NEET PG Counselling: सूप्रीम कोर्ट ने दी काउंसलिंग को हरी झंडी, कोविड की तीसरी लहर के दौरान यह बड़ा फैसला
NEET PG Counselling: रेसिडेंट डाक्टरों की मांग हुई सफल! क्या अब होगी डाक्टरों की कमी पूरी? जरूरी बातें जो आपको होनी चाहिए पता
Highlights:
NEET PG Counselling: क्या है सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
OBC और EWS छात्रों को मिलेगा आरक्षण?
FORDA की क्या है राय इस फैसले पर?
NEET PG Counselling: सुप्रीम कोर्ट ने, NEET-PG 2021 पाठ्यक्रमों के काउंसलिंग आगे बढ़ाने के लिए अपनी हरी झंडी दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को मौजूदा आरक्षण मानदंडों के अनुसार 2021-2022 के शैक्षणिक सत्र के लिए NEET-PG और UG पाठ्यक्रमों के लिए काउंसलिंग फिर से शुरू करने की अनुमति दी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में NEET PG और UG में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) आरक्षण की वैधता को बरकरार रखा और केवल इस वर्ष के लिए आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS) कोटा को मंजूरी दी।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हमने NEET-PG और यूजी में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए 27 फीसदी आरक्षण की संवैधानिक वैधता को बरकरार रखा है। EWS यानि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए इस साल 10 फीसदी आरक्षण लागू होगा।’ EWS कोटे पर फैसला 3 मार्च 2022 को अंतिम सुनवाई के बाद लिया जाएगा।
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए एस बोपन्ना की स्पेशल बेंच ने आज फैसला सुनाया है और अपने
आदेश में उल्लेख किया, “प्रस्तुत करने के लिए NEET PG 2021 के लिए विस्तृत EWS मानदंड पर एक विस्तृत अंतरिम आदेश की आवश्यकता है। आदेश के कारणों के निर्धारण में कुछ समय और लगेगा।” .
अदालत ने आगे कहा “हम पांडे समिति की रिपोर्ट को स्वीकार करते हैं। NEET-PG और UG के लिए काउंसलिंग कार्यालय, ज्ञापन में दी गई अधिसूचना के अनुरूप होगी। EWS की पहचान करने के लिए उल्लिखित मापदंड का उपयोग किया जाएगा”।
#FORDA welcomes the judgement of Hon’ble #SupremeCourt of India pronounced today in the matter concerning #NEETPGCounselling2021 @PMOIndia @MoHFW_INDIA @MSJEGOI @ANI @LiveLawIndia @barandbench @MirrorNow @IndiaAheadNews @IndiaToday pic.twitter.com/eTefwdQ7Lm
— FORDA INDIA (@FordaIndia) January 7, 2022
डॉक्टर्स एसोसिएशन फेडरेशन ऑफ रेसिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन(FORDA) ने माननीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है।
Big relief-SC allows resumption of NEET-PG medical counselling process .. congratulations to all who secured their seat in #NEETPG2021 and to the protesting Doctors #neetpg2021counselling 👏👏🤲
— Dr Kafeel Khan (@drkafeelkhan) January 7, 2022
NEET UG और PG 2021 काउंसलिंग की तारीखों की सूची जल्द ही आने की उम्मीद की जा सकती है। आधिकारिक वेबसाइट www.neet.nic.in 2021, nbe.edu.in NEET काउंसलिंग 2021 के विवरण को अपडेट करेगी।
50 फीसदी AIQ सीटों के लिए NEET PG काउंसलिंग 25 अक्टूबर से शुरू होने वाली थी, लेकिन MCC ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद इसे स्थगित कर दिया था। MCC ने AIC NEET परामर्श योजना में कुछ बदलाव भी पेश किए हैं, मगर प्रक्रिया केंद्रीय संस्थानों के लिए पिछले वर्षों की तरह ही रहेगी।
अदालत ने पांडे समिति द्वारा निर्धारित EWS मानदंड की वैधता की जांच करने का फैसला किया और मार्च के तीसरे सप्ताह में सुनवाई के लिए याचिकाओं के बैच को सूचीबद्ध किया। कोर्ट ने गुरुवार को अपना आदेश सुरक्षित रखते हुए कहा कि राष्ट्रहित में काउंसलिंग शुरू होनी चाहिए।
केंद्र की ओर से पेश वकील जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और ए एस बोपन्ना के बेंच से कहा कि OBC आरक्षण असंवैधानिक है, यह कानूनी रूप से टिकाऊ नहीं है।
काउंसलिंग प्रक्रिया में देरी को लेकर हाल के दिनों में देश के कई हिस्सों में सरकारी अस्पतालों के रेसिडेंट डॉक्टरों द्वारा बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी देखा गया था।
Read more: 5G आ रहा है भारत के इन चुनिंदा 13 शहरों मे : यहाँ जानिए क्या आपका शहर है लिस्ट मे शामिल?
