मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं की सूची ने रचा इतिहास, त्रिपुरा की चर्चा है सबसे ज्यादा
पहली बार छह महिला मंत्री ने ली शपथ, कोई डॉक्टर, तो कोई पोस्ट ग्रेजुएट
एनडीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान कल पहली दफा मंत्रिमंडल विस्तार किया गया। मंत्रिमंडल विस्तार से पहले कल 12 केंद्रीय मंत्रियों को सरकार ने बाहर का रास्ता दिखाया गया। जिसमें कुछ महत्वपूर्ण चेहरे भी शामिल थे, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक। इसके बाद कल शाम 6 बजे के बाद लगभग 79 मंत्रियों को नए मंत्रिमंडल में शामिल किया गया। जिसमें 15 केंद्रीय मंत्री और 28 राज्य मंत्री ने कल शपथ ली। इस फेरबदल पर लोगों द्वारा तरह-तरह के कायस लगाए जा रहे हैं। एक कयास तो इस बात का भी है कि उत्तरप्रदेश के आगामी चुनाव के देखते हुए यह फेरबदल किया गया है। जिसमें मंत्रियों की जाति को विशेष ध्यान में रखा गया है। कल हुए इस फेरबदल में यूपी से आघड़ी जाति से एक भी सांसद को मंत्रिमंडल शामिल नहीं किया गया है। इसके अलावा महिलाओं की उपस्थिति पर भी विशेष ध्यान देते हुए कुल 9 महिला मंत्रियों को कैबिनेट में शामिल किया गया है।
इन 9 महिला मंत्रियों में से सात ने राज्यमंत्रियों के तौर पर शपथ ली है। जिसमें से छह पहली बार मंत्री बनी हैं। जबकि यूपी के अनुप्रिया पटेल दूसरी बार मंत्री बनी है। अनुप्रिया एनडीए की पहली सरकार के दौरान भी मंत्री रह चुकी है। इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पहले ही मंत्रिपरिषद में शामिल है।
मोदी सरकार की कैबिनेट में लगातार महिलाओं की बढ़ती भागीदारी यह दर्शाती है कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के जिस वायदे के साथ भाजपा सत्ता में आई थी। उस पर वह कायम है। साल 2014 में चुनाव जीतने के बाद सत्ता भाजपा ने अपने कैबिनेट मे सात महिलाओं को मंत्री बनाया। उसके बाद हुए बदलाव में महिलाओं को संख्या को कम कर दिया गया था। लेकिन एक बार फिर हुए मंत्रिमंडल विस्तार में महिलाओं की बढ़ती संख्या यह दर्शाती है कि मोदी सरकार महिलाओं को भागीदारी को बढ़ी रही है। मंत्रिमंडल में जिन सात महिला मंत्री ने शपथ ली चलिए उनके बारे में जानते हैं।
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1- अनुप्रिया पटेल– कल हुए मंत्रिमंडल विस्तार में अनुप्रिया एक युवा चेहरा है। जिन्हें मोदी सरकार की पहली कैबिनेट में राज्य मंत्री बनाया गया था। अनुप्रिया मिर्जापुर की सांसद हैं और भाजपा की सहयोगी पार्टी अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। मोदी सरकार की पहले कार्यकाल के दौरान वह स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग की राज्यमंत्री थी। इस बार उन्हें वाणिज्य और उद्योग विभाग की राज्यमंत्री बनाया गया है। अनुप्रिया को मंत्री बनाए जाने पर राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि भाजपा साल 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कुर्मी वोट सुरक्षित करना चाहते है इसलिए इन्हें मंत्री बनाया गया है।
2- मीनाक्षी लेखी- साल 2014 में नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर वकील से सांसद बनी मीनाक्षी लेखी को कल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विदेश राज्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई है। मीनाक्षी भाजपा की महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी रह चुकी है। संसद में उन्हें कई मुद्दों पर बोलते हुए देखा गया है। मीनाक्षी लेखी ने राफेल सौदे को लेकर राहुल गांधी द्वारा प्रधानमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी को लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। जिसके बाद राहुल गांधी को माफी भी मांगनी पड़ी थी। आपको बता मंत्रिमंडल विस्तार के बाद वह पहली बार मंत्री बनी है।
3– शोभा कारंदलजे– सोलहवीं लोकसभा के दौरान साल 2014 में शोभा कारंदलाजे कर्नाटक के उदुपी चिकमंगलूरु सीट से जीतकर संसद पहुंची थी। लेकिन कल पहली बार उन्हें राज्यमंत्री को तौर पर शपथ ली है। शोभा भी राहुल गांधी के बयान से नखुश होकर उनकी सदस्यता रद्द करने की मांग कर चुकी है।
4- दर्शना जरदोश– दर्शाना सूरत की सांसद है। मंत्रिमंडल विस्तार के साथ ही इन्हें भी पहली बार मंत्री बनाया गया। दर्शना जरदोश राज्यमंत्री रेलवे और टैक्सटाइल है। इससे पहले वह राष्ट्रीय महिला मोर्चा की महसचिव और सूरत महानगरपालिका की पार्षद भी रह चुकी है। दर्शना साल 2009,2014,2019 से लगातार भाजपा की सांसद है।
5- अन्नपूर्णा देवी- अन्नपूर्णा देवी किसी जमाने में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की करीबी रह चुकी हैं। लेकिन साल 2019 के लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इन्होंने राजद का साथ छोड़ भाजपा का दामन थाम लिया और मात्र दो साल के अंदर मंत्री बन गई। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद इन्हें केंद्रीय शिक्षा राज्यमंत्री बनाया गया है। भाजपा में शामिल होने के पहले अन्नपूर्णा झारखंड में राजद की प्रदेश अध्यक्ष थी। वर्तमान में झारखंड के कोडरमा से सांसद हैं।
6- प्रतिमा भौमिक– प्रतिमा भौमिक ने कल केंद्रीय मंत्री के तौर पर शपथ लेकर एक इतिहास रच दिया। महिला के तौर पर वह त्रिपुरा क पहली सांसद है जिन्हें केंद्रीय मंत्री बनाया गया है। 52 साल की प्रतिमा को लोग प्यार से ‘प्रतिमा दीदी’ बुलाते हैं। वह मुख्य रुप से असम के सिलचर की रहने वाली है। सांइस में पोस्ट ग्रेजुएट प्रतिभा त्रिपुरा में भामयुमो की सदस्य भी रह चुकी है। यहां रह कर अपनी कड़ी मेहनत से उन्होंने लेफ्ट और कांग्रेस की सरकार को त्रिपुरा से हारकर भाजपा का अस्तित्व कायम किया है।
7– डॉ. भारती पावर – भारती पावर साल 2019 में डिंडोरी (महाराष्ट्र) लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर सांसद बनी थी। वह मुख्य रुप से एमबीबीएस डॉक्टर है। जिन्होंने मुख्य रुप से कुपोषण और पेयजल की समस्या पर काम किया है।
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