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World Alzheimer Day: वर्ल्ड अल्जाइमर डे 2025, जानिए अल्जाइमर के लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

World Alzheimer Day, हर साल 21 सितंबर को विश्व भर में World Alzheimer’s Day मनाया जाता है। यह दिन अल्जाइमर रोग और उससे जुड़ी अन्य प्रकार की डिमेंशिया (Dementia) के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने,

World Alzheimer Day : अल्जाइमर से जुड़ी भ्रांतियों को तोड़ने का दिन, वर्ल्ड अल्जाइमर डे

World Alzheimer Day, हर साल 21 सितंबर को विश्व भर में World Alzheimer’s Day मनाया जाता है। यह दिन अल्जाइमर रोग और उससे जुड़ी अन्य प्रकार की डिमेंशिया (Dementia) के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने, शोध को प्रोत्साहित करने और रोगियों एवं उनके परिजनों को सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
अल्जाइमर एक गंभीर न्यूरोडीजेनेरेटिव (Neurodegenerative) रोग है, जो विशेष रूप से बुजुर्गों में मानसिक क्षमता और याददाश्त पर असर डालता है। इस बीमारी का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर पहचान और सही देखभाल से मरीज की जीवन गुणवत्ता में सुधार किया जा सकता है।

अल्जाइमर रोग क्या है?

अल्जाइमर एक प्रगतिशील बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क की कोशिकाएं धीरे-धीरे कमजोर हो जाती हैं और मरने लगती हैं। इससे मस्तिष्क की संरचना और कार्यक्षमता प्रभावित होती है।
मुख्य लक्षणों में शामिल हैं:

-याददाश्त में कमी

-व्यक्ति का निर्णय लेने की क्षमता कमजोर होना

-व्यक्ति का समय, स्थान, लोगों की पहचान भूल जाना

-मनोवैज्ञानिक बदलाव जैसे भ्रमित होना, चिड़चिड़ापन, अवसाद आदि।

यह बीमारी विशेष रूप से 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों में देखने को मिलती है, लेकिन कभी-कभी युवाओं में भी अल्जाइमर के केस देखने को मिलते हैं, जिसे युवा-आयु अल्जाइमर (Early-onset Alzheimer’s) कहा जाता है।

वर्ल्ड अल्जाइमर डे का महत्व

अल्जाइमर रोग का इलाज आज तक खोजा नहीं जा सका है, लेकिन इसके प्रति जागरूकता फैलाकर और समय पर पहचान कर इसे नियंत्रित किया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और Alzheimer’s Disease International (ADI) द्वारा हर साल वर्ल्ड अल्जाइमर डे मनाने का उद्देश्य है:

-समाज में अल्जाइमर के प्रति जागरूकता फैलाना।

-रोगियों और उनके परिवारों को सही जानकारी और सहारा देना।

-अल्जाइमर से जुड़ी भ्रांतियों को तोड़ना।

-सरकारों और स्वास्थ्य संगठनों को अल्जाइमर रिसर्च और देखभाल के लिए प्रोत्साहित करना।

-मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझना।

वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर प्रमुख गतिविधियां

-अल्जाइमर जागरूकता कैंपेन
विभिन्न एनजीओ, हेल्थ ऑर्गनाइजेशन और सरकारी विभाग इस दिन अल्जाइमर जागरूकता कैंपेन चलाते हैं। इसके अंतर्गत पोस्टर अभियान, सेमिनार, वर्कशॉप्स, और ऑनलाइन वेबिनार आयोजित किए जाते हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग इस बीमारी के लक्षण और बचाव उपाय समझ सकें।

-फ्री स्क्रीनिंग और जांच शिविर
कई अस्पताल और स्वास्थ्य संगठन अल्जाइमर स्क्रीनिंग कैंप चलाते हैं, जहां बुजुर्गों की मेंटल हेल्थ चेकअप मुफ्त में की जाती है। इससे अल्जाइमर की शुरुआती पहचान हो जाती है और समय रहते इलाज शुरू किया जा सकता है।

-प्रशिक्षण और सपोर्ट ग्रुप्स
वर्ल्ड अल्जाइमर डे के मौके पर रोगियों के परिजनों के लिए स्पेशल सपोर्ट ग्रुप्स और ट्रेनिंग सेशन्स भी आयोजित किए जाते हैं। इनमें उन्हें समझाया जाता है कि कैसे वे अल्जाइमर मरीजों की देखभाल कर सकते हैं, उनका व्यवहार कैसे संभालना चाहिए और उन्हें भावनात्मक सहारा कैसे देना चाहिए।

-ऑनलाइन जागरूकता अभियान
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी #WorldAlzheimersDay जैसे हैशटैग से जागरूकता फैलाने के लिए पोस्ट्स, वीडियो, और इन्फोग्राफिक्स साझा किए जाते हैं। इससे लोग इस बीमारी के प्रति सजग होते हैं और खुद भी दूसरों को सजग करने में मदद करते हैं।

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अल्जाइमर रोग से बचाव के उपाय

हालांकि अल्जाइमर का कोई निश्चित इलाज नहीं है, फिर भी कुछ उपाय हैं, जिनसे इसके जोखिम को कम किया जा सकता है:

-मानसिक व्यायाम करें – पहेलियाँ हल करें, पढ़ाई करें, नई भाषाएँ सीखें।

-स्वस्थ आहार लें – फल, सब्जियाँ, नट्स और फिश ऑयल से भरपूर आहार।

-नियमित व्यायाम करें – वॉकिंग, योग, साइकलिंग आदि से मस्तिष्क स्वस्थ रहता है।

-सामाजिक संपर्क बनाए रखें – परिवार और दोस्तों के साथ समय बिताएं।

-पर्याप्त नींद लें – मस्तिष्क को ठीक से काम करने के लिए अच्छी नींद जरूरी होती है।

-स्ट्रेस कम करें – ध्यान (Meditation), प्राणायाम और शारीरिक गतिविधि से स्ट्रेस को नियंत्रित करें।

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भारत में अल्जाइमर का परिदृश्य

भारत में हर साल अल्जाइमर से प्रभावित बुजुर्गों की संख्या बढ़ रही है। अनुमानित तौर पर भारत में लगभग 40 लाख से अधिक लोग डिमेंशिया के शिकार हैं, जिनमें अल्जाइमर का सबसे बड़ा हिस्सा है।
लेकिन अल्जाइमर को लेकर सही जानकारी का अभाव और सामाजिक स्टिग्मा इसकी सही पहचान और उपचार में बाधक बन रहा है। इसी कारण वर्ल्ड अल्जाइमर डे पर विशेष रूप से जागरूकता अभियान चलाया जाता है, ताकि समाज में इसकी सही समझ विकसित हो। World Alzheimer’s Day सिर्फ एक दिन नहीं है, बल्कि यह पूरी दुनिया में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने का अभियान है। समय पर अल्जाइमर की पहचान, सही उपचार, और उसके प्रति समझ विकसित करके हम न केवल मरीज की जिंदगी में सुधार ला सकते हैं, बल्कि उनके परिवार को भी बेहतर सहयोग प्रदान कर सकते हैं।

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