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Uddeshya sachan Exclusive: कैसे कानपुर के उद्देश्य बन गए 150 वंचित बच्चों के पिता? जूनून, लगन और सच्चे मन की कहानी

Uddeshya sachan Exclusive: 150 वंचित बच्चों को शिक्षा देकर ला रहें हैं समाज में परिवर्तन कानपुर के उद्देश्य सचान, जानें उद्देश्य की कहानी

Highlights:

  • आज के समय में जब लोग अपनी करियर, अच्छी लाइफस्टाइल बनाने में लगे हैं इस दौड़ में कानपुर के एक शख्स हैं जो शिक्षा से वंचित बच्चों को जीवन की सबसे मूल्यवान चीज प्रदान कर रहे हैं।
  •  उस शख्स का नाम है उद्देश्य सचान। कानपुर के उद्देश्य सचान 150 वंचित बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं।

uddeshya sachan Exclusive : आज के समय में जब लोग अपनी करियर, अच्छी लाइफस्टाइल बनाने में लगे हैं इस दौड़ में कानपुर के एक शख्स हैं जो शिक्षा से वंचित बच्चों को जीवन की सबसे मूल्यवान चीज प्रदान कर रहे हैं। उस शख्स का नाम है उद्देश्य सचान। कानपुर के उद्देश्य सचान 150 वंचित बच्चों को मुफ्त में शिक्षा दे रहे हैं।

एनसीईआरटी के सातवें सर्वे के अनुसार देश में 10,30,996 मान्यता प्राप्त प्राइमरी, अपर प्राइमरी, सेकेंडरी और उच्च सेकेन्ड्री सरकारी स्कूल हैं। लेकिन किताबी ज्ञान के अलावे हम इन स्कूलों में बच्चों को और कुछ सीखाने में सफल नहीं हो पा रहे हैं। ख़ास कर के जीवन के मूल्यों को समझा पाने में हम असफल हैं।

 

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उद्देश्य सचान कानपुर के वंचित बच्चें जो स्कूली शिक्षा ले पाने में असमर्थ हैं उन्हें मुफ्त में पढ़ाते हैं। उद्देश्य कागजी ज्ञान के अलावे बच्चों को जीवन जीने का सार भी सिखाते हैं। गुरूकूलम – खुशियों वाला स्कूल के नाम से उद्देश्य एक विद्यालय चलाते हैं जहां शहर भर से बच्चे शिक्षा प्राप्त करने आते हैं। वर्तमान में कुल 150 बच्चों का समूह उद्देश्य के गुरुकुलम में शिक्षा ले रहे हैं।

फिलॉसफी में स्नातक प्राप्त उद्देश्य ने साल 2019 में गुरूकूलम की एक मार्कर और बोर्ड से शुरुआत की और आज यह खुशियों वाला स्कूल कानपूर के कई शिक्षा विहीन बच्चों को शिक्षित कर रहा है।

सोशल मीडिया की ताकत मानते हुए उद्देश्य ने अपनी पहली पहल भले ही सोशल मीडिया के पर्दे के पीछे से की लेकिन आज उनको यह ताकत कई ऐसे मददगार हाथों से जोड़ रही है जिससे इनका उद्देश्य इन्हें और अच्छी तरह सफल होता नज़र आता है।

वन वर्ल्ड न्यूज़ हमेशा ही ऐसी स्टोरीज़ को सामने लाने की कोशिश में रहता है जो न ही सिर्फ ऐसी कहानियों को मुख्य परवेश में लाता है बल्कि इन कहानियों से समाज को प्रेरणा भी प्रदान करता है। हमने उद्देश्य सचान से इंस्टाग्राम लाइव पर बात की और उनसे उनके काम और उनके उद्देश्य के बारे में जानने की कोशिश की।

ऐसे बच्चे जिनके माता – पिता नहीं हैं और जो पढ़ने की इच्छा रखते हैं उनके लिए उद्देश्य चार सालों से गुरूकूलम चला रहे हैं जहां बच्चों को कागजी ज्ञान के साथ – साथ लाफ के स्किल भी सिखा रहे हैं।

उद्देश्य अपने पुराने दिनों को याद कर कहते हैं कि वह स्कूल में टॉपर थे और पढ़ाई – लिखाई में उन्हें बहुत दिलचस्पी भी थी। लेकिन एक चीज है जिनसे उन्हें भारत की शिक्षा प्रणाली से मलाल है वह है शिक्षा को रटी – रटाई तौर पर सिखाने की। जिस पर वह कहते भी हैं कि उन्हें किसी स्किल की जानकारी नहीं थी और वह एक अच्छी जॉब कर पाने में सफल नहीं हो पाए।

उद्देश्य अपनी पहली जॉब के बारे में कहते हैं कि उन्होंने दो – तीन दिनों के लिए एक आइस्क्रीम फैक्ट्री मे काम किया फिर उन्हें एक दिन एहसास हुआ की वह अपनी शिक्षा को बर्बाद कर रहे हैं। वह कहते हैं कि उस दिन उन्हें यह एहसास हुआ कि यह सिर्फ उनकी ही कहानी नहीं है ये कहानी न जाने कितना उद्देश्य की है जो सफर कर रहे हैं।


उद्देश्य कहते हैं कि कमरे के भीतर रहकर हम दुनिया से नहीं लड़ सकते। परिवर्तन करने के उद्देश्य से उद्देश्य फील्ड में उतरे हैं और लक्ष्य को साध कर आगे बढ़ रहे हैं।

अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com

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