World Hypertension Day 2023: आदतें जो बढ़ा सकती हैं आपका ब्लड प्रेशर, आज और अभी से कर लें इनसे तौबा
हाइपरटेंशन (Hypertension) यानी उच्च रक्तचाप की बीमारी के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 17 मई को वर्ल्ड हाइपरटेंशन डे (World Hypertension Day) मनाया जाता है।
World Hypertension Day 2023: जाने हाइपरटेंशन के लक्षण और बचाव के उपाय
World Hypertension Day 2023: हर साल 17 मई के दिन विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को इस जानलेवा बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके। हाइपरटेंशन से किस तरह बचाव किया जा सकता है यह काफी कम लोग जानते हैं।
हाइपरटेंशन, स्ट्रोक, दिल और किडनी की बीमारी के साथ वक्त से पहले मौत का कारण भी बनता है। हालांकि, हम में से काफी कम लोग यह जानते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर को ही मेडिकल भाषा में हाइपरटेंशन कहा जाता है। इसका जोखिम तब बढ़ जाता है जब लोग खराब लाइफस्टाइल जीने लगते हैं, डाइट पर ध्यान नहीं देते, वर्कआउट नहीं करते, साथ ही परिवार में इसका इतिहास और तनाव भी इस बीमारी की मुख्य वजह बन जाता है।
क्या है इस बार की थीम
इस साल यानी 2023 में विश्व हाइपरटेंशन दिवस की थीम है – ‘measure your blood pressure accurately, control it and live longer’, यानी अपना रक्तचाप सही मापिए और इसे कंट्रोल करके लंबी और भरपूर जिंदगी को जिएं। इस साल विश्व स्वास्थ्य संगठन इस स्पेशल थीम के जरिए उच्च रक्तचाप के जोखिमों के प्रति अवगत कराएं और इसके साथ ही कम आय वर्ग के परिवारों को रक्तचाप की जांच से संबंधित सटीक जानकारी देने के प्रयासों पर बल दिया जाएगा।
आमतौर पर कम आय वर्ग के लोग हाई बीपी की गंभीरता को जाने बिना इसकी जांच के प्रति कतराते हैं, ऐसे में उनको इस बीमारी की गंभीरता का अहसास कराने के साथ साथ बीपी मापने के आसान तरीकों की जानकारी दी जाएगी. इस लक्ष्य के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अन्य नेटवर्क के जरिए हाई बीपी को मापने और कंट्रोल करने के प्रति अवेयरनेस बढ़ाई जाएगी।
हाइपरटेंशन के कारण और जोखिम
हाइपरटेंशन एक मेडिकल कंडीशन है जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। जब शरीर की रक्त धमनियों की दीवारों पर लंबे समय तक खून का दबाव बढ़ जाता है तो इसे हाइपरटेंशन कहा जाता है। ऐसे में हार्ट नियमित गति की अपेक्षा ज्यादा तेजी से ब्लड को पंप करता है और धमनियों में रक्त का प्रेशर बढ़ जाता है।
ऐसे में दिल के दौरे का खतरा बढ़ जाता है। सामान्य रक्तचाप 120/80 मिमी एचजी के दायरे में आता है। अगर नीचे वाला आंकड़ा यानी 80 का आंकड़ा और नीचे गिरे तो ब्लड प्रेशर लो माना जाता है और अगर ऊपर वाला आंकड़ा 120 के पार जाता है तो उसे हाई यानी उच्च रक्तचाप माना जाता है।
आपको बता दें कि बढ़ती उम्र, तनाव, आनुवांशिक कारणों, लगातार खराब होती लाइफस्टाइल, गलत डाइट, ज्यादा वजन और भोजन में सोडियम की ज्यादा मात्रा के चलते ब्लड प्रेशर हाई होता है. इसके साथ साथ ज्यादा शराब का सेवन और धूम्रपान भी इसकी वजह कहे जा सकते हैं।
हाइपरटेंशन के लक्षण और बचाव के उपाय
हाइपरटेंशन के लक्षण शुरुआती तौर पर साफ नजर नहीं आते हैं. ब्लड प्रेशर बढ़ने के बाद रोगी को बहुत अधिक पसीना आता है, हार्ट बीट बढ़ जाती है, तनाव और चिंता के चलते शरीर में बेचैनी होती है, कोशिश करने पर भी नींद नहीं आती है, दिमाग में चिड़चिड़ापन हावी होता है। कभी कभी ज्यादा बीपी हाई होने पर चक्कर भी आते हैं और रोगी को उल्टी भी हो सकती है।
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आमतौर पर हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि सही लाइफस्टाइल और सटीक डाइट को फॉलो करके हाइपरटेंशन से बचाव किया जा सकता है।
पोषक डाइट का सेवन करना चाहिए, नमक का सेवन कम से कम करें, अपनी डाइट में हरी पत्तेदार सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, शराब और धूम्रपान ना करें तो हाइपरटेंशन से दूर रहने की कोशिशें सफल हो सकती हैं।
किन लोगों को नियमित जांच करवानी चाहिए
अगर इसका इलाज सही समय पर न शुरू किया जाए, तो इसकी वजह से कई गंभीर बीमारियों के साथ हार्ट अटैक की नौबत आ सकती है। ऐसा नहीं है कि चेकअप सिर्फ उन्हीं लोगों को करवाना चाहिए, जो किसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, या जिनके परिवार में हाइपरटेंशन का इतिहास है। 18 साल की उम्र के बाद सभी को कम से कम दो साल में एक बार अपना ब्लड प्रेशर जरूर चेक करना चाहिए।
हाई ब्लड प्रेशर होने पर जरूरी नहीं कि लक्षण नजर आएं। इसका पता तभी चलता है जब ब्लड प्रेशर की जांच की जाए। इसलिए बीपी की जांच जरूर करवाएं ताकि समय पर इलाज शुरू हो सके।