जीएसटी नियम में बदलाव जीएसटी दरो मे विभिन्न परिवर्तन जो 1 जनवरी 2022 से लागू हो सकते हैं।
जीएसटी नियम में बदलाव:- गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) में नए साल 2022 में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिलेंगे।वर्ष 2022 अपने साथ कई उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी दरो में बदलाव लाने के लिए तैयार है। टैक्स के बोझ से लोकप्रिय ई–कॉमर्स सेवाएं के महंगे होने की संभावना है, ईकॉमर्स वेबसाइटों पर ख़रीदारी की जाने से लेकर उपभोक्ता सामान जैसे जूते भी महंगे होंगे।
ओला, उबर, आदि के माध्यम से बुक किए गए राइड्स और स्विगी और ज़ोमैटो के माध्यम से दिए गए फ़ूड ऑर्डर भी आपकी जेब पर भारी पड़ सकते हैं।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने GST परिषद की सिफारिशों के आधार पर जूते जैसे अन्य चीजों पर लागू GST दरों में वृद्धि की जाएगी। इन सभी वस्तुओं पर नयी जीएसटी की दरे 1 जनवरी को लागू की जाएगी।
जीएसटी दरों में बढ़ोतरी से उपरोक्त सामानो पर खुदरा कीमते बढ़ जाएंगी फल स्वरूप उपभोक्ताओं के लिए और अधिक महंगा हो जाएगा सामान।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister of India) की अध्यक्षता में देश की राजधानी दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की 46वीं बैठक (GST Council 46th Meeting) अब खत्म हो गई है। नए साल के लिए अच्छी ख़बर ये है की, बैठक में कपड़ों पर जीएसटी दरें 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने पर सहमति नहीं बनी है। आम आदमी को इससे बड़ी राहत मिलेगी।
बिक्रम सिंह, हिमाचल प्रदेश के उद्योग मंत्री, का कहना है कि टेक्सटाइल पर जीएसटी बढ़ने के फैसले को स्थगित किया गया है और जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक फरवरी 2022 में होगी।
1 जनवरी से लागू होने वाले जीएसटी में होने वाले महत्वपूर्ण बदलाव नीचे विस्तार से दिये गए है।
जूतों की कीमतें बढ़ेंगी
1 जनवरी से फुटवियर, आदि की कीमतें अधिक हो जाएंगी क्योंकि आगे चलकर उन पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा जो अभी मात्र 5 प्रतिशत हुआ करता है। पहले रेडीमेड कपड़ों सहित कपास को छोड़कर सभी कपड़ा उत्पादों पर 12 फीसदी जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था मगर इसे सहमति नही मिली है। 1,000 रुपये से अधिक प्रति पीस तक के फुटवियर पर जीएसटी दर 5% से बढ़ाकर 12% कर दी गई है।
ऑनलाइन ट्रांसपोर्ट एग्रीगेटर जीएसटी के दायरे में आएंगे
जहां एक तरफ ऑटो-रिक्शा या टैक्सी ड्राइवरों द्वारा ऑफ़लाइन मोड के माध्यम से प्रदान की जाने वाली यात्री परिवहन सेवाओं पर छूट जारी रहेगी वही दूसरी तरफ ओला और उबर जैसे किसी भी ऑनलाइन परिवहन के माध्यम से प्रदान की जाने वाली ऐसी सेवाएं 1 जनवरी, 2022 से 5 प्रतिशत के जीएसटी योग्य हो जाएंगी, जिसके कारण ओला, उबर के माध्यम से बुक की गई ऑटो सवारी महंगी हो जाएंगी।
केंद्र सरकार ने घोषणा की है कि वह मौजूदा छूट को समाप्त करते हुए 1 जनवरी से ऑनलाइन बुक की गई ऑटो सवारी पर जीएसटी लगाएगी।
स्वीग्गी और ज़ोमैटो जैसे फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म, जीएसटी के दायरे में आएंगे
प्रभावी होने वाले परिवर्तनों में स्विगी और ज़ोमैटो जैसे ऑनलाइन खाद्य वितरण प्लेटफ़ॉर्म भी शामिल हैं। 1 जनवरी से उनके माध्यम से आपूर्ति की जाने वाली रेस्तरां सेवाओं पर, जीएसटी एकत्र करने और जमा करने के लिए उत्तरदायी बनाया जाएगा। उन्हें चालान जारी करने की भी आवश्यकता होगी। ऐसी सेवाओं से अंतिम उपभोक्ता पर कोई अतिरिक्त टेक्स का बोझ नहीं होगा क्योंकि अब तक रेस्तरां सरकार को जीएसटी जमा कर रहे थे।
केवल, जमा और चालान जुटाने के अनुपालन को अब खाद्य वितरण प्लेटफार्मों पर स्थानांतरित कर दिया गया है। प्लेटफॉर्म्स को सरकार के पास 5 प्रतिशत जीएसटी जमा करना होगा जो पहले उनके द्वारा की गई डिलीवरी के लिए रेस्तरां की ओर से किया जाता था।
यह कदम सरकार के अनुमानों के बाद आया है कि क्योकी पिछले दो वर्षों में खाद्य वितरण एग्रीगेटर्स द्वारा कथित रूप से कम टेक्स रिपोर्टिंग के कारण सरकारी खजाने को 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान झेलना पड़ा है। इन प्लेटफार्मों को जीएसटी जमा के लिए उत्तरदायी बनाने से टेक्स चोरी पर अंकुश लगेगा।
एटीएम से निकासी पर शुल्क मे बदलाव
1 जनवरी से, मुफ्त लेनदेन सीमा से अधिक एटीएम निकासी पर 20 रुपये के बजाय 21 रुपये प्रति लेनदेन लगाया जाएगा। यह तभी लगाया जाएगा जब ग्राहक मुफ्त लेनदेन की मासिक सीमा से अधिक लेनदेन करेंगे। ग्राहक को अपने बैंक के एटीएम से हर महीने पांच मुफ्त एटीएम लेनदेन (नकद और गैर-नकद लेनदेन) की अनुमति है।
अनिवार्य आधार प्रमाणीकरण
अन्य चोरी-रोधी उपाय और जीएसटी रिफंड का दावा करने के लिए अब आधार प्रमाणीकरण को अनिवार्य कर दिया गया हैं, उन मामलों में भी जहां जीएसटीआर -1 दाखिल करने की सुविधा को अवरुद्ध करना या जहां व्यवसाय ने टेक्स का भुगतान नहीं किया है।
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जीएसटी दरो मे ये बदलाव से कई व्यापारियो ने अपनी नराजगी व्यक्त की है। व्यापारी संगठन, केंद्र के फैसले को वापस लेने की मांग करते हुए कह रहे हैं कि, कीमतों में बदलाव से गरीबों पर भारी असर पड़ेगा। उन्होंने कहा है कि नए टेक्स परिवर्तन से सामानो की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे गरीब आदमी को खरीदते समय मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।
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