कृषि कानूनों के विरोध के बीच, कृषि बजट में किया गया इजाफा
देश को बनाने के बजाए बेचा जा रहा है.
कोरोना के बाद साल आज 2021-2022 का बजट पेश किया गया. आज सुबह वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण और राज्य वित्तमंत्री अनुराग ठाकुर संसद पहुंचे. उसके बाद साल 2021-22 का बजट पेश किया गया . बजट पर सरकार ने मुख्य रुप से स्वास्थ्य, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिफॉर्म के जरिए बूस्ट देने की कोशिश की है. स्वास्थ्य पर बजट पेश करते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले साल के कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग को बजट में बड़ी जगह दी गई है. जिसमें प्रयोगशालाओं की स्थापना, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, ब्लॉक्स में क्रिटिकल केयर सेंटर की स्थापना, टेस्टिंग लैब आदि को शामिल किया गया है.
कृषि बजट में इजाफा
लंबे समय से चल रहे तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच आज कृषि बजट भी पेश किया गया. जिसमें मोदी सरकार ने साल 2021 के कृषि सेक्टर के बजट के आंकडे पेश किया. इसके साथ ही कृषि सेक्टर के लिए 16.5 लाख करोड़ रुपये का बजट का ऐलान किया गया. जबकि पिछले साल 15 करोड़ आवंटित किए गए थे. इस साल के बजट में इजाफा किया गया है.जिससे सरकार द्वारा किसानों के साथ जो वायदे किए गया है वो पूरे किए जा सके.
सरकारी संस्थानों के लिए बजट
पिछले साल की तरह इस साल भी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो को 835.39 करोड़ आवंटित किया गया है. साल 2020-21 के मुकाबले इस साल कम कर दिया गया है. खबरों की मानें तो पिछले साल 67,000 करोड़ रुपए की बैंक धोखाधडी के मामले दर्ज किए गए थे. पिछले साल के बजट में शुरुआत में 802.19 करोड़ आवंटित किए गए थे. जबकि बाद में संशोधित करते हुए 835.75 करोड़ दिए गए थे.
विपक्ष की प्रतिक्रिया
बजट आते के साथ ही राजनीति लोगों ने अपनी प्रतिक्रिया देनी शुरु कर दी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि बजट ने केंद्र सरकार के साथ धोखा किया है. इस साल 325 करोड़ दिया गया है. पिछले 17 सालों से इतना ही बजट आवंटित किया जा रहा है. हम उम्मीद कर रहे थे कि इस साल इसमें इजाफा किया जाएगा लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. बिहार के विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि यह बजट देश निर्माण के लिए नहीं बल्कि देश बेचने के लिए था. देश की की संपत्तियों को बेच दिया गया है. जितनी संपत्तियां बची है उसे निजी क्षेत्र के हाथों में बेचा जा रहा है.
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