ता रहेगा। गहरा दबाव एक कम दबाव की स्थिति है, जिसमें हवा की गति 52 किलोमीटर प्रति घंटे से 61 किलोमीटर प्रति घंटे तक होती है, जबकि चक्रवात में हवा की गति 63 किलोमीटर प्रति घंटे से 87 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच होती है। यानी तीव्र दबाव की स्थिति चक्रवात बनने से पहले की स्थिति होती है।

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