Birthday special: राहुल गांधी के जन्मदिन पर जाने उनसे जुड़ी कुछ खास बातें
राहुल गांधी का राजनीतिक कैरियर
Rahul Gandhi Birthday special: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बार अपना 50वा जन्मदिन मना रहे है। राहुल गांधी का जन्म 19 जून 1970 को नई दिल्ली में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के घर हुआ था। राहुल गांधी, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के बड़े पुत्र है। और प्रियंका गांधी वाड्रा के बड़े भाई है। 2004 में लोकसभा चुनाव का ऐलान हुआ था, उस समय कांग्रेस ने राहुल गांधी के सियासत में आने का ऐलान कर दिया। राहुल गांधी ने अपने पिता के पूर्व निर्वाचन क्षेत्र अमेठी से लोकसभा चुनाव लड़ा। राहुल गांधी से पहले उनके चाचा संजय गांधी ने भी इसी क्षेत्र का नेतृत्व किया था। उस समय राहुल गांधी की माँ सोनिया गांधी यहां से सांसद थीं और उन्हें वहा से शानदार जीत हासिल हुई थी।
2006 में आंध्र प्रदेश के हैदराबाद में हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के एक सम्मेलन में पार्टी के हजारों सदस्यों ने राहुल गांधी से पार्टी में और महत्वपूर्ण नेतृत्व की भूमिका निभाने की गुजारिश की। इस पर राहुल गांधी ने कहा, “मैं इसकी सराहना करता हूं और मैं आपकी भावनाओं और समर्थन के लिए आभारी हूं, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं आपको निराश नहीं करूंगा” राहुल गांधी को 2007 में अखिल भारतीय कांग्रेस समिति का महासचिव नियुक्त किया गया। साथ ही राहुल गांधी को युवा कांग्रेस और भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी। 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी ने उत्तर प्रदेश की कुल 80 लोकसभा सीटों में से 21 जीतीं।
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राहुल गांधी का प्रारम्भिक जीवन
राहुल गांधी की प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के सेंट कोलंबस स्कूल में हुई है। इसके बाद राहुल गांधी प्रसिद्ध दून विद्यालय में पढ़ने चले गये। इस विद्यालय से तो राहुल गांधी के पिता राजीव गांधी ने भी पढ़ाई की थी। 1981-83 तक कुछ सुरक्षा कारणों से राहुल गांधी को अपनी पढ़ाई घर से ही करनी पड़ी थी। राहुल ने 1994 में हार्वर्ड विश्वविद्यालय के रोलिंस कॉलेज फ्लोरिडा से कला स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद सन 1995 में राहुल गांधी ने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के ट्रिनिटी कॉलेज से एम.फिल. की उपाधि प्राप्त की। 2013 में राहुल गांधी को कांग्रेस का उपाध्यक्ष बनाया गया था। 2013 से पहले राहुल गांधी का कांग्रेस में उपाध्यक्ष का पद नहीं होता था इसलिए कांग्रेस पार्टी में उनका महत्व बढ़ाने और उन्हें सोनिया गांधी का सबसे खास सहयोगी बनाने के लिए उन्हें पार्टी ने उपाध्यक्ष के पद का सृजन किया।
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