सरकार के आश्वासन और पुलिस के साथ बातचीत के बाद सप्ताह भर का आंदोलन, जो दिल्ली में एक दिन हिंसक भी हो गया था, उसके बाद मे वापस ले लिया गया था।
मामले के शुरुआती पहलू
पहले अप्रैल और मई में होने वाली NEET PG परीक्षा 2021 को महामारी की दूसरी लहर के कारण सितंबर 2021 तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। परीक्षा अंततः 11 सितंबर, 2021 को आयोजित की गई थी और परिणाम बाद में ऑनलाइन जारी किया गया था।
यह मामला राज्य सरकार के चिकित्सा संस्थानों में AQI सीटों पर केंद्र सरकार द्वारा OBC और EWS के लिए आरक्षण को चुनौती देने वाली याचिकाओं से संबंधित है।
न्यायालय विशेष रूप से जिन पहलुओं की जांच कर रहा था, उनमें से एक है, PG मेडिकल प्रवेश के लिए ईडब्ल्यूएस कोटा का लाभ उठाने के लिए ₹8 लाख की अधिकतम सीमा।
25 अक्टूबर को मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि जब तक कोर्ट इस पर फैसला नहीं ले लेता, तब तक पीजी मेडिकल कोर्स की काउंसलिंग शुरू नहीं होगी।
केंद्र सरकार ने बाद में 25 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह EWS आरक्षण के निर्धारण के मानदंडों पर फिर से विचार करने का प्रस्ताव कर रही है। इसके लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया।
मामले के कारण NEET PG पाठ्यक्रमों के लिए चल रही काउंसलिंग प्रक्रिया को रोक दिया गया था और इसके कारण दिल्ली में डॉक्टरों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन भी किया और मांग की कि मामले की सुनवाई में तेजी लाई जाए और काउंसलिंग और प्रवेश प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
फिर केंद्र ने 1 जनवरी को शीर्ष अदालत के समक्ष एक हलफनामा किया, जिसमें कहा गया कि NEET PG पाठ्यक्रमों में चल रहे प्रवेश के संबंध में EWS आरक्षण के निर्धारण के लिए ₹ 8 लाख वार्षिक आय सीमा के मौजूदा मानदंड पर टिके रहने का फैसला किया।
डॉक्टरों के विरोध ने केंद्र को इस मामले में जल्द सुनवाई की मांग करने के लिए भी प्रेरित किया, जिसके कारण यह मामला इस सप्ताह सूचीबद्ध किया गया और अंततः आज फैसला सुना दिया गया।
Conclusion: सूप्रीम कोर्ट के यह फैसला “देर आए, मगर दुरुस्त आए” वाली कहावत जैसा है। भारत इस समय COVID-19 के तीसरे लहर की शुरुआत में है। मामले हर दूसरे दिन दोगुने हो रहे है। रेसिडेंट डाक्टरों ने पहले भी मौजूदा डाक्टरों की संख्या में होने वाली कमी के बारे मे सचेत किया था। इस समय ऐसे ही फैसले की अवयशकता थी और उम्मीद है की जल्द से जल्द, ज्यादा से ज्यादा डाक्टर इस महामारी से लड़ने मे अपना बहुमूल्य योगदान देते नज़र आएंगे।
अगर आपके पास भी हैं कुछ नई स्टोरीज या विचार, तो आप हमें इस ई-मेल पर भेज सकते हैं info@oneworldnews.com