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किसान संगठनों और सरकार के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी रही बेनतीजा, अब अगली वार्ता 19 जनवरी को

सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद कल हुई सरकार और किसान के बीच पहली बैठक


कृषि के नये कानूनों के के खिलाफ लगातार चल रहे किसान आंदोलन को आज 51वां दिन है. कल किसानों संगठनों और केंद्र सरकार के बीच 9वें राउंड की बातचीत भी बेनतीजा रही. आज भी दोनों पक्षों के बीच गतिरोध बरकरार है. भले ही ये प्रदर्शनकारी किसानों और केंद्र सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत रही हो. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई कमेटी के बाद ये सरकार और किसान के बीच हुई पहली बैठक थी. लेकिन इस बार भी कुछ अलग नहीं दिखा. अभी भी किसान संगठनों की ओर से नए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की जा रही है. जबकि सरकार किसानों को सिर्फ संशोधनों का हवाला दे रही है. जिसके लिए किसान बिल्कुल भी तैयार नहीं है.  कल यानि की शुक्रवार को बैठक भी किसानों और सरकार के बीच बेनतीजा रहने के बाद अब सरकार और किसान संगठनों के बीच अब अगली वार्ता 19 जनवरी को दोपहर 12 होगी.

 

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जाने क्या हुआ था बैठक में

कल यानि की शुक्रवार को हुई किसानों और केंद्र सरकार के बीच नौवें दौर की बातचीत में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि हम तीनों कानूनों को वापस नहीं लेंगे.  लेकिन हम इन कानूनों में संशोधन करने को तैयार है। जबकि बैठक में  किसानों ने सख्त रुख अपनाया हुआ था.  किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को तीनों कानून तो वापस लेना ही पड़ेगा. उससे कम हम मानेगे नहीं.  नौवें दौर की बातचीत के दौरान कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसानों को गिनाया कि देश में बड़े स्तर पर किसान कानून के समर्थन में हैं.  वहीं दूसरी ओर किसानों का कहना है कि अगर किसान इस कानून का समर्थन कर रहे है तो देशभर में प्रदर्शन क्यों हो रहा है. कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अलावा रेलमंत्री पीयूष गोयल ने भी किसानों को बैठक में कृषि कानूनों से जुड़े फायदों को गिनाया. दूसरी तरफ अभी किसानों की तरफ से पंजाब में हुई छापेमारी, हरियाणा में किसानों पर लिए गए एक्शन का मामला उठाया गया. अब किसानों की मांग है कि सभी मुकदमे वापस लिए जाए.

 

26 जनवरी को किसान करेंगे ट्रैक्टर रैली

लगातार बेनतीजा हुई बातचीत के बीच किसान संगठनों का साफ कहना है कि हम लोग ब्रोकर्स नहीं चाहते.  हम लोग सीधे सरकार से बातचीत करना चाहते है. इतना ही नहीं किसानों ने सरकार से किसानों का समर्थन करने वालों के पीछे केंद्रीय एजेंसी लगाने से भी ‘बाज आने’ को कहा है. कल यानि की शुक्रवार को नौवें दौर की बातचीत के बाद किसान एकता मोर्चा की ओर से एक वीडियो फेसबुक पर शेयर किया गया है. इस वीडियो में किसानों के प्रति‍निधि अभिमन्‍यु ने बताया कि बैठक के दौरान हमने आंदोलरत किसानों की मदद करने वाले ट्रांसपोटर्स भाई और अन्‍य किसान साथियों को सरकार की एजेंसियों-एनआईए आदि की ओर से नोटिस भेजे जाने का मुद्दा उठाया है. उन्होंने सरकार से पूछा है कि आंदोलनरत किसानों की मदद करने वालों को सरकार क्यों परेशान करने की कोशिश कर रही है. इतना ही नहीं किसानों ने सरकार को जोर देकर कहा कि 26 जनवरी को हमारी ट्रैक्टर वाली रैली जरूर होगी.

 

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